उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर में मोची का काम करने वाले रामचेत मोची, कांग्रेस नेता राहुल गांधी के जरिए एक चमड़ा कारोबारी से मिलने के बाद 'रामचेत मोची' नाम से अपना ब्रांड शुरू करने की योजना बना रहे हैं।
लोकसभा में विपक्ष के नेता और रायबरेली संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के सांसद गांधी ने गत दिनों रामचेत मोची (60) को मुंबई बुलाकर चमड़ा कारोबारी सुधीर कुमार से उनकी मुलाकात कराई।
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राहुल गांधी ने पिछले साल उन्हें एक मशीन उपहार में दी थी। इसके बाद इस वर्ष फरवरी में कांग्रेस नेता ने रामचेत को दिल्ली स्थित अपनी मां के आवास 10, जनपथ बुलाया, जहां रामचेत ने अपनी हाथ की बनी चप्पल पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा को भेंट की।
अब राहुल गांधी ने रामचेत को और आगे बढ़ाने के लिए हवाई जहाज से मुंबई बुलाया और वहां के चमड़ा कारोबारी सुधीर कुमार से मिलवाया। कांग्रेस सांसद ने रामचेत के साथ खींची तस्वीरें भी “एक्स” पर साझा कीं।
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रामचेत पहली बार हवाई यात्रा कर मुंबई पहुंचे थे जहां उन्हें सुधीर कुमार के चमड़े के व्यवसाय को देखने का मौका मिला।
रामचेत ने "पीटीआई-भाषा" से बातचीत में कहा, “सुधीर कुमार का व्यवसाय विदेशों तक फैला हुआ है तथा उनके यहां नए-नए डिजाइन के बैग और सैंडल बनाए जाते हैं। कुछ उत्पाद लकड़ी के हैं तो कुछ रबड़ के।"
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उन्होंने बताया कि उन्होंने वहां अपनी कारीगरी का हुनर दिखाया और उन्होंने मशीन के जरिए एक पर्स बनाकर दिखाया। उनके मुताबिक, सुधीर कुमार ने उनके काम की सराहना की और आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
रामचेत ने बताया कि वह अब अपने बेटे को भी यह व्यवसाय सिखा रहे हैं तथा वह अपने ब्रांड 'रामचेत मोची' को स्थापित करने की भी योजना बना रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के प्रति उनका सम्मान है क्योंकि उन्होंने उनकी छोटी सी दुकान पर बैठकर उनकी मदद की।
रामचेत ने बताया कि उन्होंने अपने कारोबार का विस्तार किया है और उन्होंने किराए पर एक जगह लेकर वहां पर मशीन लगाई है, जहां वह जूते बनाते हैं और उनके पास दो-तीन कारीगर काम करते हैं। उन्होंने बताया कि उनका बेटा भी रोज दो-तीन घंटे काम सीखता है।
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लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 6 मार्च को “एक्स” पर एक लंबे पोस्ट में कहा था, “चमार स्टूडियो के संस्थापक सुधीर राजभर लाखों दलित युवाओं की कहानी को समेटे हुए हैं। आज, धारावी में सुधीर और उनकी टीम के साथ काम करते हुए, मैंने समावेशी उत्पादन नेटवर्क की अहमियत को महसूस किया - ऐसे नेटवर्क जो विभिन्न क्षेत्रों में कुशल श्रमिकों को आगे बढ़ाते हैं।"
उन्होंने कहा, "मुझे यह भी उतना ही महत्वपूर्ण लगा कि सुधीर को अपना ज्ञान और अनुभव दूसरों के साथ भी बांटना चाहिए। इसलिए हमने अपने मित्र रामचेत मोची को सुल्तानपुर से बुलाया ताकि वह सुधीर से मिल सकें और समझ सकें कि डिज़ाइन और इनोवेशन (नवाचार) उनके व्यवसाय को कैसे नया रूप दे सकते हैं।"
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