
सऊदी अरब के पवित्र शहर मदीना से करीब 25 किलोमीटर दूर एक बस हादसे में हैदराबाद के 42 लोगों की मौत से उनके घरों में चीख-पुकार मच गई है। पीड़ित परिजनों का कहना है कि हादसे में मारे गए लोगों के शवों को भारत सरकार यहां लाने की व्यवस्था करे और अगर यह संभव न हो तो मदीना में उनके दफन की व्यवस्था की जाए।
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हादसे के शिकार सभी लोग हैदराबाद के दो ट्रैवल ऑपरेटरों के माध्यम से उमरा के लिए सऊदी अरब गए थे। हादसे की जानकारी मिलते ही उनके परिजन टूर ऑपरेटरों के पास अपनों की जानकारी लेने पहुंचे, लेकिन उनसे भी अब तक कोई खास जानकारी नहीं मिल पाई है। पीड़ित परिजनों का कहना है कि हादसे में मारे गए लोगों के शवों को भारत सरकार यहां लाने की व्यवस्था करे और अगर यह संभव न हो तो मदीना में उनके दफन की व्यवस्था की जाए।
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अल-मक्का टूर्स एंड ट्रैवल्स के 20 और फ्लाईजोन टूर्स एंड ट्रैवल्स से 24 लोग 9 नवंबर को फ्लाइट से मक्का के लिए रवाना हुए थे। दोनों समूहों में 16 बच्चे शामिल थे। टूर ऑपरेटरों को मिली जानकारी के मुताबिक दोनों जत्थे मक्का में अपना उमरा (छोटी यात्रा) पूरी कर रविवार रात मदीना के लिए रवाना हुए थे। इस दौरान स्थानीय समयानुसार रात लगभग 11:30 बजे मदीना से लगभग 25 किलोमीटर दूर एक डीजल टैंकर से टकराने के बाद बस में आग लग गई।
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अल मक्का टूर्स एंड ट्रैवल्स के एजाज ने बताया कि हादसे के वक्त मोहम्मद शोएब जलती हुई बस से कूद गया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। हमें अन्य लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। हमारे लोग मक्का और मदीना से जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। एजाज ने बताया कि उन्हें यह भी पता चला है कि ड्राइवर भी बस से कूदकर भाग गया। दुर्घटना कैसे हुई, इसकी कोई जानकारी नहीं है।
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मोहम्मद तहसीन, सऊदी अरब गए लोगों में से एक का रिश्तेदार है, जो अपने परिवार के सदस्यों के बारे में जानकारी पाने की उम्मीद में अल-मक्का टूर्स एंड ट्रैवल्स के कार्यालय पहुंचा। हालांकि, कई अन्य लोगों की तरह वह भी निराश हुआ, क्योंकि टूर ऑपरेटर के पास इस हादसे के बारे में कोई जानकारी नहीं है। मोहम्मद तहसीन ने कहा, "हमारे परिवार के सात सदस्य सऊदी अरब गए। उनमें मेरे ससुर, भाभी और उनका बेटा भी शामिल थे।" उन्होंने कहा कि भारत सरकार को शवों को लाने की व्यवस्था करनी चाहिए।
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