उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की उनके ही मठ के कमरे में संदिग्ध परिस्थितयों में मौत के सिलसिले में पुलिस ने हरिद्वार से उनके शिष्य आनंद गिरी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने यह कार्रवाई नरेंद्र गिरी के कमरे से तलाशी के दौरान बरामद एक सुसाइड नोट के आधार पर की है। सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि ने कथित तौर पर कई लोगों पर मानसिक तौर पर परेशान करने का आरोप लगाया है। इनमें ही एक नाम आनंद गिरि का बताया जा रहा है, जिसे हिरासत में लिया गया है।
Published: undefined
वहीं महंत नरेंद्र गिरी की मौत के सिलसिले में हरिद्वार से हिरासत में लिए गए शिष्य आनंद गिरी ने आरोपों से इनकार किया है। उसने कहा कि यह उन लोगों की एक बड़ी साजिश है जो गुरुजी से पैसे ऐंठते थे और उन्होंने ही पत्र में मेरा नाम लिखा है। इसकी जांच होनी चाहिए क्योंकि गुरु जी ने अपने जीवन में एक पत्र नहीं लिखा और वह कभी आत्महत्या नहीं कर सकते हैं, उनकी लिखावट की जांच की जानी चाहिए।
Published: undefined
आनंद गिरी ने आगे कहा कि मैंने अपना पूरा जीवन वहीं महंत नरेंद्र गिरी के मठ में बिताया है और कभी उनसे कोई पैसा नहीं लिया। मेरे और गुरु जी के बीच सब कुछ अच्छा था और इसलिए मैं सरकार से इस मामले की निष्पक्ष और पूरी जांच कराने का अनुरोध करता हूं।
Published: undefined
बता दें कि सोमवार शाम को प्रयागराज में आखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध हालात में मौत से सनसनी फैल गई। उनका शव अल्लापुर में बाघंबरी मठ के एक कमरे में फंदे से लटका पाया गया था। शुरुआती जांच में पुलिस इसे आत्महत्या का ही मामला मान रही है। हालांकि, संदिग्ध परिस्थितियों को देखते हुए प्रशासन ने पोस्टमार्टम कराने का फैसला लिया। मठ पर फोरेंसिक टीम और डॉग स्क्वायड को भी बुलाया गया था।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined