सायना नेहवाल ने जीता इंडोनेशिया मास्टर्स का खिताब, ऐसा करने वाली बनीं पहली भारतीय महिला खिलाड़ी

सायना नेहवाल ने खिताब जीतने के बाद कहा कि मैं अभी चोट से उबरी हूं। मैंने इस टूर्नामेंट यह देखने के लिए हिस्सा लिया कि मैं कितनी अच्छी हूं, और मुझे खुशी है कि मैं मलेशिया में सेमीफाइनल और यहां फाइनल खेलने में कामयाब रही।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल ने इंडोनेशिया मास्टर्स का खिताब अपने नाम कर लिया। पिछले दो सालों में सायना का यह पहला बीडब्ल्यूएफ खिताब है। सायना ने इससे पहले 2016 में बीडब्ल्यूएफ सुपर सीरीज ऑस्ट्रेलियन ओपन खिताब जीता था।

टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में सायना की प्रतिद्वंद्वी स्पेन की कैरोलिना मारिन चोट के कारण रिटायर्ड हर्ट हो गई और भारतीय खिलाड़ी को विजेता घोषित किया गया।

मैच सिर्फ सात मिनट तक चल पाया था कि अपना पहला स्मैश लगाने के बाद तीन बार की वर्ल्ड चैम्यिपन मारिन के दाएं घुटने में चोट लग गई। उन्होंने चोट के बावजूद कोर्ट पर वापसी करने की कोशिश की और भारतीय खिलाड़ी के खिलाफ पहले गेम में 10-4 की बढ़त भी बना ली लेकिन वह आगे नहीं खेल पाईं।

सायना इस खिताब को जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी बन गई हैं। मैच के बाद उन्होंने कहा, "हम सभी के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण साल है। यह हमारे लिए अच्छा नहीं रहा। वह एक कठिन प्रतिद्वंद्वी है, उन्होंने अच्छी शुरुआत की और आज जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है।"

सायना को भी पिछले साल पैर में चोट भी लगी थी। उन्होंने कहा, "मैं अभी चोट से उबरी हूं। मैंने इस टूर्नामेंट यह देखने के लिए हिस्सा लिया कि मैं कितनी अच्छी हूं और मुझे खुशी है कि मैं मलेशिया में सेमीफाइनल और यहां फाइनल खेलने में कामयाब रही। मैं अगले टूर्नामेंट में खेलने के लिए उत्साहित हूं।"

उन्होंने शनिवार को महिला एकल के सेमीफाइनल में चीन की हे बिंग जियाओ को 18-21, 21-12, 21-18 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया था, वहीं मारिन ने अपने सेमीफाइनल मैच में चीन की चेन युफेई को 21-17, 11-21, 21-23 से हराकर खिताबी मुकाबले में जगह बनाई थी।

दूसरी ओर, डेनमार्क के बैडमिंटन खिलाड़ी आंद्रेस एंटोनसेन के लिए भी रविवार का दिन बेहद खास रहा। वह इंडोनेशिया मास्टर्स का खिताब जीतने वाले डेनमार्क के पहले पुरुष खिलाड़ी बन गए हैं।

पुरुष एकल वर्ग के फाइनल में आंद्रेस ने बड़ा उलटफेर करते हुए वल्र्ड नम्बर-1 केंटो मोमोटा को मात दी। वल्र्ड नम्बर-20 आंद्रेस ने एक घंटे और 19 मिनटों तक चले संघर्षपूर्ण मुकाबले में मोमोटा को 21-16, 14-21, 21-16 से हराकर खिताबी जीत हासिल की।

आंद्रेस का सामना चौथी बार जापान के खिलाड़ी मोमोटा से हुआ था और उन्हें पहली बार मोमोटा के खिलाफ जीत हासिल हुई है। इससे पहले तीन मैचों में आंद्रेस को हार का सामना करना पड़ा था।

इसके अलावा, इस टूर्नामेंट के महिला युगल वर्ग का खिताब जापान की मिसाकी मात्सुटोमो और अयाका ताकाहाशी की अनुभवी जोड़ी ने जीता लिया है।

मिसाकी और अयाका की जोड़ी ने फाइनल मुकाबले में 40 मिनटों के भीतर दक्षिण कोरिया की किम सो येओंग और कोंग ही योंग की जोड़ी को सीधे गेमों में 21-19, 21-15 से हराकर खिताबी जीत हासिल की।

चीन के झेंग सिवेई और हुआंग याक्वि ओंग की जोड़ी ने इंडोनेशिया के तोनतोवी अहमद एवं लिलीयान नात्सिक की जोड़ी को तीन गेमों तक चले कड़े मुकाबले में 19-21, 21-19, 21-16 से हराकर पुरुष युगल वर्ग का खिताब अपने नाम किया।

मिश्रित युगल वर्ग का खिताब इंडोनेशिया के मार्कस गीडेओन और केविन सुकामुल्जो ने जीता। उन्होंने फाइनल मैच में मोहम्मद अहसान और हेंद्रा सेतियावान की हमवतन जोड़ी को 21-17, 21-11 को हराया।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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