नवजीवन बुलेटिन: कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस की 'खेती बचाओ यात्रा' और प्रियंका ने की हाथरस DM की बर्खास्तगी की मांग

नए कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस द्वारा पंजाब में खेती बचाओ यात्रा की शुरूआत की गई है। इस यात्रा में शामिल होने के लिए राहुल गांधी मोगा पहुंचे जहां उन्होंने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने हाथरस के डीएम को बर्खास्त कर कार्रवाई की मांग की है।

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नवजीवन डेस्क

देश भर में नए कृषि कानूनों के खिलाफ लोगों में गुस्सा है। इस कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन जारी है। कांग्रेस द्वारा आज पंजाब में 'खेती बचाओ यात्रा' की शुरूआत की गई। इस यात्रा में राहुल गांधी भी शामिल हुए। राहुल गांधी इस दौरान ट्रैक्टर पर भी सवार हुए। ट्रैक्टर रैली से पहले राहुल गांधी ने अपने संबोधन में मोदी सरकार को घेरा। राहुल गांधी ने कहा कि हमने जमीन का काला कानून बनाया लेकिन बीजेपी ने आते ही उसे रद्द कर दिया। राहुल गांधी ने पूछा कि कोरोना के समय इन 3 कानूनों को लागू करने की क्या जरूरत थी? कानून लागू करने थे तो लोकसभा, राज्यसभा में बातचीत करते। PM कहते हैं कि किसानों के लिए कानून बनाए जा रहे हैं, अगर किसानों के लिए कानून बनाए जा रहे हैं तो लोकसभा, राज्यसभा में खुलकर बात क्यों नहीं की। राहुल गांधी ने दोहराया कि किसानों के साथ कांग्रेस हमेशा से खड़ी है और आगे भी खड़ी रहेगी। राहुल गांधी ने विश्वास दिलाया कि जिस दिन कांग्रेस पार्टी सत्ता में आएगी, हम इन तीन काले कानूनों को खत्म कर देंगे। इसके अलावा राहुल गांधी ने हाथरस कांड का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कल मैं UP में था,उधर हिन्दुस्तान की एक बेटी को मार दिया गया और जिन लोगों ने मारा उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई और जिस परिवार की बेटी को मारा गया उनको अपने घर के अंदर बंद कर दिया गया। DM ने उनको धमकाया,मुख्यमंत्री ने धमकाया, ये है हिन्दुस्तान की हालत।

हाथरस कांड में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एसपी समेत की कई पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की और उन्हें सस्पेंड कर दिया, लेकिन डीएम पर अब तक ओई भी कार्रवाई नहीं की गई है। वह भी तब जब पीड़िता के परिजन डीएम पर कई गंभीर आरोप लगा चुके हैं। इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने डीएम पर तुरंत कार्रवाई कर उन्हें हटाने की मांग की है। कांग्रेस महासचिव ने ट्वीट कर कहा, “हाथरस के पीड़ित परिवार के अनुसार, सबसे बुरा बर्ताव डीएम का था। उन्हें कौन बचा रहा है? उन्हें अविलंब बर्खास्त कर पूरे मामले में उनके रोल की जांच हो। परिवार न्यायिक जांच मांग रहा है तब क्यों सीबीआई जांच का हल्ला करके एसआईटी की जांच जारी है।”

दिल्ली में कोरोना के हालात फिलहाल सुधरते दिखाई नहीं दे रहे हैं। यही वजह है कि स्कूलों को खोलने के मुद्दे पर राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केजरीवाल सरकार ने सभी स्कूलों को 31 अक्टूबर तक बंद रखने का ऐलान किया है। दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आदेश दिया है कि राजधानी में सभी स्कूल अब 31 अक्टूबर तक बंद रहेंगे। इससे पहले 5 अक्टूबर तक स्कूलों को बंद रखने का सरकार ने फैसला लिया था। इससे पहले केंद्र सरकार की ओर से अनलॉक-5 की गाइडलाइन जारी की गई थी। गाइडलाइन के मुताबिक, देश में स्कूल और शैक्षणिक संस्थानों को 15 अक्टूबर से चरणबद्ध तरीके से खोलने की इजाजत दी थी। केंद्र की गाइडलाइन में यह भी कहा गया था कि स्‍कूल कब से खोले जाएं, वह तारीख राज्‍य सरकारें ही तय करेंगी। लेकिन दिल्ली की मौजूदा हालात को देखते हुए केजरीवाल सरकार ने स्कूलों को बंद रखना ही सही समझा है।

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