नवजीवन बुलेटिन: सिंधु बॉर्डर पर ही डटे रहेंगे किसान, बैठक में फैसला और राहुल बोले- सिर्फ अडाणी-अंबानी की बढ़ी आय

सिंधु बॉर्डर पर चल रही किसानों की बैठक में किसान संगठनों ने गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है, किसानों ने सिंधु बॉर्डर पर ही प्रदर्शन का फैसला लिया है और राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों की आय तो दो गुनी हुई नहीं लेकिन अडाणी-अंबानी की हो गई।

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नवजीवन डेस्क

कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के धरने का आज चौथा दिन है। सिंधु बॉर्डर पर चल रही किसानों की बैठक में किसान संगठनों ने गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। यानी कि किसान अब दिल्ली- हरियाणा के सिंधु बॉर्डर से बुराडी के निराकारी समागम मैदान नहीं जाएंगे। किसानों ने कहा है कि उनका प्रदर्शन सिंधु बॉर्डर पर ही जारी रहेगा। आपको बता दें, अमित शाह ने शनिवार को किसानों से अपील की थी कि किसान सिंधु बॉर्डर से हट जाएं और बुराड़ी के निरंकारी समागम मैदान में चले जाएं। अमित शाह ने कहा था कि सरकार किसानों से वहां बात करने को तैयार है। लेकिन किसानों ने इस अपील को ठुकरा दिया है।

केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार केंद्र पर निशाना साधा है। राहुल ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने की बजाय अडाणी-अंबानी की आय कई गुना बढ़ा दी। राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, "वादा था किसानों की आय दुगनी करने का, मोदी सरकार ने आय तो कई गुना बढ़ा दी लेकिन अडाणी-अंबानी की! जो काले कृषि कानूनों को अब तक सही बता रहे हैं, वो क्या खाक किसानों के पक्ष में हल निकालेंगे? अब होगी #किसान_की_बात।"आपको बता दें, दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करने आ रहे हजारों किसान सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर अब भी जमे हुए हैं। उन्होंने बुराड़ी के मैदान में प्रदर्शन करने के सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। उनका कहना है कि वह सिंघु बॉर्डर पर ही जमे रहेंगे, जब तक सरकार कृषि कानून वापस लेने का आश्वासन नहीं देगी।

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने प्रदेश के बहुचर्चित रोशनी घोटाले को लेकर बड़ा बयान दिया है। रविवार को उन्होंने कहा कि रोशनी एक योजना थी, लेकिन उसे अब एक घोटाले की तरह पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जबसे हमने जिला विकास परिषद के चुनाव में भाग लेने का फैसला किया, तब से हमें और अधिक प्रताड़ित किया जा रहा है। पीएजीडी के उम्मीदवारों पर पाबंदियां लगाई जा रही हैं। उन्हें चुनाव प्रचार के लिए बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी जा रही है। ऐसे में हमारे उम्मीदवार चुनाव कैसे लड़ पाएंगे?

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