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बिहार: सुशासन राज में अपराधियों का बोलबाला, निशाने पर नव निर्वाचित मुखिया!

बिहार में पंचायत चुनाव के दौरान चार नवनिर्वाचित मुखिया की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। पुलिस हालांकि इन सभी हत्याओं को चुनावी रंजिश से जोडकर देख रही है।

फोटो: IANS
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बिहार में पंचायत चुनाव के तहत सभी क्षेत्रों में मतदान संपन्न हो चुका है। भले ही, नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधि अब तक कार्यभार नहीं संभाल पाए हैं, लेकिन अपराधियों के निशाने पर हैं। बिहार में पंचायत चुनाव के दौरान चार नवनिर्वाचित मुखिया की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। पुलिस हालांकि इन सभी हत्याओं को चुनावी रंजिश से जोडकर देख रही है।

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पुलिस के मुताबिक, भोजपुर जिले के चरपोखरी थाना क्षेत्र में 15 नवंबर को बाबू बांध पंचायत के नवनिर्वाचित मुखिया संजय सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। यह घटना तब हुई जब वह एक पंचायती में अपने बगल के गांव अपने एक सहयोगी के साथ बुलेट पर सवार होकर जा रहे थे। तभी अपराधियों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी।

यह मामला अभी ठंडा ही नहीं पड़ा था कि अपराधियों ने जमुई जिले में एक नवनिर्वाचित मुखिया को अपना निशाना बना दिया। जमुई जिले के दरखा पंचायत के नवनिर्वाचित मुखिया जय प्रकाश महतो को तीन दिसंबर की शाम बालडा मोड़ पर बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारकर गम्भीर रूप से जख्मी कर दिया।

इलाज के लिए उनको नवादा ले जाने के दौरान रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। इसके बाद लोग आक्रोशित हुए और पुलिस के वाहनों को भी निशाना बनाया।

पुलिस इन दोनों मामलों की जांच ही कर रही थी कि अपराधियों की नजर पटना जिले के नवनिर्वाचित मुखियाजी पर आ गड़ी। पटना के बाढ़ में 11 दिसंबर को बेखौफ अपराधियों ने पंडारक पूर्वी पंचायत के नव निर्वाचित मुखिया गोरेलाल यादव और पुलिस के एएसआई की ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी।

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इस घटना के दो दिन बाद ही यानी 13 दिसंबर को अपराधियों ने पटना जिले के जानीपुर थाना के रामपुर फरीद पंचायत के मुखिया नीरज कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी। नीरज लगातार दूसरी बार मुखिया बने थे।

पुलिस के अधिकारी मानते हैं कि चुनावी रंजिश के कारण ऐसी हत्याएं हो रही हैं। सूत्रों का कहना है कि मुखिया पद के लिए सबसे ज्यादा मारामारी है लोग किसी भी कीमत पर मुखिया बनना चाह रहे हैं चुनाव हारने वाले प्रत्याशी अपने हार को पचा नहीं पा रहे हैं।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि पुलिस सभी मामलों की जांच में जुटी है। उनका मानना है कि कई आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई है। कई नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी भी की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि किसी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। इधर, इन हत्याओं के बाद गुटीय संघर्ष की आहट भी कई क्षेत्रों में सुनाई दे रही है।

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