Tokyo Olympic: कोविड के बीच ओलंपिक खेलों का आगाज, वैश्विक महामारी के साये और सन्नाटे में मैदान में उतरेंगे खिलाड़ी

टोक्यो ओलंपिक कई मायनों में बहुत ही अलग है। यह पहला ओलंपिक है जो वैश्विक महामारी के साये में भय और अनिश्चितताओं से भरे माहौल में हो रहा है। खिलाड़ियों से लेकर जापान की जनता तक महामारी के प्रकोप से भयभीत है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया
user

नवजीवन डेस्क

टोक्यो ओलंपिक कई मायनों में बहुत ही अलग है। यह पहला ओलंपिक है जो वैश्विक महामारी के साये में भय और अनिश्चितताओं से भरे माहौल में हो रहा है। खिलाड़ियों से लेकर जापान की जनता तक महामारी के प्रकोप से भयभीत है। उम्मीद तो यही करनी चाहिए कि यह ओलंपिक अपने शुभंकर के शब्दों को सही साबित करे। टोक्यो ओलंपिक के शुभंकर को ‘मिराइतोवा’ और ‘सोमाइटी’ नाम दिया गया है। ये दोनों ही शब्द जापान की परंपरा और आधुनिकता के प्रतीक हैं। ‘मिराईतोवा’ में मिराई शब्द का अर्थ है भविष्य और तोवा का मतलब होता है अनंतकाल। कह सकते हैं कि यह शुभंकर इस बात का प्रतीक है कि महामारी के साये से निकलकर ओलंपिक खेल भविष्य में अनंतकाल तक चलते रहें।

खेलों के इस वैश्विक महोत्सव में अब तक इस आयोजन से जुड़े 100 से भी ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इनमें एथलीट भी शामिल हैं। महामारी से बचाव के लिए खिलाड़ियों और कोचों तथा उनके सहयोगियों के लिए कड़े एहतियाती नियम हैं। इससे खिलाड़ियों पर मानसिक दबाव काफी बढ़ गया है। उन्हें मानसिक स्तर पर दोतरफा चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। एक चुनौती है स्पर्धा जीतने की और दूसरी है खुद को कोरोना से बचाए रखने की। और साथ ही अकेलेपन से जूझने की भी। प्रतिस्पर्धियों से कहा गया है कि वे अपने खेल स्थल, प्रशिक्षण केंद्रों और अपने रहने के स्थान के अलावा कहीं भी न जाएं। गेम विलेज (खेल गांव) जो हर ओलंपिक में उत्साह, उमंग और खिलाड़ियों की चहल-पहल से गुंजायमान रहता है, वहां इस बार अजीब-सी शांति है। एथलीटों से कहा गया है कि वे मुख्य डाइनिंग हॉल में ही भोजन करें और वह भी जितनी जल्दी हो सके, उतनी जल्दी। इसके अलावा कोरोना टेस्ट से लगातार गुजरना भी खिलाड़ियों के लिए आसान नहीं है। कोरोना से बचाव के लिए इस तरह की पाबंदियां जरूरी तो हैं लेकिन यह सब खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर भी डाल सकता है। इसके लिए खिलाड़ियों की काउंसिलिंग भी हो रही है। कई देशों की टीमों के साथ मनोचिकित्सकों की टीम भी शामिल है। चीन ने तो टोक्यो ओलंपिक की तैयारी के संदर्भ में जनवरी में ‘साइकलॉजिकल गाइड फॉर एक्टिव एथलीट्स’ नाम से एक नियमावली जारी की थी।


महोत्सव में सन्नाटा

कोई भी खिलाड़ी यही चाहेगा कि उसके बेहतरीन प्रदर्शन के लिए उसके प्रशंसक स्टेडियम में उसके लिए जमकर तालियां बजाएं। लेकिन इस बार खिलाड़ियों को इससे वंचित ही रहना पड़ेगा। कोविड की वजह से यह सब नहीं होगा। यह खिलाड़ियों के लिए अजीबोगरीब क्षण होगा। कोई खिलाड़ी जब 100 मीटर और 200 मीटर की दौड़ में वर्ल्ड रिकॉर्ड बना रहा होगा और कोई अपना ही रिकॉर्ड तोड़ रहा होगा, तब भी स्टेडियम शांत होगा। और अपने बेहतरीन प्रदर्शन के बाद वह अपने साथियों और अन्य खिलाड़ियों के गले भी नहीं मिल पाएगा और न ही हाथ मिला पाएगा। हाल यह है कि बहुत बड़े प्रायोजकों में से एक टोयोटा ने निश्चय किया है कि लोगों के ठंडे रूझान को देखते हुए वह इन खेलों से संबंधित कोई भी विज्ञापन टीवी पर नहीं चलाएगा।

जूतों को लेकर विवाद

जमैका के उसैन बोल्ट 100 मीटर दौड़ के अब तक के सबसे चमत्कारिक धावक हैं। लेकिन इस बार उनके अलावा अमेरिका के ट्रेवोन ब्रोमेल पर भी दुनियाभर की नजर होगी। लेकिन इस बार सबसे ज्यादा देखे जाने वाला और पसंदीदा यह ट्रैक इवेंट नाइकी के नए स्पाइक्ड जूतों को लेकर विवाद में है। ये जूते यूएस के धावक पहनेंगे जबकि 100 मीटर और 200 मीटर की दौड़ के वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाले और आठ बार के ओलंपिक चैंपियन बोल्ट ने अपने पूरे कॅरियर में पूमा के स्पाइक ही पहने हैं। वह नाइकी के इन ऩए जूतों की तकनीक को लेकर बहुत उदास हैं क्योंकि उनका मानना है कि इन्हें पहनने वाले धावकों को अनुचित लाभ मिलेगा। जमैका के जाने-माने स्प्रिन्ट कोच स्टीफन फ्रांसिस स्वीकार करते हैं कि नाइकी के इस नए स्प्रिन्ट स्पाइक जूतों के साथ गति के खेल का दम घुट जाएगा।


रूसी एथलीटों के लिए गाइड लाइन

रूस के अखबार ‘वैदोमोस्ती’ की रिपोर्ट के अनुसार, रूसी एथलीटों के एक गाइड बुक दी गई है ताकि वे परेशान करने वाले (पेस्की) रिपोर्टरों के डोपिंग, ब्लैक लाइव्ज मैटर (बीएलएम) और अन्य मसलों पर पूछे जाने वाले प्रश्नों से निपट सकें। बीएलएम के मुद्दे पर एथलीटों को यह कहने का सुझाव दिया गया है कि इस आंदोलन को समर्थन करना व्यक्तिगत चुनाव है लेकिन “ओलंपिक किसी भी हाल में किसी भी प्रकार के प्रदर्शन या अभिव्यक्ति के लिए कोई मंच नहीं बनना चाहिए।”

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia