पहलगाम की घटना पर सरकार से सवाल पूछने के बजाए मीडिया ने किया उकसावे का काम / पुरुषोत्तम अग्रवाल

बुद्धिजीवी और लेखक पुरुषोत्तम अग्रवाल ने पहलगाम की घटना को लेकर मीडिया को खरी-खोटी सुनाई है। एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा है कि मीडिया ने विवेक से काम लेने और सरकार से सवाल पूछने के बजाए उकसावे का काम किया।

पहलगाम के इसी मैदान में हुआ आतंकी हमला जिसमें 26 पर्यटकों की जान गई (फोटो : Getty Images)
पहलगाम के इसी मैदान में हुआ आतंकी हमला जिसमें 26 पर्यटकों की जान गई (फोटो : Getty Images)
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नवजीवन डेस्क

पुरुषोत्तम अग्रवाल ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर बहुत सफाई के साथ अपनी बात रखी है। उन्होंने इस घटना पर दुख जताते हुए मीडिया की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने एक्स पर एक वीडियो संदेश के जरिए कहा है कि जब आतंकी घटना हुई तो उस समय विवेक से काम लेने के बजाए देश के मीडिया ने लोगों को उकसाने वाला काम किया। उन्होंने कहा कि मीडिया का काम सरकार से सवाल पूछना है, लेकिन ऐसा न कर अधिकांश मीडिया माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहा था।

पूर्व प्रोफेसर और लोकसेवा आयोग के पूर्व सदस्य पुरुषोत्तम अग्रवाल ने पहलगाम की घटना को लेकर सरकार से भी सवाल पूछे हैं और उसके द्वारा दी गई प्रतिक्रिया पर भी प्रश्न चिह्न लगाए हैं।

उन्होंने कहा है कि सिंधू जल संधि को स्थगति कर देना अच्छा कदम है, लेकिन यह पाकिस्तान को सबक सिखाने का फौरी तरीका नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि इस संधि के तहत भारतीय नदियों का जल पाकिस्तान न पहुंचे इसके लिए बांध बनाने होंगे और इसमें वर्षों लग जाएंगे। उन्होंने पूछा है कि अभी तत्काल क्या कदम उठाए जा रहे हैं? पाकिस्तान को किस तरह दुनिया के सामने इस हमले के लिए जिम्मेदार ठहराने जा रहे हैं?

उन्होंने कहा है कि ये और इस जैसे सवाल मीडिया को सरकार से पूछने चाहिए थे, लेकिन मीडिया लगा हुआ है शोर मचाने में, सरकार की गलतियों और सुरक्षा में चूक को छिपाने में, विपक्ष को बदनाम करने में और सबसे दुखद यह कि देश में तनाव को बढ़ाने में।

उन्होंने कहा कि इसमें संदेह नहीं कि धर्म के नाम पर हत्याएं की गईं, लेकिन अगर मारने वाले मुसलमान थे, तो मदद करने वाले भी मुसलमान ही थे, इसे भी मीडिया को सामने रखना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सौभाग्य से जितना नुकसान समाज का मीडिया अपनी मुर्खता से करना चाहता था, वह नहीं हुआ, लेकिन जितना नुकसान हुआ है वह भी कम चिंता की बात नहीं है।

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