भारत-बांग्लादेश के बीच होने वाले दूसरे टी-20 मुकाबले पर संकट के बादल, और सबसे तेज एक हजारी बना दिल्ली टी-20

‘महा’ नामक तूफान भारत के पश्चिम तट से दूर जा रहा था, लेकिन इसने करवट ली है और अब यह गुजरात तट की ओर बढ़ रहा है। तूफ़ान को देखते हुए भारत बांग्लादेश के बीच राजकोट में होने वाला दूसरा टी-20 मुकाबला खतरे में दिखाई दे रहा है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

भारत और बांग्लादेश के बीच नई दिल्ली में खेले गया पहला टी-20 वायु प्रदूषण के कारण लगातार खतरे में था। हालांकि मैच बिना किसी परेशानी के हुआ। अब दोनों टीमें राजकोट में दूसरा टी-20 मैच खेलेंगी, लेकिन इस मैच पर भी मौसम की बुरी नीयत पड़ रही है। ‘महा’ नामक तूफान भारत के पश्चिम तट से दूर जा रहा था, लेकिन इसने करवट ली है और अब यह गुजरात तट की ओर बढ़ रहा है।

क्रिकेट कॉमेंटेटर हर्षा भोगले ने ट्वीट किया, "और अब, राजकोट में होने वाले मैच से पहले, छह-सात नवंबर को पश्चिम तट पर तूफान के आने का अंदेशा है, जिस कारण सौराष्ट्र तट पर मछुआरों के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है। उम्मीद है कि यह यहां रहने वाले लोगों के लिए परेशानी वाला न हो। इस साल मौसम काफी अनिश्चित रहा है।"


स्काइमेट वेदर के मुताबिक, तूफान के गुजरात तट तक आते-आते कमजोर होने की उम्मीद है।

स्कायमेट के मुताबिक, "यह सिस्टम दियू और पोरबंदर के बीच सात नवंबर को कम हो सकता है और उस समय हवा की स्पीड 80-90 किलोमीटर प्रति घंटे होगी।"

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सबसे तेज एक हजारी बना दिल्ली टी-20

राष्ट्रीय राजधानी के अरुण जेटली स्टेडियम में रविवार को भारत और बांग्लादेश के बीच खेला गया टी-20 मैच इतिहास के पन्नों में दर्ज हुआ, क्योंकि यह 1000वां टी-20 अंतर्राष्ट्रीय मैच था। इसमें एक और ऐतिहासिक बात यह भी है कि खेल के सबसे छोटे और तेज तर्रार प्रारूप ने हजार का आंकड़ा भी बाकी के दो प्रारूपों-टेस्ट और वनडे से काफी जल्दी छुआ। कम समय में दर्शकों को सीटों से उठाने वाले प्रारूप टी-20 को दुनिया भर में काफी पसंद किया जाता है। इसकी बढ़ती लोकप्रियता के कारण टेस्ट क्रिकेट के अस्तित्व पर भी संकट मंडराने लगा है। इसीलिए क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप को बचाने के लिए कई जतन किए जा रहे हैं जबकि टी-20 शताब्दी की स्पीड से प्रंशसकों दिल में उतर रहा है और कई आंकड़े छू रहा है।


टी-20 को 1000 का आंकड़ा छूने में कुल 14 साल लगे। पहला टी-20 फरवरी 2005 में आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया था। यह प्रारूप जब आया था तो इसकी आलोचना भी हुई थी। इसे क्रिकेट पर खतरा बताया गया था। कई देशों ने लंबे समय तक इस प्रारूप को लागू नहीं किया था।

भारत ने ही अपना पहला टी-20 मैच तकरीबन डेढ़ साल बाद एक दिसंबर 2006 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था। लेकिन समय के साथ इसकी लोकप्रियता बढ़ती चली गई और आईसीसी ने इस प्रारूप में दर्शकों की दिलचस्पी को देखते हुए विश्व कप आयोजित करने का फैसला किया। दक्षिण अफ्रीका में 2007 में खेले गए विश्व कप में भारत ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में जीत हासिल की थी और अभी तक कुल छह टी-20 विश्व कप खेले जा चुके हैं।

आलम यह है कि कोई भी टीम जब किसी भी देश का दौर करती है तो यह लगभग तय होता है कि दोनों टीमें टी-20 सीरीज तो खेलेंगी ही। इसी के दम पर टी-20 ने एक हजार मैच का अंकाड़ा वनडे और टेस्ट से पहले छुआ। वनडे को जहां एक हजारी बनने में 24 साल लगे।

टी-20 ने जितनी तेजी से यह आंकड़ा छुआ है, उसके एक और बड़ा तथा प्रमुख कारण आईसीसी का पिछले साल अप्रैल में लाया गया वो नियम है, जिसके तहत उसने अपने 104 देशों के सभी टी-20 मैचों को अंतर्राष्ट्रीय दर्जा दे दिया है। इसके बाद से टी-20 मैचों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखी गई और पिछले साल मई से लेकर रविवार तक खेले गए मैचों की संख्या देखी जाए तो यह लगभग 350 के करीब है। इस नियम ने भी टी-20 को यहां तक तेजी से पहुंचाने में बड़ा योगदान दिया है।


वहीं अगर वनडे की बात की जाए तो पहला वनडे मैच पांच जनवरी 1971 में आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेला गया था। वनडे ने एक हजारी बनने का सफर 1995 में तय किया। नॉर्टिघम में इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया मैच वनडे इतिहास का 1000वां मैच था।

इन दोनों प्रारूप के रहते हुए भी आज भी टेस्ट क्रिकेट को असल क्रिकेट माना जाता है। क्रिकेट की शुरुआत भी टेस्ट क्रिकेट से हुई थी और पहला आधिकारिक टेस्ट मैच आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच 1877 में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में खेला गया था, जबकि 1000वां टेस्ट मैच 1984 में पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया था। टेस्ट क्रिकेट को यह सफर तय करने में कुल 107 साल लगे।

(आईएएनएस इनपुट के साथ)

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