भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल ने कहा, ‘जब तक हम डरेंगे, तब तक हम सुधार नहीं कर सकते’

महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल ने कहा कि सच कहा जाए तो जो जैसा खेलेगा, उसे वैसा परिणाम मिलेगा। अगर टीम अच्छा प्रदर्शन करती है, तो निश्चित तौर पर उसकी रैंकिंग भी सुधरती है।

फोटो: सोशल मीडिया 
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आईएएनएस

भारत को 13 साल बाद हॉकी एशिया कप का खिताब दिलाने वाली महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल का कहना है कि ‘मॉर्डन हॉकी’ में रैंकिंग नहीं, बल्कि प्रदर्शन मायने रखता है।

वर्तमान में भारतीय महिला हॉकी टीम विश्व रैंकिंग में शीर्ष-10 टीमों की सूची में शामिल है। रैंकिंग में बने रहना कितना मायने रखता है। इस बारे में रानी ने कहा, “सच कहा जाए तो जो जैसा खेलेगा, उसे वैसा परिणाम मिलेगा। अगर टीम अच्छा प्रदर्शन करती है, तो निश्चित तौर पर उसकी रैंकिंग भी सुधरती है।”

हरियाणा के शाहबाद की निवासी रानी रामपाल 2010 में विश्व कप खेलने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई थीं। रानी रामपाल के पिता घोड़ा-गाड़ी चलाते हैं। ऐसे में उनके लिए अपने सपने को पूरा करना आसान नहीं रहा। उन्हें ऐसे में टीम की अनुभवी खिलाड़ियों और कोच ने काफी समर्थन दिया।

बेंगलुरू में भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के केंद्र में जारी शिविर में अभ्यास कर रहीं रानी रामपाल ने उच्च स्तरीय रैंक वाली टीमों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान किसी प्रकार के दबाव के बारे में कहा, “नहीं हमें खुद पर विश्वास है। हमें खुशी है कि हम टॉप-10 में आए हैं। शीर्ष-10 में जब आप पहुंच जाते हैं, तो आपका प्रशिक्षण उसी स्तर के तहत शुरू हो जाता है।”

उन्होंने कहा, “जब तक हम डरेंगे, तब तक हम सुधार नहीं कर सकते। ऐसे में हमें अपने से आगे रैंक वाली टीम के खिलाफ खेलते वक्त डरना नहीं है।”

उन्होंने कहा, “कोरिया दौरे पर हम अभी जाएंगे, तो हमें काफी अनुभव और अवसर मिलेंगे। राष्ट्रमंडल खेलों में देखा जाए, तो सभी टीमें अच्छी और मजबूत हैं। हमें खुद पर ध्यान देना है और देखना है कि हमें जिस प्रकार की प्रशिक्षण किया है, उसे लागू कर सकें। ऐसे में हम दूसरी टीमों पर ध्यान न देके अपने खेल पर ध्यान देना है।”

टीम में हाल ही में कई युवा खिलाड़ी शामिल हुई हैं। कोरियाई दौरे पर भी तीन नई खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदार्पण करेंगी। ऐसे में खिलाड़ियों के साथ तालमेल के बारे में कहा, “हमें खुशी है कि नई खिलाड़ी टीम में शामिल हुई है। जूनियर खिलाड़ियों के लिए इस प्रकार के अवसर मायने रखते हैं। सभी खिलाड़ियों के बीच तालमेल अच्छा है। आशा है कि हम कोरियाई दौरे पर अच्छा प्रदर्शन करें। ताकि टीम आत्मविश्वास के साथ राष्ट्रमंडल खेलों में प्रवेश करे।”

‘खेलो इंडिया’ के बारे में उन्होंने कहा, “भारत सरकार की ओर से उठाया गया यह काफी अच्छा कदम है। इस बार हमारे खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ स्वयं भी एक खिलाड़ी रह चुके हैं। वह जानते हैं कि किस प्रकार से प्रतिभा को ढूंढा जा सकता है। इससे पहले जो खेल मंत्री थे, वे उस प्रकार से खेलों से जुड़े नहीं थे और शायद इसीलिए, वह उस एहसास के साथ काम नहीं कर सकते थे।”

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