एशिया कप: रोमांचक मुकाबले में भारत ने बांग्लादेश को 3 विकेट से हराया, 7वीं बार बना चैंपियन

कुलदीप यादव और केदार जाधव की शानदार गेंदबाजी के बाद आखिरी ओवरों में संयमित बल्लेबाजी के दम पर भारत ने शुक्रवार को बेहद रोमांचक मुकाबले में बांग्लादेश को तीन विकेट से हराकर सातवीं बार एशिया कप जीत लिया।

फोटो: सोशल मीडिया 
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आईएएनएस

मौजूदा विजेता भारत ने शुक्रवार देर रात दुबई अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में खेले गए एशिया कप-2018 के फाइनल में बांग्लादेश को आखिरी गेंद तक खिंचे रोमांचक मुकाबले में तीन विकेट से मात देकर सातवीं बार खिताब पर कब्जा जमाया। बांग्लादेश की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए अच्छी शुरुआत के बाद भी 48.5 ओवरों में 222 रनों पर ढेर हो गई। भारत ने इस लक्ष्य को सात विकेट खोने के बाद आखिरी गेंद पर हासिल कर खिताब अपने नाम किया। भारत ने इससे पहले 1984, 1988, 1990-91, 1995, 2010 और 2016 में एशिया कप का खिताब जीता था। वहीं बांग्लादेश तीसरी बार भी फाइनल में पहुंच कर खिताब से महरूम रह गया। 2016 में खेले गए पिछले संस्करण में भी भारत ने बांग्लादेश को ही मात देकर ट्रॉफी उठाई थी।

लिटन दास अगर 121 रनों की पारी नहीं खेलते तो बांग्लादेश का 200 पार जाना भी मुश्किल था। यह दास का पहला शतक था और इसी के दम पर बांग्लादेश बचाव करने लायक स्कोर तक पहुंच सकी। उन्हें इसी पारी के कारण मैन ऑफ द मैच का खिताब मिला।

भारत के लिए लक्ष्य का पीछा करना उतार-चढ़ाव से भरा है। भारत ने तेज शुरुआत की लेकिन पांचवें ओवर की चौथी गेंद पर शिखर धवन रुबले हुसैन की गेंद को मिडऑफ के ऊपर से खेलने के प्रयास में सौम्य सरकार के हाथों लपके गए। 35 के कुल स्कोर पर भारत को दूसरा झटका लगा। वहीं 46 के कुल स्कोर पर भारत ने अंबाती रायडू के रूप में अपना दूसरा विकेट खोया। यहां से कुछ छोटी-छोटी साझेदारियां कर भारत लक्ष्य के करीब पहुंच रहा था। रोहित शर्मा एक छोर से बांग्लादेश के लिए संकट बने हुए थे। दिनेश कार्तिक उनका अच्छा साथ दे रहे थे। स्कोर 83 तक पहुंच चुका था, लेकिन यहीं रुबेल की गेंद पर नजमुल इस्लाम ने रोहित का कैच पकड़ भारत को बड़ा झटका दिया। रोहित ने 55 गेंदों में तीन चौके और इतने की छक्कों की मदद से 48 रन बनाए।

कार्तिक और महेंद्र सिंह धोनी के बीच भी अच्छी साझेदारी पनप रही थी, लेकिन यह जोड़ी अपनी असल लय पकड़ पाती उससे पहले कार्तिक 137 के कुल स्कोर पर महामुदुल्लाह की गेंद पर पगबाधा करार दे दिए गए। धोनी ने केदार जाधव (नाबाद 23) के साथ एक और साझेदारी करने की कोशिश की। यह जोड़ी अभी सिर्फ 23 रन ही टीम के खाते में जोड़ पाई थी कि 160 के कुल स्कोर पर धोनी मुस्ताफीजुर रहमान की गेंद पर मुस्ताफिकुर रहीम के हाथों लपके गए। जाधव को इस दौरान हैमस्ट्रिंग में समस्या हुई और इसी कारण वह 167 के कुल स्कोर पर 38वें ओवर में रिटायर्ड हर्ट हो गए और 47.2 ओवर में लौट कर आए। तब तक हालांकि रवींद्र जडेजा और भुवनेश्वर कुमार ने सातवें विकेट के लिए 45 रनों की साझेदारी कर भारत को लक्ष्य के करीब पहुंचा दिया। लगा कि यह जोड़ी भारत को जीत दिला देगी तभी रुबेल की एक गेंद जडेजा के बल्ले का हल्का से किनारा लेकर रहीम के हाथों में जा समाई। तभी जाधव ने कदम रखा। मुस्ताफीजुर रहमान ने दो रन बाद भुवनेश्वर को भी पवेलियन भेज दिया। यहां से जाधव और कुलदीप यादव ने एक-एक रन लेकर टीम को जीत दिलाई।

इससे पहले, कुलदीप और जाधव ने अपनी स्पिन से बांग्लादेशी मध्य क्रम को धवस्त कर उसके बड़े स्कोर के सपने को तोड़ दिया। जाधव ने अहम समय पर भारत को विकेट दिलाए। कुलदीप ने तीन विकेट अपने नाम किए। बांग्लादेश के तीन बल्लेबाज रन आउट हुए।

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