कोच विवाद ने मुझे और परिवार को परेशान किया, अब मेरा पूरा ध्यान क्रिकेट पर: मिताली राज

न्यूजीलैंड दौरे की तैयारियों में जुटी भारतीय महिला वनडे टीम की कप्तान मिताली राज ने फिर से ध्यान क्रिकेट पर वापस लाने पर जोर दिया। वह टी-20 वर्ल्ड कप के विवादास्पद समापन के बाद टीम गलत कारणों से सुर्खियों में थी।

फोटो: सोशल मीडिया 
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आईएएनएस

हाल ही में वेस्टइंडीज में खेले गए टी-20 विश्व कप में विवाद के कारण चर्चा में रहीं भारत की महिला वनडे टीम की कप्तान मिताली राज ने कहा है कि उस विवाद ने उन्हें और उनके परिवार को काफी परेशान किया, लेकिन अब वह उसे छोड़कर आगे बढ़ना चाहती हैं। मिताली ने शनिवार को कहा कि उनका ध्यान अब आगामी न्यूजीलैंड दौरे पर है।

टी-20 विश्व कप के दौरान सेमीफाइनल में मैच में मिताली को बाहर बैठाने के बाद काफी विवाद हुआ था। इस दौरान मिताली और टीम के पूर्व कोच रमेश पवार के बीच मतभेदों की खबरों ने बाजार में गर्मी पकड़ी थी। मिताली ने इस संबंध में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को पत्र भी लिखा था। मिताली ने एक कार्यक्रम में कहा, “जिस तरह से चीजें हुईं जाहिर सी बात है कि वह अच्छी नहीं थीं। इसने हर किसी को अलग-अलग तरीके से प्रभावित किया।”

उन्होंने कहा, “मैं सिर्फ इतना कह सकती हूं कि बीते कुछ दिन मेरे और मेरे माता-पिता के लिए काफी तनावपूर्ण रहे। साथ ही मेरे साथ के लोगों के लिए भी यह मुश्किल था। इसने निश्चित तौर पर महिला क्रिकेट को सही तरह से पेश नहीं किया।”

उन्होंने कहा, “जब आप खिलाड़ी के क्रिकेट से बाहर के मुद्दों के बारे में बात करते हैं तो ध्यान खेल पर से हट जाता है। अब हमारे सामने एक और दौरा है। अब समय है कि हम आगे बढ़ें और सकारात्मक रहें।” भारत को न्यूजीलैंड दौरे पर 5 वनडे और 3 टी-20 मैच खेलने हैं। इस दौरे की शुरुआत 24 जनवरी से वनडे मैच के साथ होगी।

विवाद में टी-20 टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर और मिताली के बीच मतभेदों की खबरें भी आई थीं, जिससे टीम दो भागों में बंट गई थी। मिताली से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “हम देखेंगे। जब 15 खिलाड़ी, सपोर्ट स्टाफ एक साथ आते हैं तो यह बड़ा परिवार होता है। एक परिवार में हमेशा विचारों में मतभेद रहते हैं। हर किसी का एक नजरिया नहीं हो सकता। कुछ मुद्दे होंगे, ऐसा होता है।”

मिताली ने इस तरह के विवाद को दूसरी श्रेणी का करार देते हुए कहा, “इस तरह के मुद्दे हमारे लिए दूसरी श्रेणी के होते हैं। दूसरी श्रेणी की चीजें हमेशा प्राथमिकता नहीं बन सकतीं।”

भारत को दो बार विश्व कप के फाइनल में पहुंचाने वाली मिताली ने कहा, “लेकिन जब आप मैदान पर एक राष्ट्रीय टीम के तौर पर जाते हो और देश के लोगों का प्रतिनिधित्व करते हो, तब मैदान पर हम एक होते हैं। हम एक टीम के तौर पर आते हैं। हम अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। हम वहां अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए हैं। एक पेशेवर खिलाड़ी के तौर पर जब हम मैदान पर जाते हैं तो हमें पता है कि हमारा काम क्या है।”

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