अर्थतंत्र

अर्थजगतः नारायण मूर्ति ने युवाओं को फिर दी 70 घंटे काम की सलाह और शेयर बाजार में गिरावट, सेंसेक्स 385 अंक लुढ़का

भारत में थोक मूल्य सूचकांक या थोक मुद्रास्फीति दर नवंबर में घटकर 1.89 प्रतिशत रह गई है, जो कि अक्टूबर में 2.36 प्रतिशत थी। आज दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोना 1,150 रुपये लुढ़ककर 78,350 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। चांदी भी 300 रुपये की कमी आई।

नारायण मूर्ति ने युवाओं को फिर दी 70 घंटे काम की सलाह और शेयर बाजार में गिरावट, सेंसेक्स 385 अंक लुढ़का
नारायण मूर्ति ने युवाओं को फिर दी 70 घंटे काम की सलाह और शेयर बाजार में गिरावट, सेंसेक्स 385 अंक लुढ़का फोटोः IANS

नारायण मूर्ति ने युवाओं को फिर दी 70 घंटे काम की सलाह

इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने एक बार फिर सप्ताह में 70 घंटे काम करने की बात दोहराते हुए युवाओं से देश के विकास के लिए कड़ी मेहनत करने की अपील की है। मूर्ति ने सबसे पहले साल 2023 में देश के विकास को बढ़ावा देने के लिए 70 घंटे काम करने के विचार का सुझाव दिया था। हालांकि, कई लोगों और कुछ डॉक्टरों ने उनकी आलोचना की, लेकिन ओला के सीईओ भाविश अग्रवाल सहित कई लोगों ने इसकी सराहना भी की थी।

मूर्ति ने हाल ही में कोलकाता में एक कार्यक्रम में कहा कि युवा पीढ़ी को यह एहसास होना चाहिए कि उन्हें "कड़ी मेहनत करनी है और देश को नंबर एक बनाने की दिशा में काम करना है"। उन्होंने भारतीयों को उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने की आवश्यकता पर जोर दिया। नारायण मूर्ति ने इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के शताब्दी समारोह में आरपीएसजी ग्रुप के चेयरमैन संजीव गोयनका के साथ बातचीत में कहा, "इंफोसिस में, मैंने कहा था कि हम सर्वश्रेष्ठ बनेंगे और अपनी तुलना सर्वश्रेष्ठ वैश्विक कंपनियों से करेंगे। एक बार जब हम अपनी तुलना सर्वश्रेष्ठ वैश्विक कंपनियों से करेंगे, तो मैं आपको बता सकता हूं कि हम भारतीयों के पास करने के लिए बहुत कुछ है"।

नारायण मूर्ति की यह टिप्पणी युवा भारतीयों द्वारा कार्यस्थल पर झेले जाने वाले तनाव की चिंताओं के बीच आई है, जिसके परिणामस्वरूप कई लोगों की जान चली जाती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी लंबे समय तक काम करने के गंभीर परिणामों की चेतावनी दी है जो न केवल कर्मचारियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं, बल्कि उनके व्यक्तिगत और सामाजिक संबंधों पर भी गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं।

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शेयर बाजार में गिरावट, सेंसेक्स 385 अंक लुढ़का

वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के बीच सोमवार को स्थानीय शेयर बाजार में गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 384 अंक से अधिक नीचे आ गया। कारोबारियों के अनुसार, अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व इस सप्ताह नीतिगत दर पर निर्णय लेगा। इसको देखते हुए निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया जिससे वैश्विक बाजार में नरमी रही। इसका असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा। इसके अलावा, रुपये में गिरावट और चीन में कमजोर आर्थिक आंकड़ों के बीच धातु तथा आईटी शेयरों में बिकवाली दबाव से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।

तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 384.55 अंक यानी 0.47 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,748.57 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 581.84 अंक तक लुढ़क गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 100.05 अंक यानी 0.40 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,668.25 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के तीस शेयरों में से टाइटन, अदाणी पोर्ट्स, अल्ट्राटेक सीमेंट, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एनटीपीसी, भारती एयरटेल, टेक महिंद्रा, इन्फोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर और जेएसडब्ल्यू स्टील प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। दूसरी ओर, लाभ में रहने वाले शेयरों में इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस, पावर ग्रिड, महिंद्रा एंड महिंद्रा और एक्सिस बैंक शामिल हैं। मझोली कंपनियों के शेयरों से जुड़ा बीएसई मिडकैप 0.73 प्रतिशत चढ़ गया, जबकि छोटी कंपनियों के शेयरों से संबंधित बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 0.47 प्रतिशत मजबूत हुआ।

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थोक मुद्रास्फीति दर नवंबर में घटकर 1.89 प्रतिशत रही

भारत में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) या थोक मुद्रास्फीति दर नवंबर में घटकर 1.89 प्रतिशत रह गई है, जो कि अक्टूबर में 2.36 प्रतिशत थी। इसकी वजह खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी आना है। यह जानकारी वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा सोमवार को दी गई है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, खाद्य महंगाई दर नवंबर में 8.29 प्रतिशत पर रही है, जो कि अक्टूबर में 11.59 प्रतिशत थी। इसकी वजह सब्जियों में महंगाई दर का कम होना है। नवंबर में प्याज में महंगाई दर अक्टूबर के 39.25 प्रतिशत के मुकाबले 2.85 प्रतिशत रही है। बीते महीने ईंधन की कीमतों में महंगाई दर -5.83 प्रतिशत थी। इसके कारण थोक महंगाई की रफ्तार में कमी आई है।

थोक महंगाई दर का खुदरा महंगाई दर से सीधा संबंध होता है। थोक महंगाई दर में कमी आने का असर खुदरा कीमतों पर भी होता है। पिछले सप्ताह जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, भारत की खुदरा मूल्य मुद्रास्फीति या खुदरा महंगाई दर नवंबर में घटकर 5.48 प्रतिशत रह गई। इसमें कमी आने की वजह महीने के दौरान खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि कम हुई। खुदरा महंगाई दर में कमी लगातार दो महीने की बढ़त के बाद देखने को मिली थी। अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर 6.21 प्रतिशत पर पहुंच गई थी।

अक्टूबर 2024 में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा तय किए गए महंगाई के बैंड 2 से 6 प्रतिशत के ऊपर निकलने के बाद एक बार फिर से खुदरा मुद्रास्फीति काबू में आ गई है। आरबीआई द्वारा महंगाई के 4 प्रतिशत से नीचे आने का इंतजार किया जा रहा है, जिससे ब्याज दरों में कटौती कर वृद्धि दर को बढ़ाया जा सके। आरबीआई ने दिसंबर 2024 की मौद्रिक नीति में वृद्धि दर और महंगाई में बैलेंस रखते हुए कैश रिजर्व रेश्यो (सीआरआर) में 0.50 प्रतिशत की कटौती की थी, जिससे बैंकिंग सिस्टम में तरलता में इजाफा हुआ है।

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सोना 1,150 रुपये लुढ़का, चांदी में 300 रुपये की गिरावट

आभूषण एवं फुटकर विक्रेताओं की अंधाधुंध बिकवाली के कारण सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोना 1,150 रुपये लुढ़ककर 78,350 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी। शुक्रवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाली सोने की कीमत 79,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी। चांदी भी 300 रुपये घटकर 92,500 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई। पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 92,800 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। पिछले दो कारोबारी सत्रों में इसमें 4,500 रुपये प्रति किलोग्राम की गिरावट आई है। सोमवार को 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 1,150 रुपये घटकर 77,950 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई।

व्यापारियों ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आर्थिक नीतियों को लेकर चिंता के कारण सर्राफा की धारणा काफी हद तक कमजोर थी, जो अमेरिकी डॉलर के लिए अनुकूल स्थिति बना सकती है। एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष शोध विश्लेषक - जिंस एवं मुद्रा जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘सोने में उतार-चढ़ाव का दौर जारी रहा। पिछले सप्ताह भी इसमें उतार-चढ़ाव रहा था।’’ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कॉमेक्स सोना वायदा 2.70 डॉलर प्रति औंस बढ़कर 2,678.50 डॉलर प्रति औंस हो गया।

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अपग्रेड को वित्त वर्ष 24 में हुआ 560 करोड़ रुपये का नुकसान

ऑनलाइन स्किल और लर्निंग प्लेटफॉर्म अपग्रेड को वित्त वर्ष 24 में 560 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जो कि वित्त वर्ष 23 में 1,142 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 24 में कंपनी को एबिटा (वन-टाइम कॉस्ट मिलाकर) आधार पर 285 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, वित्त वर्ष 23 में यह 558 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 24 में कंपनी की कुल आय सालाना आधार पर 30 प्रतिशत बढ़कर 1,547 करोड़ रुपये रही है। यह वित्त वर्ष 23 में 1,194 करोड़ रुपये थी। खर्चों की बता करें, तो वित्त वर्ष 24 में कंपनी ने 711 करोड़ रुपये कर्मचारियों के फायदों के लिए खर्च किए हैं। यह पहले 707 करोड़ रुपये था।

अपग्रेड ने वित्त वर्ष 24 में मार्केटिंग और विज्ञापन पर 340 करोड़ रुपये खर्च किए हैं और वित्त वर्ष 23 में यह 387 करोड़ रुपये था। इसके अलावा कंपनी का कंटेंट डिलीवरी पर खर्च वित्त वर्ष 23 के 240 करोड़ रुपये के मुकाबले कम होकर वित्त वर्ष 24 में 226 करोड़ रुपये रह गया है। अपग्रेड ने वित्त वर्ष 24 में प्रोडक्ट और टेक्नोलॉजी पर 77 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। वित्त वर्ष 23 में यह 40 करोड़ रुपये था। अपग्रेड की स्थापना 2015 में हुई थी और यह ऑनलाइन और हाइब्रिड स्कील, सर्टिफिकेशन और बूटकैंप प्रोग्राम ऑफर करता है।

वित्त वर्ष 23 की तुलना में वित्त वर्ष 24 के दौरान कंपनी के एंटरप्राइज बिजनेस में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिसमें जीसीसी, ऑटोमोबाइल, आईटीईएस, बीएफएसआई, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज सहित उद्योगों के प्रमुख साझेदार शामिल हैं। अक्टूबर में अपग्रेड ने टेमासेक से 2.25 अरब डॉलर के वैल्यूएशन पर 60 मिलियन डॉलर की राशि जुटाई थी। टेमासेक के पास कंपनी में करीब 20.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। कंपनी ने शुरुआत से लेकर अब तक 320 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपग्रेड के सह-संस्थापक और चेयरपर्सन रोनी स्क्रूवाला और परिवार के पास कंपनी की 45 प्रतिशत शेयरहोल्डिंग है।

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