मणिपुर की सच्चाई को छिपाना चाहती है केंद्र सरकार, इसीलिए वहां के मुद्दे पर चुप है: गौरव गोगोई

कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा है कि केंद्र सरकार मणिपुर की सच्चाई देश से छिपाना चाहती है इसीलिए इधर-उधर की बात कर रही है। उन्होंने कहा कि दो घंटे के भाषण में भी प्रधानमंत्री ने उन सवालों के जवाब नहीं दिए जो देश पूछ रहा है।

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नवजीवन डेस्क

गौरव गोगोई ने विपक्ष द्वारा लोकसभा से वॉकआउट के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि, "अभी मंत्री परिषद पर अविश्वास प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री मोदी जी पिछले दो घंटों से अपनी बात रख रहे हैं। ये अविश्वास प्रस्ताव ‘‘इंडिया’’ अलायंस के एक सदस्य होने के नाते मैंने लोकसभा में पेश किया था। इस अविश्वास प्रस्ताव के दो कारण थे, पहला कारण- मणिपुर को इंसाफ मिलना चाहिए। दूसरा कारण-  देश की संसद की मर्यादा को बचाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी जी को विवश करना कि वो सदन में आकर अपना मौन व्रत तोड़ें।

दूसरा उद्देश्य सफल रहा। इतने दिनों के संघर्ष के बाद, इतनी कठिनाइयों के बाद आज देश  प्रधानमंत्री को सदन के अंदर बोलते हुए देख रहा है। अगर हम ‘‘इंडिया’’ अलायंस ये अविश्वास प्रस्ताव इतने संघर्ष के बाद, इतनी लड़ाई के बाद नहीं पेश करते, तो शायद प्रधानमंत्री विदेशों की संसदों में भाषण देते रहते और हमारे भारत के सदन को शायद वो भूल जाते।

तो हमने मजबूर किया और उन्होंने अपना मौन व्रत तोड़ा, लेकिन हमारा पहला उद्देश्य कि मणिपुर को इंसाफ मिले, वो उद्देश्य, आज प्रधानमंत्री मोदी जी अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं। स्पष्ट तीन सवाल थे उनके सामने, पहला - लगभग 90 दिनों के करीब गुजरते हुए मणिपुर की हिंसा को स्वयं नियंत्रण करने के लिए वो एक बार भी मणिपुर क्यों नहीं गए?

राहुल गांधी जी गए, ‘इंडिया’ अलायंस गया, आप लोग भी जाकर देख कर आए हैं, तो प्रधानमंत्री जी ऐसी क्या जिद्द पर अड़े हैं कि मणिपुर अभी तक नहीं गए?

मेरा दूसरा प्रश्न कि मणिपुर के मुख्यमंत्री को क्यों नहीं बर्खास्त किया? जिस मुख्यमंत्री के तीन महीने के कार्यकाल में लगभग 6 लाख गोलियां, लगभग 6 हजार हथियार, पुलिस थानों से लूटकर निहत्थे लोगों पर आज गोलियां बरसाई जा रही हैं, जवानों पर, पुलिस ऑफिसरों पर आक्रमण किया जा रहा है, इतनी सारी महिलाओं पर अत्याचार हुआ है,7 हजार लोग आज शिविरों में हैं, ऐसे व्यर्थ मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री मोदी जी ने क्यों नहीं बर्खास्त किया?

तीसरी बात ये थी कि मणिपुर पर 80 दिनों तक मौन क्यों, चुप्पी क्यों, शांति की कामना क्यों नहीं कर रहे? दो घंटों से ये चर्चा चल रही है, इन दो घंटों में हमें मणिपुर का इंसाफ नजर नहीं आया और अफसोस की बात कि भाजपा ने अपने मणिपुर के दो सांसदों का मुँह बंद करके रखा है। मणिपुर की प्रजा ने मणिपुर से दो सांसद चुनकर दिल्ली की संसद में भेजे। पिछले तीन दिनों से मणिपुर के लोग भी सोच रहे हैं कि भाजपा के कितने सारे सांसदों ने भाषण रखा, भाजपा के कितने सारे मंत्रियों ने भाषण रखा। मणिपुर का भी एक सांसद केंद्रीय मंत्री है, मणिपुर का दूसरा सांसद एक अच्छा वक्ता है। मैंने बार-बार गुहार लगाई- अध्यक्ष महोदय, ये दोनों सांसद सत्ता पक्ष के हैं, मेरे दल के नहीं, पर मेरे भाई हैं, आज इनको तो बोलने का मौका दो, इनकी तो आवाज हम सुनें, मणिपुर की आवाज तो हम सुनें, लेकिन मणिपुर की सच्चाई को भाजपा छुपाना चाहती थी और इसलिए मणिपुर के इन बेचारे दो सांसदों का आज मुंह बंद करके रखा है, उनके मुँह पर ताला है।

तो इससे साफ-साफ जाहिर होता है कि वो मणिपुर की सच्चाई को छुपाना चाहते हैं और मणिपुर की सच्चाई को छुपाने के लिए वो कौन से अस्त्र का इस्तेमाल कर रहे हैं -  घमंड का, अहंकार का। जिस अहंकार का उल्लेख राहुल गांधी जी ने किया कि रावण भी अपने आपको बहुत बुद्धिमान समझता था, रावण भी अपने आपको शौर्यवीर समझता था, लेकिन अंत में रावण के अहंकार ने रावण का विनाश किया और रावण के अहंकार से लंका में रहने वाले लोगों के घर और दुकान आग में भस्म हो गए।

आज वही हमने देखा कि भाजपा का अहंकार, प्रधानमंत्री का अहंकार, गृहमंत्री अमित शाह के अहंकार के कारण आज एक आग मणिपुर में लगी। आज एक आग भारत की राजधानी दिल्ली के पास हमें दिखाई दे रही है और फैलती हुई हमें दिखाई दे रही है।

इन तीन प्रश्नों का पिछले दो घंटों से उत्तर ना देने का कारण हमने ‘इंडिया’ अलायंस ने मणिपुर की प्रजा के प्रति अपनी जिम्मेदारी रखते हुए वॉकआउट किया, क्योंकि पिछले दो घंटों से प्रधानमंत्री मोदी जी सिर्फ हमारे देश का नाम बदनाम करने पर तुले हैं। ‘इंडिया’ का नाम बदनाम करने पर तुले हैं, ‘इंडिया’ के नाम को तोड़-मोड़कर राजनीतिक टिप्पणियां कर रहे हैं हमारे देश के नाम पर और यही साबित होता है कि उनका राष्ट्रवाद एक झूठा राष्ट्रवाद, जिसने राष्ट्र की अखंडता को आज तोड़ दिया है, चाहे मणिपुर हो, चाहे नूंह हो। उनकी देशभक्ति एक नकली देशभक्ति है, क्योंकि सत्ता के लिए आज गृहमंत्री और प्रधानमंत्री जी ने मणिपुर के मुख्यमंत्री को क्लीन चिट दे दी। बोल रहे हैं कि मणिपुर के मुख्यमंत्री ने सहयोग दिया। कैसा सहयोग, मणिपुर के दो टुकड़े हो गए ऐसा सहयोग, मणिपुर में ड्रग्स फैल रहा है, ये सहयोग। मणिपुर में आज लोग शिविरों में है, ये सहयोग। मणिपुर में आज भरी तादाद में हथियार लोगों के हाथ में ये है, ये सहयोग किया। तो इससे साफ-साफ पता चलता है कि जो राहुल गांधी जी ने कहा कि इनकी देशभक्ति नकली है और वास्तव में ये सत्तावाद में देशद्रोही बन चुके हैं।

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