राजस्थान के करौली में रामनवमी के दौरान जब हिंसा भड़क उठी तो यहां की 48 साल की महिला मधुलिका सिंह ने उग्र भीड़ का सामना करते हुये 15 लोगों को सुरक्षित बचाया, जिसमें से अधिकतर मुस्लिम थे।
मधुलिका अपने पति के निधन के बाद से गत पांच साल से करौली में कपड़ों की दुकान चला रही हैं। रामनवमी के दिन जब यात्रा निकली तो अचानक उन्हें लोगों की चीख-पुकार सुनाई दी। इस इलाके में मुस्लिमों की तादाद अधिक है।
Published: 15 Apr 2022, 9:43 PM IST
मधुलिका ने कहा,''लोग भाग रहे थे। दुकानों के शटर गिराये जा रहे थे। सबने कहा कि दंगे भड़क गये। मैंने शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का दरवाजा बंद कर दिया और जो लोग वहां छुपने के लिये आये थे उन्हें नहीं घबराने के लिये कहा। मैंने उन्हें बचाया क्योंकि मानवता सबसे बड़ा धर्म है।''
Published: 15 Apr 2022, 9:43 PM IST
करीब 15 लोगों ने मधुलिका सिंह को कहा कि वे डरे हुये हैं और उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वे वहां से भागें या रूकें। मधुलिका के अनुसार, भीड़ ने गेट तोड़ने की कोशिश की लेकिन उन्होंने ऐसा करने से रोका।
Published: 15 Apr 2022, 9:43 PM IST
मधुलिका के इस साहस के कारण अपनी जान बचाने वाले मोहम्मद तालिब और दानिश ने कहा कि मधुलिका दीदी ने ही उनकी जान बचाई और उन्हें परेशान नहीं होने के लिये कहा। उसी शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में सैलून चलाने वाले मिथिलेश सोनी ने कहा कि उन्होंने तथा अन्य तीन महिलाओं ने बाल्टी में पानी भरकर आग की लपटें बुझाने की कोशिश की।
Published: 15 Apr 2022, 9:43 PM IST
पुलिस के मुताबिक यात्रा के दौरान लाउडस्पीकर पर संवेदनशील नारे लगाये जा रहे थे और जल्द ही पथराव शुरू हो गया फिर हिंसा भड़क गयी।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
Published: 15 Apr 2022, 9:43 PM IST
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 15 Apr 2022, 9:43 PM IST