मिलिए अमेरिका की उन 4 महिला सांसदों से जो बनी हुई हैं राष्ट्रपति ट्रंप की आंखों की किरकिरी

अमेरिकी संसद की चार महिला सदस्य राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आंखों में खटक रही हैं। जातीय अल्पसंख्यक समूहों से आने वाली इन चारों महिला सांसदों को निशाने पर लेते हुए ट्रंप अक्सर कहते हैं कि उन्हें वहीं वापस लौट जाना चाहिए, जहां से वे आई हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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DW

अमेरिका की चार महिला सांसद राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की आंखों में खटक रही हैं। ये सभी जातीय अल्पसंख्यक समूहों से आती हैं और अपनी पार्टी के सबसे सक्रिय उदारवादी धड़े का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। इस स्वयंभू "दस्ते" में न्यूयॉर्क की अलेक्जेंड्रिया ओकासियो-कोर्टेज, मिनेसोटा की इल्हान उमर, मैसाचुसेट्स की अयान प्रेसली और मिशिगन की रशीदा तलेब हैं। उमर को छोड़ सभी अमेरिका में ही जन्मी हैं।

बीते दिनों राष्ट्रपति ट्रंप ने इन सब को निशाने पर लेते हुए कई बयान दिए और यहां तक कह दिया कि जहां से वे आई हैं, वहीं वापस लौट जाएं। ट्रंप ने उनके ऊपर अमेरिका के दुश्मन अल-कायदा जैसे संगठनों के प्रति साहनुभूति रखने का आरोप लगाया।

प्यूर्टो रिको मूल की 29 वर्षीय ओकासियो-कोर्टेज अमेरिकी संसद की सबसे कम उम्र की सदस्य हैं। वहीं अयान प्रेसली पहली अफ्रीकी-अमेरिकी हैं, जो मैसाचुसेट्स से चुनकर संसद पहुंची हैं। रशीदा तलेब और इल्हान उमर कांग्रेस में चुनी जाने वाली पहली दो मुस्लिम महिलाएं हैं। तालीब संसद के लिए चुनी गईं फिलिस्तीनी मूल की पहली अमेरिकी हैं।

इल्हान उमर बचपन में युद्धग्रस्त सोमालिया से भागकर शरणार्थी के रूप में अमेरिका आई थीं। वह सदन में पहली अश्वेत मुस्लिम महिला हैं और हिजाब पहनती हैं। ये सभी उस नई लहर का हिस्सा हैं, जिसने संसद की प्रतिनिधि सभा को डेमोक्रेटों के नियंत्रण में वापस लाने में मदद की और सभी ने जनवरी में पदभार संभाला। वे एकजुट होकर रिपब्लिकन ट्रंप के विरोध का अभियान चलाए हुए हैं। वे भी ट्रंप की तरह सोशल मीडिया को अपने हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रही हैं और डेमोक्रेट पार्टी के प्रतिरोध के बावजूद एक प्रगतिशील एजेंडा को आगे बढ़ाती रही हैं।


ओकासियो-कोर्टेज खुद को एक समाजवादी मानती हैं। अमेरिका में उनके जैसे कम ही नेता हैं, जिनमें वरिष्ठ सीनेटर बर्नी सैंडर्स भी शामिल हैं। वे सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहती हैं। 47 लाख लोग उन्हें फॉलो करते हैं। पिछले महीने उन्होंने तब एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था जब उन्होंने दक्षिणी संयुक्त राज्य अमेरिका में अप्रवासी हिरासत केंद्र की सुविधाओं को "कंसन्ट्रेशन कैंप" कह डाला था। इस पर उनकी यह कहते हुए काफी आलोचना हुई कि उन्होंने होलोकॉस्ट के पीड़ितों का अपमान किया है।

उमर और तलेब पर अक्सर यहूदी-विरोधी होने के आरोप लगते रहे हैं, क्योंकि उन्होंने इजरायल का बहिष्कार करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय अभियान को समर्थन देने की घोषणा की थी। फरवरी महीने में 37 वर्षीय उमर ने कहा था कि अमेरिकी राजनेता अपने वित्तीय हितों के लिए इजरायल का समर्थन करते हैं। इस बयान के लिए उनकी काफी आलोचना की गई थी। मार्च में उनके ऊपर अमेरिका में हुए 9/11 के हमलों के प्रभाव को कम करने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया था, जब उन्होंने कहा था कि ‘कुछ लोगों ने ऐसा किया था’।

मई महीने में 42 वर्षीय तलेब द्वारा होलोकॉस्ट को लेकर की गई टिप्पणी की आलोचना यहूदी विरोधी के रूप में की गई थी। याहू के ‘स्कलडगरी’ पॉडकास्ट में तलेब ने कहा, “यह एक तरह का शांत भाव है। जब मैं होलोकॉस्ट और उसकी त्रासदी के बारे में सोचती हूं, लोगों को बताती हूं। तथ्य यह है कि मेरे पूर्वजों (फलस्तीनियों) ने अपनी जमीन खो दी और कुछ लोगों ने अपना जीवन खो दिया।” वहीं 45 साल की प्रेसली ट्रंप प्रशासन की आव्रजन नीतियों की घोर आलोचक हैं। प्रेसली ने आप्रवासियों को रखे जाने वाले हिरासत केंद्रों को ‘पिंजरा’ करार दिया था।

प्रेसली, तलेब और ओकासियो-कोर्टेज सभी संसद की अहम हाउस फाइनेंस कमेटी की सदस्य हैं। प्रेसली ने कहा कि उनका ‘दस्ता’ किसी भी तरह से उनके और अन्य तीन सांसदों तक सीमित नहीं है। उन्होंने कहा, “हमारा दस्ता बड़ा है। हमारे दस्ते में हर वो व्यक्ति शामिल है जो अधिक न्यायसंगत और न्यायपूर्ण दुनिया बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

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