अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों को लेकर अनिश्चितता तथा कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि के बीच रुपया बुधवार को 15 पैसे की भारी गिरावट के साथ 84.44 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ। रुपया मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 84.29 पर बंद हुआ था। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि हालांकि, घरेलू शेयर बाजारों के मजबूत रुख, एफआईआई निवेश तथा प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के कमजोर रुख से स्थानीय मुद्रा को निचले स्तर पर समर्थन मिला।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 84.38 प्रति डॉलर पर खुला और फिर दिन में कारोबार में दौरान 84.48 प्रति डॉलर पर पहुंच गया। अंत में यह 84.44 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 15 पैसे की गिरावट है। इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.46 प्रतिशत की गिरावट के साथ 106.51 पर रहा। अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.55 प्रतिशत की बढ़त के साथ 73.21 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।
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मजबूत वैश्विक रुख और स्थानीय आभूषण विक्रेताओं की जोरदार लिवाली के बीच बुधवार को सर्राफा कीमतों में दो दिन की भारी गिरावट के बाद तेजी लौटी। इस दौरान चांदी 5,200 रुपये के एक दिन के सबसे बड़े उछाल के साथ 95,800 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 650 रुपये बढ़कर 78,800 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। पिछले दो कारोबारी सत्रों में सोने में 2,250 रुपये की गिरावट आई थी। मंगलवार को यह 78,150 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत बुधवार को 950 रुपये की तेजी के साथ 78,700 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई।
राष्ट्रीय राजधानी में चांदी की कीमत में 5,200 रुपये की एक दिन की सबसे बड़ी तेजी देखी गई और यह दो सप्ताह के अंतराल के बाद 95,000 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गई। इससे पहले चांदी की कीमत में सबसे बड़ी एक दिन की वृद्धि 21 अक्टूबर को दर्ज की गई थी, जब इसमें 5,000 रुपये की तेजी आई थी। इससे पिछले दो दिन में चांदी में 2,700 रुपये की गिरावट आई थी और मंगलवार को यह 90,600 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।कारोबारियों ने बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में वृद्धि का श्रेय पश्चिम एशिया में अस्थिर भू-राजनीतिक स्थिति के साथ-साथ घरेलू बाजार में औद्योगिक और पहनावा कारोबार खंड में बढ़ती खपत को दिया।
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ऑनलाइन सेकंड हैंड कार रिटेलर प्लेटफॉर्म कार्स24 का नुकसान वित्त वर्ष 24 में 6.4 बढ़कर 498 करोड़ रुपये हो गया है। वित्त वर्ष 23 में यह 468 करोड़ रुपये था। कंपनी के खर्च में वित्त वर्ष 24 में बढ़ोतरी देखने को मिली है और यह सालाना आधार पर 23.3 प्रतिशत बढ़कर 7,461 करोड़ रुपये हो गया है, जो कि वित्त वर्ष 23 में 6,053 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 24 में कार्स24 की ओर से सबसे अधिक 6,106 करोड़ रुपये गाड़ियां खरीदने पर खर्च किए गए हैं। इसमें सालाना आधार पर 23.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और यह कुल लागत का 81.8 प्रतिशत है। इसके अलावा बाकी राशि एंम्पलॉय बेनिफिट, विज्ञापन, लीगल, ब्रोकर्स को कमीशन और अन्य मदों पर खर्च किए गए हैं।
पिछले वित्त वर्ष में कंपनी की आय में भी इजाफा हुआ है और यह 25.1 प्रतिशत बढ़कर 6,917 करोड़ रुपये हो गई है, जो कि वित्त वर्ष 23 में 5,530 करोड़ रुपये थी। कार्स24 की आय का मुख्य जरिया कारों की बिक्री है। इसका आय में योगदान 92 प्रतिशत है। एनट्रैकर की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 24 में कार की बिक्री से आय 24 प्रतिशत बढ़कर 6,400 करोड़ रुपये रही थी, जो कि वित्त वर्ष 23 में 5,164 करोड़ रुपये थी। बाकी की आय फाइनेंसियल सर्विसेज, सर्विस फीस, पार्किंग फीस और अन्य सेवाएं जैसे इंश्योरेंस और वारंटी जैसे घटकों से हुई है।
कंपनी के अनुसार उसने वित्त वर्ष 24 में 2,00,000 से ज्यादा कारों की बिक्री की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कार्स24 की ओर से बीते 3 वर्षों में कोई नई फंडिंग नहीं जुटाई गई है। दिसंबर 2021 में कंपनी ने 3.3 बिलियन डॉलर के मूल्यांकन पर 450 मिलियन डॉलर जुटाए। इसके प्रमुख निवेशकों में अल्फा वेव, सॉफ्टबैंक, टेनसेंट और डीएसटी ग्लोबल शामिल हैं। कार्स 24 की स्थापना 2015 में हुई थी। कंपनी गाड़ियों की खरीदारी, बिक्री, लोन, बीमा, ड्राइवर ऑन डिमांड, फास्टैग, चालान, स्क्रैपिंग और अन्य सेवाएं प्रदान करने का काम करती है।
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भारत का दूध उत्पादन 2023-24 में 4 प्रतिशत बढ़कर 239.3 मिलियन टन हो गया है। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने हाल ही में यह जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दूध की प्रति व्यक्ति उपलब्धता भी 2022-23 में 459 ग्राम प्रतिदिन से बढ़कर 2023-24 में 471 ग्राम प्रतिदिन हो गई है। उन्होंने कहा कि भारत के दूध उत्पादन में औसत वृद्धि दुनिया के औसत 2 प्रतिशत के मुकाबले 6 प्रतिशत रही है। सरकार ने राष्ट्रीय दुग्ध दिवस 2024 के अवसर पर बुनियादी पशुपालन सांख्यिकी 2024 जारी की, जिसे हर साल 26 नवंबर को श्वेत क्रांति के जनक वर्गीज कुरियन के सम्मान में मनाया जाता है, जिनका जन्म इसी दिन हुआ था।
राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उत्पादकता में सुधार के कारण 2023-24 में दूध उत्पादन बढ़कर लगभग 239 मिलियन टन हो गया है। रिपोर्ट के अनुसार, "विदेशी/संकर नस्ल मवेशियों से दूध उत्पादन में 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और पिछले वर्ष की तुलना में 2023-24 में देशी मवेशियों से दूध उत्पादन में 44.76 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।" रिपोर्ट के अनुसार, 2023-24 में कुल अंडा उत्पादन 3.17 प्रतिशत बढ़कर 142.77 बिलियन हो गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रति व्यक्ति अंडे की उपलब्धता 103 अंडे प्रति वर्ष है। अंडा उत्पादन में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मांस उत्पादन में 4.95 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और 2023-24 में 10.25 मीट्रिक टन तक पहुंचने का अनुमान है।
देश में कुल ऊन उत्पादन 33.69 मिलियन किलोग्राम आंका गया है। केंद्रीय मंत्री ने डेयरी किसानों को संगठित क्षेत्र में लाने की आवश्यकता पर जोर दिया क्योंकि इससे दूध उत्पादन और उनकी आय बढ़ेगी और बिचौलियों को खत्म किया जा सकेगा। उन्होंने डेयरी उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी बात की। केंद्रीय मंत्री ने डेयरी किसानों से अपने पशुओं का टीकाकरण करने को कहा क्योंकि सरकार उन्हें बीमारी से बचाने में मदद करने के लिए मुफ्त टीकाकरण प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि खुरपका और मुंहपका रोग तथा ब्रुसेलोसिस को 2030 तक देश से खत्म कर दिया जाएगा और इससे निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी। केंद्रीय मंत्री ने डेयरी किसानों से सेक्स-सॉर्टेड सीमन और कृत्रिम गर्भाधान को बड़े पैमाने पर अपनाने को भी कहा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार पशुधन की नस्ल सुधार पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है।
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ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड के शेयर में बुधवार को 20 प्रतिशत का उछाल आया। कंपनी ने ‘गिग’ शृंखला के स्कूटर पेश करते हुए वाणिज्यिक खंड में कदम रखने की घोषणा की है। बीएसई पर कंपनी का शेयर 19.99 प्रतिशत उछलकर 88.16 रुपये पर बंद हुआ, जो इसकी ऊपरी सर्किट सीमा है। एनएसई में कंपनी का शेयर 19.99 प्रतिशत बढ़कर 88.10 रुपये पर पहुंच गया, जो दिन के लिए उच्चतम कारोबार की स्वीकार्य सीमा (ऊपरी सर्किट सीमा) है। ओला इलेक्ट्रिक ने मंगलवार को वाणिज्यिक खंड में प्रवेश की घोषणा की और 39,999 रुपये की शुरुआती कीमत के साथ स्कूटरों की ‘गिग’ शृंखला पेश की। इस शृंखला का लक्ष्य ‘गिग’ (खान-पान व अन्य वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले) श्रमिक हैं।
कंपनी ने शहरी यात्रियों के लिए निजी उपयोग के लिए इलेक्ट्रिक स्कूटर एस1 जेड भी पेश किया है, जिसकी कीमत 59,999 रुपये है। ‘गिग’ शृंखला को दो संस्करण - ‘गिग’ और ‘गिग+’ के माध्यम से छोटी और लंबी यात्राओं में शामिल गिग श्रमिकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इनकी शुरुआती कीमतें क्रमशः 39,999 रुपये और 49,999 रुपये (शोरूम) हैं। ओला इलेक्ट्रिक ने बयान में कहा कि यह शृंखला व्यापारिक (बी2बी) खरीद और किराये के लिए उपलब्ध होगी। ‘गिग’ को छोटी यात्रा करने वाले ‘गिग’ कर्मचारियों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यह एक बार चार्ज करने पर 112 किलोमीटर तक दौड़ सकता है और इसकी अधिकतम गति 25 किलोमीटर प्रति घंटा है।
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