जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी "लोकतंत्र पर धब्बा" है।
उमर ने एक्स पर लिखा, “ऐसी तैसी डेमोक्रेसी। 400 से अधिक सीटों की सभी चर्चाओं के बावजूद, सत्तारूढ़ सरकार उल्लेखनीय स्तर की घबराहट प्रदर्शित कर रही है। आम चुनावों की घोषणा के कुछ ही दिनों के भीतर एक मौजूदा विपक्षी मुख्यमंत्री को एक लचीली केंद्रीय एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किया जाना लोकतंत्र पर एक धब्बा है।”
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उमर ने कहा कि गिरफ्तारी स्पष्ट रूप से चुनाव से जुड़ी हुई है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा : “चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के कुछ ही दिनों के भीतर मौजूदा मुख्यमंत्री और विपक्षी गठबंधन के एक महत्वपूर्ण हिस्से को ईडी ने मनमाने ढंग से गिरफ्तार कर लिया है।“
उन्होंने कहा, “कुछ हफ्ते पहले, झारखंड के मौजूदा मुख्यमंत्री भी इसी हालत में थे। पिछले साल दिल्ली के उपमुख्यमंत्री को भी गिरफ्तार किया गया था। यह दुर्भाग्य से उस प्रक्रिया का एक हिस्सा है, जिसके तहत इस देश में लोकतांत्रिक संस्थाएं धीरे-धीरे इस हद तक नष्ट हो गई हैं कि अब उनका वजूद लगभग खत्म हो गया है।''
उन्होंने कहा कि देश को हमारे लोकतंत्र के सामने मौजूद खतरे का एहसास है या नहीं, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन, यह सरकार जो विरासत छोड़ेगी, वह देश के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
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मीडिया की खबरों कि पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, सज्जाद गनी लोन और सैयद अल्ताफ बुखारी लोकसभा चुनावों में एनसी को एकजुट विपक्ष देने के लिए हाथ मिला सकते हैं, पर टिप्पणी करते हुए एनसी उपाध्यक्ष ने कहा : “हमने पहले भी इसी तरह की हालत देखी है। यह भी कि पार्टियां एनसी के खिलाफ खड़ी हो गई हैं। यही हालत स्थिति एनसी को कमजोर करने के लिए बनाई जा रही है, लेकिन हम इससे लड़ेंगे।'
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