संदेशखाली में सिख IPS को कहा खालिस्तानी, BJP नेताओं पर आरोप, करारा जवाब मिलने पर भागे पीछे, वीडियो देखें

सिख आईपीएस अधिकारी को खालिस्तानी बताए जाने के मामले ने तुल पकड़ लिया है। बड़ी संख्या में समुदाय के लोग कोलकाता में बीजेपी मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी बीजेपी की मानसिकता पर सवाल उठ रहे हैं।

संदेशखाली में सिख IPS को कहा खालिस्तानी, BJP नेताओं पर आरोप
संदेशखाली में सिख IPS को कहा खालिस्तानी, BJP नेताओं पर आरोप
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नवजीवन डेस्क

पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में जोरदार प्रदर्शन कर रही बीजेपी के नेताओं ने आज ड्यूटी पर तैनात एक सिख आईपीएस अधिकारी को खालिस्तानी कहकर बड़ा विवाद खड़ा कर दिया। हालांकि अधिकारी के मुंहतोड़ जवाब के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं के मुंह बंद हो गए और वे चेहरा छिपाते नजर आए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद बीजेपी के लोगों पर सवाल उठने लगे हैं। हालांकि बीजेपी नेताओं ने आरोप को खारिज किया है।

दरअसल संदेशखाली में महिलाओं के साथ कथित यौन उत्पीड़न के मामले पर बीजेपी की राजनीति जारी है। इसी कड़ी में आज पुलिस ने जब बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी को उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली जाने से रोका, तो बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं की वहां तैनात सिख आईपीएस अधिकारी जसप्रीत सिंह के साथ बहस हो गई। बताया जा रहा है कि इसी दौरान बीजेपी नेताओं की ओर से सिख अधिकारी को खालिस्तानी कहकर अपमानित किया गया।


घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसमें आईपीएस अधिकारी जसप्रीत सिंह और बीजेपी नेताओं के बीच बहस की बातचीत को सुना जा सकता है। वीडियो में जसप्रीत सिंह कहते सुने जा रहे हैं कि “सिर्फ इसलिए कि मैंने पगड़ी पहनी है, आप लोग मुझे खालिस्तानी कह रहे हैं? क्या आपने यही सीखा है? अगर कोई पुलिस अधिकारी पगड़ी पहनता है और ईमानदारी से अपना कर्तव्य निभाता है, तो वह आपके लिए खालिस्तानी हो जाता है? आपको शर्म आनी चाहिए, यही आपका स्तर है।”

इस मामले पर राज्य की सीएम ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा है कि इससे यह समझा जा सकता है कि सिखों को लेकर बीजेपी की मानसिकता कैसी है। ममता बनर्जी ने ट्वीट में लिखा कि बीजेपी की विभाजनकारी राजनीति ने बेशर्मी से संवैधानिक सीमाओं को लांघ दिया है और सिखों को लेकर भी उनका रवैया बहुत खराब है। आज बीजेपी की बांटने वाली पॉलिटिक्स ने अपनी सीमाएं लांघ दी हैं और राष्ट्र के लिए सिखों के बलिदान और अटूट दृढ़ संकल्प को कमजोर करने का प्रयास किया है।


पश्चिम बंगाल पुलिस ने सिख अधिकारी को 'खालिस्तानी' बताए जाने को एक आपराधिक कृत्य बताया है। एक बयान में पुलिस ने कहा, "हम इस वीडियो को साझा करने से नाराज हैं, जहां हमारे ही एक अधिकारी को राज्य के विपक्ष के नेता द्वारा 'खालिस्तानी' कहा गया। उनकी 'गलती' है, क्योंकि वह एक प्राउड सिख हैं और एक सक्षम पुलिस अधिकारी भी हैं जो कानून लागू करने की कोशिश कर रहे थे। यह टिप्पणी जितनी दुर्भावनापूर्ण और नस्लीय है, उतनी ही सांप्रदायिक रूप से भड़काऊ भी है। यह एक आपराधिक कृत्य है। हम किसी व्यक्ति की धार्मिक पहचान और मान्यताओं पर अस्वीकार्य हमले की निंदा करते हैं जिसका उद्देश्य लोगों को हिंसा करने और कानून तोड़ने के लिए उकसाना है। कड़ी कानूनी कार्रवाई शुरू की जा रही है।

वहीं एक सिख आईपीएस अधिकारी को "खालिस्तानी" बताए जाने के मामले ने तुल पकड़ लिया है। बड़ी संख्या में सिख समुदाय के लोग कोलकाता में बीजेपी मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर बीजेपी नेताओं की इस हरकत की निंदा हो रही है। लोगो बीजेपी की मानसिकता पर सवाल उठा रहे हैं।

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Published: 20 Feb 2024, 10:13 PM