असम के बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद् में सैकड़ों करोड़ रुपये का घोटाला

सीएजी की रिपोर्ट में आपूर्तिकर्ताओं और ठेकेदारों की मिलीभगत की ओर इशारा किया गया है। फिजूलखर्ची के साथ-साथ कई विभागों में अधिकारियों द्वारा कोष के गबन की चौंकाने वाली घटनाओं को भी उजागर किया गया है।

फाइल फोटो: Getty Images
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आशुतोष शर्मा

भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) द्वारा बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (बीटीसी) की विशेष जांच में असम की इस स्वायत संस्था के कोष में सैकड़ों करोड़ रुपये की अनियमितता पाई गई है।

हाल ही में असम के राज्यपाल और परिषद् के सामने पेश किए गए ऑडिट रिपोर्ट से पता चला है कि नार्थ ईस्ट काउंसिल (एनईसी) और विशेष केंद्रीय सहायता के माध्यम से जनजातीय उप-योजना के लिए केन्द्र सरकार द्वारा भेजे गए पैसे का उपयोग अपेक्षित उद्देश्य को पूरा करने में नहीं किया गया।

रिपोर्ट में बीटीसी सदस्यों, आपूर्तिकर्ताओं और ठेकेदारों की मिलीभगत की ओर इशारा किया गया है। इसके अलावा फिजूलखर्ची के साथ-साथ कई विभागों में अधिकारियों द्वारा कोष के गबन की चौंकाने वाली घटनाओं को भी उजागर किया गया है।

कई मामलों में, खरीदी गई सामग्री का जिक्र न तो आपूर्ति आदेश में किया गया, न ही फाइल में इसे दर्ज किया गया। रिपोर्ट में बताया गया कि परिषद् ने खरीदी गई सामग्री का वास्तविक भुगतान पाने वालों की रसीद भी नहीं रखी।

रिपोर्ट के कुछ महत्वपूर्ण निष्कर्ष इस प्रकार हैं:

-2010-11 से 2013-14 के दौरान बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद् के प्रमुख ने अनाधिकृत रूप से 180.33 करोड़ रुपये खर्च किए।

-बीटीसी द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत लाभार्थियों के बीच नकद लाभ वितरित करने की बजाय 35.16 करोड़ रुपये की सामग्री का वितरण किया गया।

-विधान सभा क्षेत्र विकास योजना के तहत 2008-09 से 2012-13 के दौरान बीटीसी द्वारा 293.42 लाख रुपये के 195 कार्यों की मंजूरी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर दी गई।

-2008-09 में परिवार उन्मुख आय निर्माण योजना के लिए निर्धारित 12 करोड़ रुपये में से बीटीसी द्वारा योजना से बाहर अन्य उद्देश्यों के लिए 7.97 करोड़ रुपये का खर्च किया गया।

-चिरांग और कोकराझार के दंगा प्रभावित परिवारों के 27368 बीघा भूमि की खेती के लिए ट्रैक्टर द्वारा निशुल्क खुदाई में बीटीसी द्वारा 2.74 करोड़ रुपये खर्च किया गया, जिसमें ट्रैक्टरों के कथित मालिकों को 94.28 लाख रुपये का फर्जी भुगतान शामिल है।

-मैदानी जनजातियों और पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए पशुपालन गतिविधियों की योजनाओं को लागू करने में बीटीसी ने अत्यधिक मूल्य पर तम्बुओं की खरीदारी की। इस पैसे के उपयोग के लिए भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार, सिर्फ गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले जनजाति समुदायों को ही इस कोष से सहायता दी जाती है। लेकिन सीएजी को इसके वास्तविक लाभार्थियों का कोई भी रिकॉर्ड नहीं मिला।

-बीटीसी ने एकीकृत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) के दिशा-निर्देशों के दायरे से बाहर जाकर 52,510 स्कूल बैगों की खरीद पर 2.95 करोड़ रुपये खर्च किये।

-आईसीडीएस के पोषण कार्यक्रम के तहत बीटीसी ने 45 रुपये प्रति पैकेट की दर से ब्रिटैनिया मेरी गोल्ड बिस्किट की खरीद की, जो 27 रुपये की अधिकतम खुदरा मूल्य से लगभग दोगुनी थी।

-बीटीसी ने 11950 रुपये की दर से एचपी लेजर जेट पी-1108 के 824 प्रिंटर खरीदे। जबकि इन प्रिंटरों का अधिकतम खुदरा मूल्य 6599 रुपये था।

-उत्पादकों/अधिकृत डीलरों से मूल्य की जानकारी लिए बगैर 8576 अग्नि शामक यंत्र की खरीद से 4.78 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च हुआ।

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