विधानसभा चुनाव 2023

उत्तराखंड में प्रचंड बहुमत के बाद मुख्यमंत्री का चुनाव BJP के लिए बना सिरदर्द, रावत, महाराज, निशंक के नाम रेस में

अगर विधायकों में से सीएम नहीं बनाया जाता है तो ऐसे में पार्टी अनुभवी पूर्व सीएम डॉ रमेश पोखरियाल निशंक पर भी दांव खेल सकती है। ब्राह्मण होने के चलते पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश में ब्राह्मण सीएम बना कर उत्तर प्रदेश तक संदेश देना चाहेगी।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

उत्तराखंड में बीजेपी 47 सीटों के प्रचंड बहुमत के साथ एक बार फिर से सत्ता में वापस आ गई है। हालांकि, इस बड़ी जीत में अहम भूमिका निभाने वाले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चुनाव हार गए हैं। नए मुख्यमंत्री के चुनाव को लेकर बीजेपी के अंदर लगातार हलचल तेज है।

Published: 11 Mar 2022, 1:42 PM IST

बीजेपी नेताओं की मानें तो किसी विधायक को ही मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। ऐसे में सबसे आगे जो नम चल रहा है, वो प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत का है, जिनको संगठन का भी काफी अनुभव है। वो सरकार का अनुभव भी पिछले 5 सालों में बखूबी ले चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के करीबी धन सिंह रावत को लेकर भाजपा में चचार्एं बहुत तेज हैं । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के करीबी होने का फायदा धन सिंह रावत को मिल सकता है। संघ के करीब होने का फायदा भी धन सिंह रावत को मिल सकता है।

Published: 11 Mar 2022, 1:42 PM IST

धन सिंह रावत को अगर मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाता है तो ऐसे में सतपाल महाराज को भी बीजेपी मुख्यमंत्री बना सकती है। सतपाल महाराज सबसे पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे और उसके बाद उत्तराखंड से लेकर कई राज्यों के चुनाव प्रचार में भी वह जुटे रहे । पिछले 5 साल के कार्यकाल में तीन बार मुख्यमंत्री बदलने के दौरान सतपाल महाराज के नाम पर चचार्एं तो खूब हुईं लेकिन उनको कुर्सी नहीं मिल पाई। सतपाल महाराज के लिए सबसे बड़ा फायदा उनकी संघ प्रमुख मोहन भागवत से करीबी है। मोहन भागवत से करीब होने के चलते सतपाल महाराज को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। खुद मोहन भागवत भी सतपाल महाराज के लिए कई बार प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह तक से वार्ता कर चुके हैं।

Published: 11 Mar 2022, 1:42 PM IST

अगर विधायकों में से सीएम नहीं बनाया जाता है तो ऐसे में पार्टी अनुभवी पूर्व सीएम डॉ रमेश पोखरियाल निशंक पर भी दांव खेल सकती है। ब्राह्मण होने के चलते पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश में ब्राह्मण सीएम बना कर उत्तर प्रदेश तक संदेश देना चाहेगी। संगठन और सरकार का बेहतर अनुभव होने के चलते रमेश पोखरियाल निशंक के नाम पर भी मुहर लग सकती है। डॉ रमेश पोखरियाल निशंक के दिल्ली में बीजेपी आलाकमान से बहुत मजबूत संबंध हैं। 2019 में हरिद्वार से लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद निशंक को भारी-भरकम मंत्रालय देने से साफ पता चलता है कि दिल्ली में उनकी पकड़ कितनी मजबूत है।

Published: 11 Mar 2022, 1:42 PM IST

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Published: 11 Mar 2022, 1:42 PM IST