कश्मीर में सेब उत्पादकों और व्यापारियों ने जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने और इस मामले में ‘सरकार की निष्क्रियता’ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि 10,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की यह उपज खराब होने का खतरा है।
फलों के कारोबार से जुड़े लोगों ने उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के सोपोर कस्बे और कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा इलाके में विरोध प्रदर्शन किया।
पिछले चार सप्ताह से जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकांश हिस्सों में बंद रहने के कारण घाटी भर की फल मंडियों ने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए दो दिन के बंद का आह्वान किया था।
कुलगाम में, सेब किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष ज़हूर अहमद ने सरकार से सेब से लदे वाहनों के परिवहन की व्यवस्था करने की अपील की। उन्होंने कहा कि एक सुव्यवस्थित और कुशल प्रणाली देरी और वित्तीय नुकसान को रोकेगी। अहमद ने कहा कि बागवानी कश्मीर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।
उन्होंने आगे कहा, ‘‘परिवहन समस्या के कारण हमें करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है। सेब एक जल्दी खराब होने वाला फल है और इसकी गुणवत्ता बनाए रखने और उपज का उचित मूल्य प्राप्त करने के लिए समय पर डिलिवरी बेहद ज़रूरी है।’’
इस बीच, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को कश्मीर से दिल्ली सेब परिवहन के लिए एक कार्गो पार्सल ट्रेन सेवा का शुभारंभ किया।
नौगाम में पहली ट्रेन को हरी झंडी दिखाते हुए, सिन्हा ने कहा कि यह सेवा प्रतिदिन 23-24 टन सेब दिल्ली ले जाएगी।
इस बीच, कश्मीर घाटी फल उत्पादक-सह-विक्रेता संघ के अध्यक्ष बशीर अहमद बशीर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने उपराज्यपाल से मुलाकात की।
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आयकर विभाग ने सोमवार को कहा कि अबतक सात करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं। यह बात इंटरनेट उपयोगकर्ताओं द्वारा पोर्टल पर गड़बड़ियों की शिकायत और समयसीमा बढ़ाने की मांग के बीच कही गई है।
रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा सोमवार को समाप्त होने के कारण ई-फाइलिंग पोर्टल पर बड़ी संख्या में आयकरदाताओं ने रिटर्न भरने के लिए लॉगइन किया।
समयसीमा बढ़ाने की मांग के बावजूद, विभाग ने वित्त वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की समयसीमा बढ़ाने का कोई संकेत नहीं दिया है।
विभाग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘अबतक सात करोड़ से ज्यादा आईटीआर दाखिल किए जा चुके हैं और अभी भी गिनती जारी है।’’
विभाग ने उन सभी लोगों से अपना रिटर्न दाखिल करने का आग्रह किया जिन्होंने अभी तक आकलन वर्ष 2025-26 के लिए आईटीआर दाखिल नहीं किया है।
वित्त वर्ष 2024-25 में अर्जित आय के लिए बिना जुर्माने के आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर है। पिछले वर्ष 31 जुलाई तक 7.28 करोड़ आईटीआर दाखिल किये गये थे।
पिछले कुछ दिनों में कई चार्टर्ड अकाउंटेंट और अन्य लोगों ने सोशल मीडिया पर दावा किया है कि आयकर पोर्टल पर कर भुगतान और एआईएस (वार्षिक सूचना विवरण) डाउनलोड करते समय गड़बड़ियां आ रही हैं।
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स्थानीय शेयर बाजार में सोमवार को भारी उतार-चढ़ाव के बीच बीएसई सेंसेक्स 119 अंक के नुकसान में रहा और एनएसई निफ्टी में भी आठ कारोबारी सत्रों से जारी तेजी पर विराम लगा। हाल की तेजी के बाद आईटी और वाहन शेयरों में मुनाफावसूली से बाजार नीचे आया।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स में पांच कारोबारी सत्रों से जारी तेजी थम गयी और यह 118.96 अंक यानी 0.15 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,785.74 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, एक समय यह 81,998.51 अंक के उच्चस्तर तक गया और नीचे में 81,744.70 अंक तक आया। पचास शेयरों वाला एनएसई निफ्टी 44.80 अंक यानी 0.18 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,069.20 अंक पर बंद हुआ।
विश्लेषकों के अनुसार, निवेशकों को इस सप्ताह होने वाली अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतिगत बैठक के नतीजों का इंतजार है। इससे वे बाजार से दूर रहे।
सेंसेक्स की कंपनियों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, एशियन पेंट्स, इन्फोसिस, टाइटन, सन फार्मा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टेक महिंद्रा और पावर ग्रिड प्रमुख रूप से नुकसान में रहीं।
दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में बजाज फाइनेंस, इटर्नल, अल्ट्राटेक सीमेंट और रिलायंस इंडस्ट्रीज शामिल हैं।
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सोमवार को रुपया सीमित दायरे में कारोबार के बाद छह पैसे बढ़कर 88.20 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। अमेरिकी व्यापार शुल्क को लेकर चिंताओं और फेडरज रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों के बीच रुपया ‘फंसा’ रहा।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के संभावित हस्तक्षेप से रुपये की अस्थिरता को नियंत्रित करने और इसके त्वरित अवमूल्यन को रोकने में मदद मिली है।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में, रुपया 88.25 पर खुला, फिर दिन के कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले 88.30 के निचले स्तर और 88.13 के उच्च स्तर को छुआ। कारोबार के अंत में रुपया 88.20 (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से छह पैसे की बढ़त है।
शुक्रवार को, रुपया अपने सर्वकालिक निचले स्तर से उबरकर डॉलर के मुकाबले नौ पैसे बढ़कर 88.26 पर बंद हुआ था।
निवेशक भू-राजनीतिक घटनाक्रमों पर कड़ी नज़र रख रहे हैं और वैश्विक व्यापार की गतिशीलता आगे चलकर रुपये के लिए महत्वपूर्ण होगी।
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मजबूत वैश्विक रुझानों के बीच सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में चांदी की कीमत 300 रुपये बढ़कर 1,32,300 रुपये प्रति किलोग्राम के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई, जबकि सोना अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर से 500 रुपये घट गया।
अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला मानक सोना सोमवार को 500 रुपये गिरकर 1,13,300 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) रह गया, जिससे इसकी चार दिनों की बढ़त का सिलसिला टूट गया। शुक्रवार को यह 700 रुपये बढ़कर 1,13,800 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था।
इसके साथ ही 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 500 रुपये की गिरावट के साथ 1,12,800 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) रह गया। पिछले बाजार सत्र में यह 1,13,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
दूसरी ओर, चांदी 300 रुपये बढ़कर 1,32,300 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। शुक्रवार को यह 1,32,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
सर्राफा व्यापारियों ने कहा कि चांदी की निरंतर वृद्धि निवेशकों की बढ़ती रुचि और इसकी औद्योगिक मांग के प्रति आशावाद को दर्शाती है, साथ ही कमजोर अमेरिकी श्रम बाजार ने आसान मौद्रिक नीति पर दांव लगाने को बढ़ावा दिया है।
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