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पाकिस्तान के लिए फिर ढाल बना चीन, आतंकवाद पर लगाम को लेकर भारत के मनसूबों पर फिरा पानी

एक बार फिर पाकिस्तान के लिए उसका सबसे करीबी दोस्त चीन ढाल बनकर सामने खड़ा हुआ है। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के वित्तपोषण की निगरानी करने वाली संस्था ‘फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) के अनुसार पाकिस्तान एक बार फिर अपनी कार्ययोजना को पूरा करने में विफल रहा है।

फोटो: सोशल मीडिया 
फोटो: सोशल मीडिया  

चीन ने एक बार फिर पाकिस्तान से दोस्ती निभाते हुए ढाल बनकर सामने खड़ा हुआ दिखाई दिया। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के वित्तपोषण की निगरानी करने वाली संस्था ‘फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) के अनुसार पाकिस्तान एक बार फिर अपनी कार्ययोजना को पूरा करने में विफल रहा है। इस कारण उसे काली सूची में डाला सकता था, लेकिन उसके करीबी दोस्त चीन ने उसे फिर बचा लिया और भारत के मनसूबों पर पानी फेर दिया।

Published: 22 Jun 2019, 10:03 AM IST

एफएटीएफ के मुताबिक किसी देश को काली सूची में डालने से बचाने के लिए उसे तीन देशों का समर्थन प्राप्त होना चाहिए। अब चीन के साथ तुर्की और मलेशिया ने समर्थन करके बचा लिया है।

Published: 22 Jun 2019, 10:03 AM IST

अब एफएटीएफ ने पाकिस्तान को अक्टूबर तक अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने या कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी दी है जिसके तहत उसे काली सूची में डाला जा सकता है। एफएटीएफ ने कहा कि न केवल पाकिस्तान जनवरी की समय सीमा के साथ अपनी कार्ययोजना को पूरा करने में विफल रहा, बल्कि वह मई 2019 तक भी अपनी कार्य योजना को पूरा करने में भी विफल रहा है। पाकिस्तान अक्टूबर 2018 से एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में है। ऐसा पाकिस्तान के आतंकवाद को वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने के जोखिम को देखते हुए किया गया था।

Published: 22 Jun 2019, 10:03 AM IST

वहीं भारत ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि एफएटीएफ द्वारा दिए गए तय सीमा के अंदर पाकिस्तान आतंकवाद पर लगाम लगाए।

Published: 22 Jun 2019, 10:03 AM IST

दूसरी ओर चीन ने एक बार फिर से भारत के एनएसजी में पहुंचने का रास्ता रोक दिया है। मई 2016 से चीन इस खास समूह में भारत के पहुंचने का रास्ता रोकने की भरसक कोशिश करता रहा है। चीन ने इस मामले में साफ कह दिया है कि भारत को लेकर आम सहमति बनाने के लिए वह कोई निश्चित समयसीमा भी नहीं बता सकता है। बता दें कि 48 देशों के इस खास समूह का सदस्य बनने पर भारत के लिए परमाणु सामग्री का मिलना काफीआ सान हो जाएगा।

Published: 22 Jun 2019, 10:03 AM IST

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Published: 22 Jun 2019, 10:03 AM IST