कांग्रेस ने सोमवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर पलटवार करते हुआ कहा कि पहले निर्वाचन आयोग उच्चतम न्यायालय में यह हलफनामा दे कि मतदाता सूची में गड़बड़ी नहीं है और इसके बाद पार्टी भी हलफनामा देकर बताएगी कि इसमें गड़बड़ है। पार्टी ने सीसीटीवी फुटेज और मशीन रीडेबल वोटर लिस्ट को लेकर भी चुनाव आयोग पर निशाना साधा।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा कहा कि चुनाव आयोग कहता है कि सीसीटीवी फुटेज देने से मां-बहनों की प्राइवेसी भंग होगी। ऐसे में सवाल है कि अगर सीसीटीवी फुटेज से प्राइवेसी भंग हो जाएगी, तो करोड़ों रुपए खर्च करके कैमरे क्यों लगाए गए?
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खेड़ा ने कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में करीब 4 बजे मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार गुप्ता कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार हम मशीन रीडेबल वोटर लिस्ट नहीं दे सकते। फिर शाम को करीब 7 बजे, चुनाव आयोग खुद बिहार के 65 लाख लोगों के नाम वाली मशीन रीडेबल वोटर लिस्ट अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर देता है। ये तो पूरी कहानी ही अलग है। यानी- जिस लिस्ट से प्राइवेसी भंग हो रही थी, उसे खुद चुनाव आयोग ने सार्वजनिक रूप से जारी कर दिया।
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पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने यह भी कहा कि कांग्रेस मुख्य चुनाव आयुक्त की धमकियों से डरने वाली नहीं है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने रविवार को कहा था कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अपने दावे को लेकर हलफनामा दें या फिर माफी मांगें।
खेड़ा ने यहां संवादाताओं से कहा, ‘‘वोटर अधिकार यात्रा का असर यह है कि इसकी शुरुआत होते ही ज्ञानेश कुमार गुप्ता को संवाददाता सम्मेलन करना पड़ा। जब कल वह प्रकट हुए तो धमकी दी कि हलफनामा दो या माफी मांगो। वह शायद भूल गए कि हम धमकियों से नहीं डरते।’’
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उन्होंने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त को अपने ही कागजात पर भरोसा नहीं है। खेड़ा ने कहा कि इस देश का निर्वाचन आयोग जिस तरह से कम रह रहा है वह बहुत परेशानी वाली बात है।
उन्होंने कहा कि ज्ञानेश कुमार को यह कैसे लगता है कि वह नेता प्रतिपक्ष को धमकी दे देंगे, 60 प्रतिशत देशवासियों को धमकी दे देंगे। खेड़ा ने कहा, ‘‘उन्हें (मुख्य चुनाव आयुक्त) पता होना चाहिए कि हम धमकियों से डरने वाले नहीं हैं।’’
वहीं, कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने कहा कि बीजेपी संविधान की चोरी करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव सर्वेक्षण में कहा गया कि कांग्रेस और उसके सहयोगियों की सरकार बनेगी, लेकिन नतीजे उलट आए।
कुमार ने कहा कि इसके बाद नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इलेक्ट्रॉनिक मतदाता सूची की मांग की।
उन्होंने दावा किया कि निर्वाचन आयोग अपने ही तर्कों में फंस गया है।
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कांग्रेस नेता ने कहा कि निर्वाचन आयोग हलफनामा मांग रहा है क्योंकि उसे अपने ही कागज पर भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा कि आयोग देश की जनता की आंखों में ‘‘आंकड़े झोंकना चाहता है।’’
उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दे कि मतदाता सूची में गड़बड़ी नहीं है और इसके बाद कांग्रेस भी हलफनामा देकर बताएगी कि गड़बड़ है।
कुमार ने दावा किया कि कागज के नाम पर असल मतदाताओं को परेशान किया गया।
उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग की मंशा साफ नहीं है और वह ‘‘सर्वोच्च नेता’’ का चेहरा चमकाने में ज्यादा व्यस्त है।
पीटीआई के इनपुट के साथ
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