
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने संविधान के निर्माण के समय भी बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर एवं संविधान पर हमला किया था और आज भी हमला जारी रखे हुए है। कांग्रेस पार्टी का ऐसा दावा है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने इस बात का उल्लेख भी किया कि ठीक 76 साल पहले बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर ने संविधान के मसौदे को अनुमोदन के लिए संविधान सभा के समक्ष रखा था।
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रमेश ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "आज से ठीक 76 साल पहले, डॉ. आंबेडकर ने भारत के संविधान के मसौदे को औपचारिक रूप से अनुमोदन के लिए संविधान सभा में प्रस्ताव पेश किया था। उस अवसर पर उनका समापन भाषण निस्संदेह 20वीं शताब्दी में किसी भी व्यक्ति द्वारा दिए गए सबसे महान भाषणों में से एक है। "
उनके मुताबिक, अपने भाषण के आरंभिक भाग में आंबेडकर ने कहा था, " मसौदा समिति का कार्य बहुत कठिन हो सकता था यदि यह संविधान सभा केवल एक बेतरतीब भीड़ होती -जैसे बिना सीमेंट का टुकड़ों वाला फर्श, जहाँ कहीं काला पत्थर और कहीं सफेद पत्थर रखा हो और हर सदस्य या समूह अपने आप में एक कानून हो जाता। तब यहां केवल अराजकता होती। लेकिन यह संभावित अराजकता कांग्रेस पार्टी की मौजूदगी के कारण समाप्त हो गई, जो संविधान सभा की कार्यवाही में व्यवस्था एवं अनुशासन की भावना लाई।"
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रमेश ने आंबेडकर को उद्धृत करते हुए कहा, " कांग्रेस पार्टी के अनुशासन के कारण ही मसौदा समिति संविधान सभा में ड्राफ्ट को आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ा सकी - यह जानते हुए कि प्रत्येक अनुच्छेद और प्रत्येक संशोधन का परिणाम क्या होगा। इसलिए, संविधान के सुचारु रूप से पारित होने का पूरा श्रेय कांग्रेस पार्टी को जाता है।"
कांग्रेस महसचिव ने दावा किया कि उस समय आंबेडकर और संविधान पर आरएसएस द्वारा भयंकर हमला किया गया था तथा यह हमला तब से जारी है।
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पीटीआई के इनपुट के साथ
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