नवजीवन बुलेटिन: रक्षा मंत्री के ट्वीट में चीन का नाम ना होने पर भड़के राहुल और विदेश मंत्री ने चीन को सुनाई खरी-खरी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के ट्वीट में चीन का नाम ना होने पर कड़ी आपत्ति जताई और उनसे सोशल मीडिया मंच पर ही कई सवाल भी पूछे और पीएम मोदी ने 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और उनके प्रतिनिधियों से बातचीत की।

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नवजीवन डेस्क

पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना से हुई हिंसक झड़प में 20 जवानों के शहीद होने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को इस घटना पर ट्वीट कर अपनी संवेदना जताई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस ट्वीट में चीन का नाम ना होने पर कड़ी आपत्ति जताई और उनसे सोशल मीडिया मंच पर ही कई सवाल भी पूछे।  राहुल गांधी ने राजनाथ सिंह के ट्वीट को टैग करते हुए पांच सवाल पूछते हुए लिखा कि यह बहुत ही दर्दभरा है। उन्होंने पूछा, 'आपने अपने ट्वीट में चीन का नाम नहीं लिखकर आपने भारतीय सेना का अपमान क्यों किया? संवेदना जताने के लिए दो दिन क्यों लगे?' इसके अलावा राहुल ने आगे पूछा, 'जब जवान शहीद हो रहे थे तब आप रैलियों को संबोधित क्यों कर रहे थे? क्यों खुद छिप गए और क्रोनी मीडिया को सेना पर सवाल उठाने दिया?' अपने आखिरी सवाल में उन्होंने पूछा, 'आखिर क्यों बिकाऊ मीडिया को भारतीय सरकार के बजाय सेना पर दोष मढ़ने दिया गया?' उनसे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा था, 'गलवां वैली में जवानों की शहादत बहुत ही परेशान और दर्द पहुंचाने वाली है। हमारे सैनिकों ने अदभुत साहस का परिचय दिया और देश के लिए अपना जीवन कुर्बान कर दिया।'

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई फोन वार्ता के दौरान जयशंकर ने चीन को खरी-खरी सुनाई। जानकारी के मुताबिक जयशंकर ने वांग से स्पष्ट शब्दों में कहा कि गलवां घाटी में जो भी हुआ वह चीन की पूर्व नियोजित और सोची-समझी कार्रवाई थी। उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम के लिए चीन जिम्मेदार है। जयशंकर ने कहा कि दोनों पक्षों की ओर से सहमति व्यक्त की गई थी कि स्थितियों को जिम्मेदार तरीके से हल किया जाएगा और दोनों पक्ष छह जून की सेना पीछे हटाने की सहमति को ईमानदारी से लागू करेंगे। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष से फोन पर बातचीत के दौरान इस बात को रखा कि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर इस घटनाक्रम का गंभीर प्रभाव पड़ेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'अनलॉक 1.0' के दौरान कोरोना वायरस को फैलने से रोकने पर राज्यों से विचार-विमर्श जारी रखते हुए बुधवार को 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और उनके प्रतिनिधियों से बातचीत की। प्रधानमंत्री लगातार दूसरे दिन राज्यों से ऑनलाइन बातचीत कर रहे हैं। इसमें महाराष्ट्र,दिल्ली, कर्नाटक, गुजरात, उत्तर प्रदेश और बिहार समेत अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने शिरकत की। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ऑनलाइन हो रही बैठक में हिस्सा नहीं ले रही हैं क्योंकि उनका नाम वक्ताओं की सूची में कथित रूप से शामिल नहीं किया गया। प्रधानमंत्री ने मंगलवार को 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों, उपराज्यपालों और प्रशासकों से अर्थव्यवस्था को खोलने और उसी के साथ कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि को रोकने के लिए बातचीत की थी। यह बैठक उस दिन हो रही है जब देश में सर्वाधिक 2,003 मरीजों की कोविड-19 से मौत हुई है।

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