सीरीज जीतने के बाद रवि शास्त्री और कप्तान कोहली को लेकर रोहित शर्मा बोले- नए रोल में की मदद

मैच के बाद रोहित ने कहा, “जिस तरह की सीरीज यह रही उससे मैं काफी सकारात्मक चीजें सीख सकता हूं खासकर नई गेंद को कैसे खेलना है। विश्व भर में कहीं भी नई गेंद को खेलना परेशानी भरा होता है।”

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

रोहित शर्मा ने दक्षिण अफ्रीका के साथ खत्म हुई टेस्ट सीरीज में पहली बार खेल के लंबे प्रारूप में सलामी बल्लेबाजी की। रोहित इसमें काफी सफल भी रहे। रोहित ने कहा है कि इस नए रोल में टीम के कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री ने उनकी काफी मदद की। रोहित ने कहा कि यह उनके लिए शीर्ष क्रम में बल्लेबाजी करने के लिहाज से शानदार शुरुआत थी और इसे अब वह जाने नहीं देना चाहते।

भारत ने यहां जेएससीए स्टेडियम में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में दक्षिण अफ्रीका को पारी और 202 रनों से मात दे तीन मैचों की टेस्ट सीरीज 3-0 से अपने नाम की। इस सीरीज में रोहित ने 529 रन बनाए जिसमें दो शतक और एक दोहरा शतक शामिल है। इस प्रदर्शन के लिए रोहित को प्लेयर ऑफ द सीरीज चुना गया।

मैच के बाद उन्होंने कहा, "जिस तरह की सीरीज यह रही उससे मैं काफी सकारात्मक चीजें सीख सकता हूं खासकर नई गेंद को कैसे खेलना है। विश्व भर में कहीं भी नई गेंद को खेलना परेशानी भरा होता है।"


उन्होंने कहा, "यह मेरे लिए अच्छी शुरुआत रही इसलिए मैं इसे जाने नहीं देना चाहता। मुझे पता चला की पारी की शुरुआत में आपको अनुशासन में खेलना होता है। एक बार आप जब जम जाते हो तो आप अपना खेल खेल सकते हो। मैंने यही किया। मैंने कुछ निश्चित चीजों का पालन किया जिससे मुझे सफलताएं मिलीं।"

रोहित ने कोहली और शास्त्री का सलामी बल्लेबाज की जिम्मेदारी देने के लिए शुक्रिया अदा किया।उन्होंने कहा, "आपको टीम प्रबंधन, कोच, कप्तान की जरूरत होती है। इससे काफी मदद मिली।"

शास्त्री ने भी रोहित की तारीफ की और कहा, "जब आप पारी की शुरुआत करते तो आपको अलग मानसिकता के साथ जाने की जरूरत होती है। एक सलामी बल्लेबाज के तौर पर, आप 10 गेंद में आउट हो सकते हैं। आप तब पिच के बारे में जानते भी नहीं हो।" रोहित ने यहां के झारखंड राज्य क्रिकेट संघ (जेएससीए) में खेले गए आखिरी टेस्ट में 212 रनों की पारी खेली।


शास्त्री ने कहा, "पहले दिन विकेट बेहद मुश्किल थी। लेकिन वह पहले दो घंटे बल्लेबाजी करने में सफल रहे। उन्हें कई गेंदें छोड़नी पड़ीं, कई बार बीट हुए, पैड पर भी गेंदें खाईं, लेकिन उनकी सोच विकेट पर टिके रहने की थी।"

(आईएएनएस इनपुट के साथ)

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