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केसीआर का मतलब ‘खाओ कमीशन राव’, तेलंगाना में टीआरएस और दिल्ली में बीजेपी, दोनों का समय खत्म: राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) को ‘खाओ कमीशन राव’ कहते हुए गुरुवार को उन पर तेलंगाना की कीमत पर अपने परिवार को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस  की अगुवाई वाले पीपुल्स फ्रंट की जीत होने पर चौमुखी विकास का वादा किया।

फोटो : @INCIndia
फोटो : @INCIndia तेलंगाना के विकराबाद जिले के परिगि में जनसभा को संबोधित करते कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी

तेलंगाना विधानसभा चुनावों के लिए एक के बाद एक रैलियों को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक स्वर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर पर 'अपने पूंजीवादी मित्रों की मदद करने' और 'जनजातीयों व किसानों के अधिकारों और सुरक्षा को नजरअंदाज करने' को लेकर निशाना साधा। उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस की अगुवाई वाला गठबंधन पहले राज्य में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) को और उसके बाद दिल्ली में मोदी सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकेगा।

राहुल गांधी ने निजामाबाद में एक रैली में कहा, "केसीआर ने केवल एक काम किया, उन्होंने कांग्रेस सरकार की पुरानी योजनाओं के नाम बदलकर इनकी कीमत बढ़ा दी और अपने और अपने परिवार के लिए कमीशन लिया। केसीआर का मतलब है खाओ कमीशन राव।"

राहुल ने 'केसीआर द्वारा नोटबंदी सहित मोदी और बीजेपी-आरएसएस के सभी कदमों को अपनाने और उनका समर्थन करने' को रेखांकित करते हुए कहा कि टीआरएस (तेलंगाना राष्ट्र समिति) को अपना नाम बदलकर 'टी-आरएसएस' रख लेना चाहिए, 'जो आरएसएस के साथ उसके रिश्तों को साफ करेगा।' उन्होंने जोर देकर कहा, "केसीआर का केवल एक मकसद है, तेलंगाना में अपने परिवार और दिल्ली में मोदी शासन को सुनिश्चित करना। लेकिन, दोनों का समय पूरा हो गया है।"

जयशंकर भूपालपल्ली जिले के भूपालपल्ली में एक और रैली में राहुल गांधी ने कहा, "केंद्र में मोदी और राज्य में केसीआर ने जनजातीय लोगों की जमीन की सुरक्षा से जुड़े कानूनों को हल्का कर दिया है।" राहुल ने कहा, "इसके चलते उद्योगपतियों के लिए जनजातीय लोगों की जमीन बिना उचित मुआवजे के छीन ली गईं। जमीन और जंगल होने के बावजूद जनजातीय और आदिवासियों के पास कोई सुरक्षा नहीं है और उनके अधिकारों का लगातार दमन हो रहा है।"

केसीआर पर तेलंगाना को कर्ज के बोझ तले दबाने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी ने कहा, "जब केसीआर मुख्यमंत्री बने थे, तो तेलंगाना का अधिशेष 17 हजार करोड़ रुपये था, लेकिन आज वह 2.5 लाख करोड़ से ज्यादा कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है।" राहुल ने कहा, 'एक तरफ जहां केसीआर प्रत्येक परिवार पर कर्ज का बोझ बढ़ा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उनके बेटे की आमदनी 400 फीसदी से ज्यादा बढ़ी है।"

गौरतलब है कि केसीआर के बेटे के टी रामाराव की आय 2014 में 29 लाख रुपये थी, जो 2018 में बढ़कर करीब 74 लाख रुपये पहुंच गई है। केसीआर शासन के दौरान 4,500 से ज्यादा किसानों द्वारा आत्महत्या करने का दावा करते हुए राहुल गांधी ने प्रत्येक किसान को दो लाख रुपये तक के कृषि कर्ज को माफ करने और धान के लिए दो हजार, रुई के लिए सात हजार, मिर्च के लिए दस हजार रुपये सहित 17 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने का वादा किया।

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राहुल गांधी ने हर उपखंड में 30 बिस्तरों वाला अस्पताल स्थापित करने और घर निर्माण के लिए योग्य परिवारों को पांच लाख रुपये देने का वादा किया। उन्होंने राज्य में जनजातीय विश्वविद्यालय स्थापित करने और सिंगारेनी कोयला खदानों के निजीकरण को रोकने का भी आश्वसन दिया। बुजुर्ग के लिए दो हजार की पेंशन को दोगुना करने के अलावा उन्होंने तीन हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता और एक लाख युवाओं को नौकरियां देने का वादा किया।

22 लाख घरों के निर्माण के वादे को पूरा नहीं करने पर केसीआर का मजाक उड़ाते हुए गांधी ने कहा कि तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के प्रमुख के लिए अब वक्त अपने '300 करोड़ रुपये के घर में' आराम करने और कांग्रेस की अगुवाई वाले गठबंधन के राज्य में काम करने देने का है। 119 सदस्यीय तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 7 दिसंबर को होना है।

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