समाजवादी पार्टी (एसपी) ने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा में हंगामा किया, जिसके चलते पूरा प्रश्नकाल बाधित रहा। जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई विपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी ने इस मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग की, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने इसे अस्वीकार कर दिया।
उसके बाद समाजवादी पार्टी के विधायक नारेबाजी करने लगे, जिसके चलते कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। अखिलेश यादव ने हाल ही में दावा किया था कि उनकी एक जनसभा के दौरान एक युवक ने 'जय श्री राम' का नारा लगाया था, जिसके बाद उन्हें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता ने धमकी भरे कॉल और मेसैज किए।
एसपी अध्यक्ष और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने शनिवार को कन्नौज में अपने पार्टी कार्यालय में एक समारोह को संबोधित करते हुए दावा किया, “एक बीजेपी नेता से मुझे जान का खतरा है। मुझे उन्होंने कॉल और मैसेज भेजकर धमकी दी है। मैंने मेसैज को फोन पर सुरक्षित कर लिया है और मैं जल्द ही इस मुद्दे पर मीडिया को संबोधित करूंगा।”
जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई विपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी ने कहा कि समाजवादी पार्टी अध्यक्ष की सुरक्षा का मुद्दा चिंता का विषय है। उन्होंने कहा, “उनकी बढ़ती लोकप्रियता से बीजेपी डरी हुई है और कुछ बीजेपी समर्थक उन्हें धमकी दे रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने राजनीति के अपराधीकरण के मुद्दे पर भी बात की है और अगर अखिलेश यादव को कोई नुकसान होता है, तो एसपी कार्यकर्ता शांत नहीं रहेंगे।”
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