पैरालंपिक: योगेश कथूनिया ने डिस्कस थ्रो में जीता सिल्वर मेडल,44.38 मीटर का थ्रो कर दूसरा स्थान हासिल किया

टोक्यो पैरालंपिक में डिस्कस थ्रो में सिल्वर मेडल जीतने वाले खिलाड़ी योगेश कठुनिया ने कहा कि मैंने सिल्वर मेडल जीता है, मुझे बहुत अच्छा लग रहा। मैं अपनी मां और PCI(पैरालंपिक कमेटी ऑफ इंडिया) को धन्यवाद करना चाहता हूं।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

भारत के योगेश काथुनिया ने यहां जारी टोक्यो पैरालम्पिक में शानदार प्रदर्शन करते हुए पुरुष डिस्कस थ्रो एफ56 वर्ग में रजत पदक जीता। योगेश ने फाइनल में 44.38 मीटर का थ्रो कर दूसरा स्थान हासिल किया। ब्राजील के सांतोस डोए क्लाउडिने बतिस्ता ने 45.59 मीटर का थ्रो कर नया पैरालम्पिक रिकॉर्ड बनाया और स्वर्ण पदक जीता।

क्यूबा के लियोनार्ड एलांडाना डियाज ने 43.36 मीटर के थ्रो के साथ कांस्य पदक जीता।
24 वर्षीय योगेश एक समय स्वर्ण पदक की दौड़ में थे लेकिन बतिस्ता ने अपने पहले थ्रो में 44.57 का थ्रो किया। बतिस्ता ने अपने छठे प्रयास में पैरालम्पिक खेल का रिकॉर्ड सेट किया।

योगेश के रजत पदक जीतने के साथ ही भारत ने टोक्यो पैरालम्पिक में कुल पांचवां पदक हासिल कर लिया है। भारत ने अब तक इस पैरालम्पिक में एक स्वर्ण, तीन रजत और एक कांस्य पदक जीता है।


टोक्यो पैरालंपिक में डिस्कस थ्रो में सिल्वर मेडल जीतने वाले खिलाड़ी योगेश कठुनिया ने कहा कि मैंने सिल्वर मेडल जीता है, मुझे बहुत अच्छा लग रहा। मैं अपनी मां और PCI(पैरालंपिक कमेटी ऑफ इंडिया) को धन्यवाद करना चाहता हूं।

टोक्यो पैरालंपिक में डिस्कस थ्रो F56 में सिल्वर मेडल जीतने वाले खिलाड़ी योगेश कठुनिया के घर बहादुरगढ़ में उनके परिवारजनों और रिश्तेदारों ने जश्न मनाया।

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