सरकारी सेवाओं के लिए आधार को अनिवार्य करने से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने इसे लेकर चिंता जताई है। कोर्ट ने आधार पर गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा कि आधार डाटा लीक से चुनाव के परिणाम प्रभावित हो सकते हैं। कोर्ट ने सरकारी पक्ष से आधार को सभी सेवाओं के लिए अनिवार्य बनाने के लिए कोई एक बेहतर वजह बताने को भी कहा।
आधार को निजता का उल्लंघन बताते हुए इसे हर सेवा के लिए अनिवार्य करने के सरकार के कदम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। संविधान पीठ ने कहा कि देश में कोई डाटा सुरक्षा कानून नहीं है, ऐसे में लोगों का आधार डाटा सुरक्षित है यह कैसे कहा जा सकता है। पीठ के एक जज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने कहा कि ये वास्तविक आशंका है कि उपलब्ध आंकड़े किसी देश के चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकते हैं।
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पिछले कुछ दिनों में गलत तरीके से आधार डाटा हासिल करने और लीक होने के कई मामले सामने आ चुके हैं। इसी वजह से आधार डाटा की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर सवाल उठने लगे हैं। जनवरी में महज 500 रुपये में आधार डाटा हासिल करने की रिपोर्ट ‘द ट्रिब्यून’ अखबार में आई थी।
इसके बाद केंद्र सरकार और यूआईडीएआई ने डाटा की सुरक्षा को लेकर और सख्त कदम उठाने की बात कही थी। इसे लेकर यूआईडीएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय भूषण पांडे आधार डाटा की सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट में प्रेजेंटेशन भी दे चुके हैं। लेकिन उनके प्रेजेंटेशन में भी आधार की खामियों की तरफ इशारा किया गया था।
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