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अर्थतंत्र की खबरें: शेयर बाजार में लगातार 7वें दिन गिरावट और चांदी 1.5 लाख रुपये के नए रिकॉर्ड पर, सोना भी उछला

शेयर बाजार सोमवार को उतार-चढ़ाव भरे सत्र में मामूली गिरावट के साथ लगातार सातवें दिन नुकसान के साथ बंद हुए। सेंसेक्स में 61 अंक और निफ्टी में 20 अंक की गिरावट रही।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

विदेशी पूंजी निकासी जारी रहने और बैंक शेयरों में बिकवाली के बीच घरेलू शेयर बाजार सोमवार को उतार-चढ़ाव भरे सत्र में मामूली गिरावट के साथ लगातार सातवें दिन नुकसान के साथ बंद हुए। सेंसेक्स में 61 अंक और निफ्टी में 20 अंक की गिरावट रही।

विश्लेषकों के मुताबिक, इस सप्ताह के मध्य में नीतिगत ब्याज दरों पर आरबीआई का निर्णय आने से पहले निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया। इसके अलावा लगातार विदेशी पूंजी निकासी से भी निवेशक धारणा कमजोर रही।

बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक सेंसेक्स सीमित कारोबार में उतार-चढ़ाव का सामना करने के बाद 61.52 अंक यानी 0.08 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,364.94 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान इसने 80,851.38 के ऊपरी और 80,248.84 के निचले स्तर को भी छुआ।

एनएसई का मानक सूचकांक निफ्टी भी लगातार सातवें सत्र में गिरावट के साथ 19.80 अंक यानी 0.08 प्रतिशत गिरकर 24,634.90 पर आ गया।

इसके साथ ही पिछले सात कारोबारी सत्रों में बीएसई सेंसेक्स में 2,649.02 अंक यानी 3.19 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है। इस दौरान एनएसई निफ्टी को भी 788.7 अंक यानी 3.10 प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ा है।

सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से मारुति, एक्सिस बैंक, लार्सन एंड टुब्रो, आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल, इन्फोसिस, अदाणी पोर्ट्स और हिंदुस्तान यूनिलीवर में गिरावट रही। हालांकि, टाइटन, भारतीय स्टेट बैंक, इटर्नल और ट्रेंट के शेयर प्रमुख रूप से लाभ में रहे।

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चांदी 1.5 लाख रुपये के नए रिकॉर्ड पर, सोना भी 1,500 रुपये उछला

राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोमवार को चांदी की कीमत 7,000 रुपये उछलकर 1.5 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के अबतक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। सोना भी मजबूत वैश्विक रुझानों के बीच 1,500 रुपये चढ़कर 1,19,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए शिखर पर पहुंच गया। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी।

स्थानीय सर्राफा बाजार में 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 1,500 रुपये बढ़कर 1,19,500 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई, जो पिछले सत्र में 1,18,000 रुपये प्रति 10 ग्राम थी।

वहीं 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना भी 1,500 रुपये की तेजी के साथ 1,18,900 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जो शनिवार को 1,17,400 रुपये प्रति 10 ग्राम था।

चांदी की कीमतों में भी भारी तेजी देखी गई और यह 7,000 रुपये उछलकर 1,50,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। इससे लगातार चौथे सत्र में बढ़त दर्ज की गई। पिछले कारोबार में चांदी कीमत 1,43,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।

विदेशी बाजार में सोने और चांदी दोनों में जोरदार तेजी दर्ज की गई। हाजिर सोना लगभग दो प्रतिशत बढ़कर 3,824.61 डॉलर प्रति औंस के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, जबकि चांदी दो प्रतिशत से अधिक बढ़कर 47.18 डॉलर प्रति औंस हो गई।

विश्लेषकों के अनुसार, सर्राफा कीमतों में उछाल- मजबूत वैश्विक मांग और कमजोर डॉलर के कारण आया। निवेशकों ने निरंतर वैश्विक तनाव और आर्थिक अनिश्चितता के बीच सुरक्षित निवेश की ओर रुख किया।

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डॉलर के मुकाबले रुपया सात पैसे टूटकर 88.79 के अबतक के सबसे निचले स्तर पर

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया सात पैसे की गिरावट के साथ 88.79 (अस्थायी) के अपने अबतक के सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ। विदेशी पूंजी की लगातार निकासी और जोखिम से बचने की धारणा में वृद्धि के कारण रुपये में गिरावट आई।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं और अमेरिकी वीजा शुल्क वृद्धि के भारत के आईटी सेवा निर्यात पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर निवेशकों की चिंता के कारण रुपया अपने सर्वकालिक निचले स्तर के आसपास मंडरा रहा है।

इसके अलावा, एक अक्टूबर को भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के नतीजों से रुपये और सरकारी बॉन्ड की चाल पर असर पड़ने की संभावना है।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में, रुपया अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 88.69 पर खुला और अंततः सात पैसे की गिरावट के साथ 88.79 (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो अब तक का इसका सबसे निचला बंद स्तर है।

शुक्रवार को रुपया अपने सर्वकालिक निचले स्तर से उबरते हुए डॉलर के मुकाबले चार पैसे बढ़कर 88.72 पर बंद हुआ था।

मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक (मुद्रा और जिंस) अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि कमजोर घरेलू बाजारों और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के कारण रुपया कमजोर बना रहेगा।

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रेपो दर पर फैसला करने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक शुरू

नीतिगत ब्याज दरों के बारे में फैसला करने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की द्विमासिक समीक्षा बैठक सोमवार को शुरू हो गई। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार नीतिगत दरों को स्थिर रखा जा सकता है जबकि कुछ जानकारों ने 0.25 प्रतिशत की कटौती की संभावना जताई है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली छह-सदस्यीय एमपीसी की बैठक में लिए गए फैसले की घोषणा बुधवार को की जाएगी।

यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब वैश्विक तनाव और अमेरिका की तरफ से भारतीय निर्यात पर 50 प्रतिशत का ऊंचा शुल्क लगाए जाने से भारी दबाव बना हुआ है।

रिजर्व बैंक इस साल फरवरी से अब तक तीन चरणों में नीतिगत रेपो दर में कुल एक प्रतिशत अंक की कटौती कर चुका है। हालांकि अगस्त की द्विमासिक समीक्षा में उसने रेपो दर में कोई बदलाव न करते हुए उसे 5.50 प्रतिशत पर स्थिर रखा था।

गोल्डमैन सैश की रिपोर्ट में रेपो दर को यथावत और नीतिगत रुख को तटस्थ रखे जाने की उम्मीद जताई गई है। हालांकि यह रिपोर्ट कहती है कि एमपीसी की दिसंबर में होने वाली अगली बैठक में 0.25 प्रतिशत की एक और कटौती हो सकती है।

हालांकि बजाज ब्रोकिंग की रिपोर्ट में कहा गया है कि बाजार आमतौर पर दरों में किसी बदलाव की उम्मीद नहीं कर रहा है।

रियल एस्टेट क्षेत्र का मानना है कि खुदरा मुद्रास्फीति सुस्त रहने और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के स्लैब में बदलाव से करों के बोझ में आई कमी से नीतिगत दर में कटौती की गुंजाइश दिख रही है।

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