इंग्लैंड की राजधानी लंदन की शान माने जाने वाली बिग बेन घड़ी को अगले चार वर्षों के लिए बंद कर दिया गया है। अब इस घड़ी को 2021 में फिर से शुरू किया जाएगा। हालांकि इस बीच नए साल की पूर्व संध्या जैसे खास मौकों पर इसका इस्तेमाल किया जाएगा।
19वीं सदी की ऐतिहासिक बिग बेन घड़ी को आवश्यक मरम्मत कार्य और रख-रखाव के लिए बंद किया गया है। घड़ी के साथ ही इसकी पुरानी हो चुकी ऐतिहासिक इमारत को भी मरम्मत कर पहले से ज्यादा खूबसूरत बनाने की योजना है। इसके लिए 2.9 करोड़ पाउंड की लागत से पूरी इमारत का मरम्मत कार्य शुरू कर दिया गया है।
लंदन स्थित एलिजाबेथ टावर में लगी इस घड़ी को बंद करने के फैसले पर वहां के राजनीतिज्ञों के बीच काफी गंभीर बहस चली। देश के कई नेताओं ने इस फैसले का विरोध किया। खुद प्रधानमंत्री थेरेसा मे और कई अन्य सांसदों ने बिग बेन को चार वर्षों के लिए बंद करने के फैसले पर आपत्ति जताई थी। प्रधानमंत्री मे का कहना था कि इस ऐतिहासिक घंटी की आवाज 2021 तक नहीं सुनी जा सकेगी जो सही नही है। उन्होंने इस फैसले पर फिर से सोचने की अपील की थी।
बिग बेन को मरम्मत के लिए बंद करने का फैसला हाउस ऑफ कॉमन्स का है। अधिकारियों का कहना है कि घड़ी के चालू रहने की स्थिति में सही से काम नहीं हो पाएगा। हालांकि बंद की अवधि को लेकर पुनर्विचार किया जा सकता है। आम लोग इसे अपने जीवन का अभिन्न अंग मानते हैं। इस फैसले से नाखुश राजनेताओं और लोगों का कहना है कि बिग बेन लंदन की सभ्यता और संस्कृति की तरह शहर में घुला हुआ है। बहरहाल, अब तो इस घड़ी की आवाज पहले की तरह सुनने के लिए लंदनवासियों को अगले चार वर्षों तक इंतजार करना पड़ेगा।
बिग बेन का इतिहास और अब तक का सफर भी बड़ा दिलचस्प है। 1834 में भीषण आग में इंग्लैंड की संसद की इमारत वेस्टमिन्स्टर महल का ज्यादातर हिस्सा तबाह हो गया था। इसे फिर से बनाने का फैसला हुआ तो तय किया गया कि नई संसद भवन में एक विशाल टावर और एक घड़ी भी होनी चाहिए। कई बाधाओं के बाद 1859 में 31 मई को पहली बार बिग बेन की सुई हरकत में आई। इसका वजन साढ़े पंद्रह टन है। डायल साढ़े बारह फुट का और सुई की लम्बाई ग्यारह फीट है। जिस मीनार में यह घंटा स्थापित है उसकी ऊंचाई 320 फुट है। लंदन के लोग आम तौर पर इसी की आवाज से अपनी घड़ियों के समय सही करते रहे हैं।
Published: 22 Aug 2017, 3:40 PM IST
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Published: 22 Aug 2017, 3:40 PM IST