नवजीवन बुलेटिन: अस्पताल से डिस्चार्ज हुईं सोनिया गांधी और राहुल-प्रियंका ने की महबूबा मुफ्ती की रिहाई की मांग

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल से डिस्चार्ज हुईं, गुरुवार को वह रूटीन चेकअप के लिए भर्ती हुईं थीं और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की हिरासत को तीन महीने के लिए बढ़ाने पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है।

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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी रविवार को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल से डिस्चार्ज हुईं। गुरुवार को वह रूटीन चेकअप के लिए भर्ती हुईं थीं। अस्पताल द्वारा जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष 30 जुलाई को शाम 7 बजे अस्पताल में भर्ती हुईं थी। जिन्हें आज 1 बजे डिस्चार्ज कर दिया गया। बुलेटिन के अनुसार सोनिया गांधी का स्वास्थ्य फिलहाल स्थिर है। इससे पहले शुक्रवार को भी उनके स्वास्थ्य का बुलेटिन जारी किया गया था। जिसमें डॉक्टरों ने कहा था कि सोनिया गांधी कि तबियत में तेजी से सुधार हो रहे हैं। गौरतलब है कि बीते कई सालों से वह समय-समय पर अपनी सेहत की जांच के लिए सर गंगाराम अस्पताल जाती रही हैं।

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की हिरासत को पीएसए के तहत तीन महीने के लिए बढ़ा दी गई थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार इस फैसले को लेकर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने जम्मू कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता महबूबा मुफ्ती की रिहाई की मांग की है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'भारत का लोकतंत्र उस समय क्षतिग्रस्त हो गया जब भारत सरकार ने गैरकानूनी रूप से राजनीतिक नेताओं को बंदी बनाया। यह सही समय है जब महबूबा मुफ्ती को रिहा किया जाए।' इसके अलावा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस फैसले को केंद्र सरकार की तानाशाही करार दिया है। साथ ही मुफ्ती की रिहाई की मांग भी की। प्रियंका ने ट्वीट में लिखा, "हिंदुस्तान के संविधान और लोकतंत्र में आस्था रखने वाले नेताओं के साथ केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा रवैया तानाशाही का प्रतीक है।" प्रियंका ने आगे लिखा, "बीजेपी सरकार लोकतंत्र की सबसे मजबूत शैली 'बातचीत' से नजरें चुराने के लिए नेताओं की नजरबंदी को अपना हथियार बना रही है। मुफ्ती को नजरबंद रखना आलोकतंत्रिक और असंवैधानिक है। उन्हें रिहा करना चाहिए।"

उत्तर प्रदेश सरकार ने लैब टेक्नीशियन संजीत यादव के अपहरण और हत्या के मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश करने का रविवार को फैसला किया। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक राज्य सरकार ने संजीत यादव के परिवार वालों के आग्रह पर मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश करने का फैसला किया है। बता दें कि 22 जून को कानपुर के बर्रा निवासी संजीत का अपहरण कर लिया गया था। परिवार वालों ने 23 जून को बर्रा थाने में उसके लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। तीन दिन बाद मामले में अपहरण की धाराएं जोड़ी गई। इसके बाद उसके परिवार को 29 जुलाई को फिरौती की कॉल आई थी। बाद में खुलाशा हुआ था कि किडनैपर्स ने उसका मर्डर कर दिया इस मामले में ज्ञानेंद्र यादव उर्फ ईशू, कुलदीप गोस्वामी, नीलू सिंह, राम जी शुक्ला और प्रीति शर्मा को गिरफ्तार किया गया।

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