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अर्थतंत्र की खबरें: ईपीएफओ 3.0 से आएगा बड़ा बदला और वैश्विक व्यापार अनिश्चितता के बीच चीन को लगा झटका

केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने हैदराबाद में एक इवेंट में कहा कि नया सिस्टम बैंकिंग की तरह सुविधाजनक होगा। इसमें कई डिजिटल फीचर्स दिए जाएंगे, जिससे लेनदेन आसान हो जाएगा।

फोटो: सोशल मीडिया
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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) जल्द ही नया सिस्टम 'ईपीएफओ 3.0' लाने जा रहा है। इसके बाद सदस्य बैंक की तरह एटीएम से प्रॉविडेंट फंड (पीएफ) अकाउंट का पैसा निकाल सकते हैं।

केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने हैदराबाद में एक इवेंट में कहा कि नया सिस्टम बैंकिंग की तरह सुविधाजनक होगा। इसमें कई डिजिटल फीचर्स दिए जाएंगे, जिससे लेनदेन आसान हो जाएगा।

मांडविया ने कहा, "आने वाले दिनों में ईपीएफओ 3.0 वर्जन आएगा। इसके बाद ईपीएफओ बैंक के बराबर हो जाएगा। जैसे बैंक में लेन-देन होता है, वैसे ही आप (ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स के पास) यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) के जरिए अपने सारे काम कर सकेंगे।"

ईपीएफओ 3.0 मौजूदा सिस्टम का एक उन्नत वर्जन होगा। इसे निकासी की प्रक्रिया को तेज और यूजर-फ्रेंडली बनाने के लिए डिजाइन किया गया है।

इस अपग्रेड के आने के बाद ईपीएफओ सदस्यों को अब अपने पीएफ पैसे प्राप्त करने के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। साथ ही, अपने नियोक्ताओं से मंजूरी नहीं लेनी पड़ेगी।

सदस्य बैंक खाते से नकदी निकालने की तरह ही एटीएम के माध्यम से भी अपना पीएफ का पैसा निकाल सकेंगे। ईपीएफओ सदस्य अपने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) का उपयोग करके अपने खातों को मैनेज कर सकेंगे। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि एटीएम से पीएफ निकासी की सीमा क्या होगी।

मौजूदा समय में पीएफ से पैसा निकालने के लिए एक लंबा और पेचीदा प्रोसेस फॉलो करना पड़ता है।

ईपीएफओ 3.0 का लक्ष्य पैसा निकासी, दावा निपटान और पेंशन हस्तांतरण को अधिक सरल और त्वरित बनाना है।

ईपीएफओ यूजर अनुभव को आसान बनाने के लिए लगातार सुधार कर रहा है। ईपीएफओ की सर्विसेज को लेकर शिकायतों में कमी आई है। कई नए फीचर्स जैसे जल्दी क्लेम प्रोसेस, नाम में सुधार का ऑनलाइन विकल्प और किसी भी बैंक से पेंशन निकासी जैसे सुधार लागू किए जा चुके हैं।

सरकार की योजना ईपीएफओ 3.0 ऐप को इस साल मई और जून में लॉन्च करने की है। यह ऐप यूजर्स को पीएफ बैलेंस, लेनदेन ट्रेक करने और निकासी करने की सुविधा प्रदान करेगा।

केंद्रीय मंत्री नेकहा कि इन खातों में जमा धन कर्मचारियों का है, इसलिए उन्हें बिना किसी अनावश्यक देरी के इसे किसी भी समय और कहीं भी प्राप्त करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए।

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सपाट बंद हुआ शेयर बाजार, स्मॉलकैप इंडेक्स में रही तेजी

भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार को कारोबार सपाट रहा। बाजार के सभी सूचकांक मिलेजुले में बंद हुए हैं। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 7.51 अंक की मामूली गिरावट के साथ 74,332.58 और निफ्टी 7.80 अंक की तेजी के साथ 22,552.50 पर था।

लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी मिलाजुला कारोबार हुआ। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 157.50 अंक या 0.32 प्रतिशत की गिरावट के साथ 49,190.60 और निफ्टी स्मॉलकैप 103.95 अंक या 0.68 प्रतिशत की तेजी के साथ 15,504.30 पर बंद हुआ, जो दिखाता है कि मिडकैप शेयरों में बिकवाली हुई है, जबकि स्मॉलकैप शेयरों में खरीदारी हुई है।

सेक्टोरल आधार पर ऑटो, पीएसयू बैंक, एफएमसीजी, मेटल, मीडिया, एनर्जी, इन्फ्रा और कमोडिटीज इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए, जबकि आईटी, फिन सर्विस, फार्मा, रियल्टी, प्राइवेट बैंक और पीएसई इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए।

सेंसेक्स पैक में टाटा मोटर्स, नेस्ले, अदाणी पोर्ट्स, अल्ट्राटेक सीमेंट, भारती एयरटेल, टाटा स्टील, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक और मारुति सुजुकी गेनर्स थे। इंडसइंड बैंक, जोमैटो, एनटीपीसी, इन्फोसिस, एचसीएल टेक, पावर ग्रिड, टाइटन, एचयूएल, टेक महिंद्रा, एलएंडटी, सन फार्मा और आईटीसी लूजर्स थे।

कैपिटलमाइंड रिसर्च के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट, कृष्णा अप्पला ने कहा कि इस हफ्ते निफ्टी में 2.1 प्रतिशत की तेजी हुई है, जबकि निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स और निफ्टी स्मॉलकैप 250 इंडेक्स 2.9 प्रतिशत और 5.8 प्रतिशत चढ़ा है, जो वैश्विक अस्थिरता के बाद भी बाजार की मजबूती को दिखाता है।

उन्होंने आगे कहा कि यह रैली चौथी तिमाही की कॉरपोरेट आय में रिकवरी और बाजार के सेंटीमेंट पर निर्भर करेगी।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज में प्राइम रिसर्च के प्रमुख देवर्ष वकील ने कहा, "ट्रेडर्स को महत्वपूर्ण बाजार बदलावों के दौर में अलग-अलग परिसंपत्ति वर्गों में बड़े उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहना चाहिए। ट्रंप के टैरिफ के कारण अनिश्चितताएं बढ़ रही हैं।"

विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 6 मार्च को अपनी बिकवाली जारी रखी और उन्होंने 2,377.32 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने उसी दिन 1,617.80 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।

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भारतीय शहरों में महिलाओं के लिए रोजगार छह वर्षों में 10 प्रतिशत बढ़ा: रिपोर्ट

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2025 से पहले शुक्रवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, शहरी भारत में महिलाओं के लिए रोजगार में पिछले छह वर्षों (2017-18 से 2023-24) में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

चेन्नई के ग्रेट लेक्स इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, चालीस वर्ष की आयु की शहरी महिलाओं की रोजगार दर सबसे अधिक है, जो 2023-24 में 38.3 प्रतिशत थी।

रिपोर्ट में कहा गया कि 2023-24 में 8.9 करोड़ से अधिक शहरी महिलाएं लेबर मार्केट से बाहर रहीं। देखभाल संबंधी जिम्मेदारियां, लचीली कार्य व्यवस्था का अभाव और आवागमन संबंधी चुनौतियों जैसे कारण अनेक उच्च योग्यता प्राप्त महिलाओं को अर्थव्यवस्था में पूर्ण रूप से भाग लेने से रोकते हैं।

रिपोर्ट में चिंता पैदा करने वाला ट्रेंड भी बताया गया। शहरी भारत में 20-24 वर्ष के आयु वर्ग के 10 प्रतिशत पुरुष बेरोजगार हैं, जबकि महिलाओं में यह आंकड़ा 7.5 प्रतिशत का है।

रिपोर्ट के निष्कर्षों ने उच्च शिक्षित परिवारों में भी लैंगिक असमानता को उजागर किया। यहां तक कि दोहरी आय वाले, उच्च शिक्षित दम्पतियों में भी लैंगिक असमानताएं स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, 62 प्रतिशत परिवारों में समान शैक्षणिक योग्यता के बावजूद पति अधिक कमाते हैं। इसके अलावा, 41 प्रतिशत घरों में पत्नियां घर के कामों की प्राथमिक जिम्मेदारी उठाती हैं, जबकि पतियों के मामले में यह आंकड़ा केवल 2 प्रतिशत है।

ग्रेट लेक्स इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट की अर्थशास्त्र की प्रोफेसर और निदेशक डॉ. विद्या महाम्बरे ने कहा, "शहरी भारत में कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है, लेकिन यह अभी भी आय, करियर विकास और घरेलू जिम्मेदारियों में सही मायने में लैंगिक समानता में तब्दील नहीं हो पाई है। वास्तविक बदलाव लाने के लिए, सबसे पहले, हमें सभी के लिए अधिक रोजगार के अवसरों की आवश्यकता है।"

उन्होंने आगे कहा, "चाइल्डकेयर नीतियों में संरचनात्मक सुधार, लचीली कार्य व्यवस्था और सामाजिक मानदंडों में बदलाव किया जाना चाहिए, जो महिलाओं पर अधिक बोझ डालते हैं।"

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बिहार : फूल और प्राकृतिक चीजों से हर्बल गुलाल बना आत्मनिर्भर बनी महिलाएं, होली से पहले बढ़ी मांग

होली के पर्व में कुछ ही दिन बाकी हैं। ऐसे में अभी से ही होली की खरीददारी को लेकर बाजार गुलजार हो गए हैं। इस बार फूल और प्राकृतिक चीजों से बने हर्बल गुलाल की काफी डिमांड है। बिहार के जमुई जिले की महिलाएं नेचर विलेज से जुड़कर प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल कर हर्बल गुलाल बना रही हैं। इस हर्बल गुलाल को तैयार करने में प्राकृतिक फल - फूलों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

दरअसल, जमुई जिले के लक्ष्मीपुर प्रखंड अंतर्गत मटिया गांव की महिलाएं हर्बल गुलाल बनाकर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं। पालक, गेंदा फूल, गुलाब फूल, चुकंदर, संतरा, अरारोट आदि का इस्तेमाल कर हर्बल गुलाल तैयार किया जाता है।

ट्रेनर गीता भारती ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि महिलाओं को हर्बल गुलाल बनाने के लिए ट्रेनिंग दी गई है। यहां पालक, गेंदा फूल, गुलाब फूल का इस्तेमाल कर गुलाल तैयार किया जा रहा है। पहले ये महिलाएं बीड़ी बनाने का काम करती थीं और उन्हें सिर्फ 50 से 60 रुपए की आमदनी होती थी। इतना ही नहीं, उन्हें बीड़ी के काम से बीमारी भी हो जाती थी। मगर अब हर्बल गुलाल के काम में वे 200 रुपए से अधिक कमा रही हैं।

उन्होंने कहा कि हर्बल गुलाल जितना तैयार किया जा रहा है, वह लगातार बिक रहा है। इस बार मार्केट में इसकी डिमांड काफी अधिक है। यह गुलाल किसी भी रूप से हानिकारक नहीं है।

वहीं, अंचलाधिकारी निर्भय प्रताप सिंह ने कहा कि पिछली बार हमारा फोकस था कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाए और सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया जाए। इस बार 45 क्विंटल हर्बल गुलाल तैयार किया जा रहा है। 20 महिलाएं इस काम में लगी हुई हैं, जिसका काम होली से पहले तक चलेगा।

बता दें कि हर्बल गुलाल पूरी तरह ऑर्गेनिक और केमिकल रहित है, जो त्वचा एवं आंखों को नुकसान नहीं पहुंचाता। साथ ही इसमें प्रयोग किए जाने वाले ब्यूटी प्रोडक्ट जैसे जैस्मिन तेल, चंदन और मुल्तानी मिट्टी त्वचा के लिए फायदेमंद हैं। यह हर्बल गुलाल के रूप में महिला समूह की ओर से तैयार अबीर नेचर विलेज मटिया में उपलब्ध है। इस बार 45 क्विंटल हर्बल गुलाल बनाया जा रहा है।

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वैश्विक व्यापार अनिश्चितता के बीच जनवरी-फरवरी में चीन के निर्यात, आयात में कमी

हांगकांग, सात मार्च (एपी) चीन के निर्यात में जनवरी और फरवरी में सालाना आधार पर 2.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो अनुमान से कम है। इस दौरान आयात आठ प्रतिशत बढ़ा।

अमेरिकी शुल्क और अन्य नीतियों पर अनिश्चितता के कारण आयात-निर्यात के मोर्चे पर साल की धीमी शुरुआत हुई।

अर्थशास्त्रियों का अनुमान था कि निर्यात में सालाना आधार पर पांच प्रतिशत की वृद्धि होगी।

वर्ष 2025 के पहले दो महीनों में चीन का कुल व्यापार अधिशेष बढ़कर 170.52 अरब डॉलर हो गया।

चीन की सीमा शुल्क एजेंसी आमतौर पर सप्ताह भर चलने वाले चंद्र नववर्ष की छुट्टियों के चलते जनवरी और फरवरी के व्यापार आंकड़े एक साथ प्रकाशित करती है।

व्यापार हांगकांग

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