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अर्थतंत्र की खबरें: अमेरिकी फेड के ब्याज दरों में कटौती के बाद अब RBI करेगी कटौती और शेयर बाजार में गिरावट

अमेरिकी फेड के ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती के फैसले ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को भी आगामी रेपो रेट कट के लिए एक क्लियर सिग्नल दे दिया है।

फोटो: IANS
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मार्केट एक्सपर्ट्स ने बुधवार को कहा कि अमेरिकी फेड के ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती के फैसले ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को भी आगामी रेपो रेट कट के लिए एक क्लियर सिग्नल दे दिया है।

एक्सपर्ट्स का मानना है कि फेड का यह कदम आरबीआई की विकास को बढ़ावा देने और पहले की गई ब्याज दरों में कटौती का प्रभावी लाभ सुनिश्चित करने के लिए इसी तरह की कार्रवाई की संभावना को मजबूत करता है।

अमेरिकी फेड की ओर से ब्याज दरों में यह दूसरी बार की कटौती है, इससे पहले सितंबर में भी 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई थी।

इस घटनाक्रम पर इंडियाबॉन्डस डॉट कॉम के को-फाउंडर विशाल गोयनका ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा यह कदम भारतीय रिजर्व बैंक को आगामी मौद्रिक नीति समिति की बैठक में ब्याज दरों में कटौती को ग्रीन लाइट सिग्नल देता है।

उन्होंने कहा, "यूएस फेड द्वारा ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट कटौती को लेकर पहले से ही अनुमान जताया जा रहा था। हालांकि गवर्नर पॉवेल ने स्पष्ट रूप से इस बात पर जोर दिया है कि दिसंबर की बैठक में आगे की कटौती को लेकर अभी किसी तरह का कोई विचार नहीं है। इससे केंद्रीय बैंक को आगामी रेपो रेट कट के लिए ग्रीन सिग्नल मिल जाता है।"

उन्होंने आगे कहा, "आरबीआई ने इस महीने की शुरुआत में एमपीसी बैठक में रेपो रेट को 5.50 प्रतिशत पर स्थिर रख 'डोविश पॉज' का रुख अपनाया। वहीं, अब सही समय आ गया है जब बैंकिंग सेक्टर में उचित लाभ सुनिश्चित करने के लिए एक और रेट कटौती की जा सकती है। पिछले रेट कट का सही असर दिखने के लिए एक सपाट और लोअर लॉन्ग-एंड यील्ड कर्व की आवश्यकता है।"

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भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में बंद, सेंसेक्स 592 अंक लुढ़का

भारतीय शेयर बाजार गुरुवार के कारोबारी सत्र में लाल निशान में बंद हुआ। दिन के अंत में सेंसेक्स 592.67 अंक या 0.70 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 84,404.46 और निफ्टी 176.05 अंक या 0.68 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,877.85 पर था।

लार्जकैप की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप में मिलाजुला कारोबार हुआ। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 52.80 अंक या 0.09 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 60,096.25 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 17.85 अंक या 0.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,469.70 पर था।

सेक्टोरल आधार पर ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक,फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, एफएमसीजी, मेटल, मीडिया, प्राइवेट बैंक, इन्फ्रा, कमोडिटी और सर्विसेज लाल निशान में बंद हुए। रियल्टी और एनर्जी हरे निशान में बंद हुआ।

सेंसेक्स पैक में एलएंडटी, बीईएल, अल्ट्राटेक सीमेंट, मारुति सुजुकी, अदाणी पोर्ट्स,टाइटन और टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल गेनर्स थे। भारती एयरटेल, पावर ग्रिड, टेक महिंद्रा, इन्फोसिस, बजाज फाइनेंस, एमएंडएम, एचडीएफसी बैंक, बजाज फिनसर्व, एचयूएल, एनटीपीसी और ट्रेंट लूजर्स थे।

एसबीआई सिक्योरिटीज के टेक्निकल और डेरिवेटिव्स रिसर्च के प्रमुख सुदीप शाह ने कहा कि निफ्टी सत्र के दौरान 25,900 के नीचे बंद हुआ। इसकी वजह अमेरिका के फेडरल रिसर्व चेयर जेरोम पॉवेल की ओर से ब्याज दर कटौती को लेकर नकारात्मक बयान देना है, जिससे और लंबे समय तक ब्याज दरों के उच्च स्तर पर बने रहने की संभावना है।

उन्होंने आगे कहा कि निफ्टी के लिए 25,800 और 25,750 एक अहम सपोर्ट जोन के रूप में कार्य कर रहा है, जबकि 26,030-26,050 एक रुकावट का स्तर है।

भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई थी। सुबह करीब 9 बजकर 40 मिनट पर सेंसेक्स 355.57 अंक या 0.42 प्रतिशत की गिरावट के साथ 84,641.56 पर कारोबार कर रहा था। वहीं, निफ्टी 113.65 अंक या 0.44 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,940.25 स्तर पर बना हुआ था।

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कोबरापोस्ट का बड़ा आरोप, रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप ने किया 28,874 करोड़ रुपए का फ्रॉड

इन्वेस्टिगेटिव न्यूज वेबसाइट कोबरापोस्ट ने गुरुवार को आरोप लगाया कि रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप ने एक बड़ा बैंकिंग फ्रॉड किया है और इसमें 2006 से अब कर 28,874 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का हेरफेर किया गया है।

कोबरापोस्ट की रिपोर्ट में बताया गया कि इसमें एडीए ग्रुप की कंपनियों की ओर से बैंक लोन, आईपीओ और बॉन्ड्स के जरिए जुटाई गई राशि शामिल है।

इसके अतिरिक्त, विदेशों में जुटाए गए 1,535 मिलियन डॉलर के फंड को फर्जी तरीके से भारत लाया गया। इसमें 750 मिलियन डॉलर की राशि भी शामिल है, जिसकी लाभार्थी कंपनी नेक्सजेन कैपिटल थी, जिसने एडीए ग्रुप की होल्डिंग कंपनी, रिलायंस इनोवेंचर्स के साथ एक अस्थायी कस्टडी अरेंजमेंट के तहत सिंगापुर के इमर्जिंग मार्केट इन्वेस्टमेंट्स एंड ट्रेडिंग प्राइवेट (ईएमआईटीएस) को दी थी।

कोबरापोस्ट की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है, "750 मिलियन डॉलर की पूरी राशि भारत भेजी गई और बाद में गायब कर दी गई। यही हाल उन सहायक कंपनियों का भी है जिनके जरिए एडीए समूह की होल्डिंग कंपनी रिलायंस इनोवेंचर्स को पैसा ट्रांसफर किया गया। यह गतिविधि संभावित रूप से मनी लॉन्ड्रिंग की श्रेणी में आ सकती है। इसी तरह, एक्सटर्नल कमर्शियल बॉरोइंग से जुटाए गए 785 मिलियन डॉलर एडीए समूह की विभिन्न कंपनियों में पहुंच गए, जिससे कुल राशि 1,535 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गई।"

रिलायंस एडीए समूह ने रिपोर्ट का खंडन जारी किया, जिसमें कोबरापोस्ट के खुलासे को एक "दुर्भावनापूर्ण और एजेंडा संचालित कैंपेन" बताया और आरोप लगाया कि मीडिया प्लेटफॉर्म का "तथाकथित खुलासा" समूह की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने और पक्षकारों को गुमराह करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है।

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अमेरिकी फेड के ब्याज दरों में कटौती के बाद एमसीएक्स पर सोना-चांदी की कीमतों में आई गिरावट

अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती के बाद गुरुवार के कारोबारी दिन मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोने और चांदी की कीमतों में तेज गिरावट दर्ज की गई।

फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने इस बार दिसंबर की बैठक में ब्याज दरों में कटौती का कोई संकेत नहीं दिया। निवेशकों द्वारा भविष्य में ब्याज दरों में कटौती पर फेड के सतर्क रुख का आकलन करने के साथ कीमतों धातुओं की कीमतों यह गिरावट दर्ज की गई।

एमसीएक्स पर सोने का वायदा भाव पिछले बंद भाव 1,20,666 रुपए प्रति 10 ग्राम के मुकाबले 1.27 प्रतिशत गिरकर 1,19,125 रुपए प्रति ग्राम पर खुला। वहीं, चांदी की कीमतें भी पिछले बंद भाव 1,46,081 रुपए प्रति किलोग्रा के मुकाबले 0.4 प्रतिशत गिरकर 1,45,498 रुपए प्रति किलोग्राम पर खुलीं।

सुबह करीब 9:42 बजे तक, सोने की कीमतों में और अधिक गिरावट आई और यह 1,827 रुपए या 1.51 प्रतिशत गिरकर 1,18,839 रुपए प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था। चांदी भी 1,411 रुपए या 0.97 प्रतिशत गिरकर 1,44,670 रुपए प्रति किलोग्राम पर थी।

ग्लोबल मार्केट में अमेरिकी डॉलर में मामूली गिरावट के कारण सोने की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई।

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रुपया शुरुआती कारोबार में 21 पैसे टूटकर 88.43 प्रति डॉलर पर

रुपया बृहस्पतिवार को शुरुआती कारोबार में 21 पैसे टूटकर 88.43 प्रति डॉलर पर आ गया।विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि अमेरिकी फेडरल के रातोंरात ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती के बावजूद डॉलर सूचकांक बढ़कर 99.05 और 10 वर्षीय प्रतिफल 4.07 प्रतिशत पर पहुंच गया जिससे घरेलू मुद्रा दबाव में रही।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.37 पर खुला। फिर 88.43 प्रति डॉलर पर आ गया जो पिछले बंद भाव से 21 पैसे की गिरावट दर्शाता है। रुपया बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.22 पर बंद हुआ था।

इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक मजबूत होकर 99.06 पर रहा।

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