पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में एक स्थानीय बीजेपी नेता को अपनी ही बेटी के अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में दो और लोग भी गिरफ्तार हुए हैं। दरअसल गुरूवार को सुप्रभात बटव्याल की बेटी को बंदूक का डर दिखाकर अगवा कर लिया गया था। पुलिस अधिकारी के मुताबकि इस बीजेपी नेता की बेटी को रविवार की सुबह उत्तर दिनाजपुर जिले से छुड़ा लिया गया है। अधिकारी ने बताया कि उत्तर दिनाजपुर पुलिस के साथ एक संयुक्त अभियान में बीरभूम की एक पुलिस टीम ने 22 साल की युवती को दालखोला रेलवे स्टेशन इलाके से बरामद किया।
अधिकारी का कहना है कि पुलिस को शुरुआती जांच में युवती के पिता पर ही अपहरण कराने के संकेत मिले, जिसके बाद उन्हें उनके दो सहयोगियों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। बीरभूम जिले के पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह ने बताया, ‘हमने आज सुबह दालखोला से लड़की को छुड़ाया। वह ठीक है और हम यह पता लगाने के लिए उससे बात कर रहे हैं कि असल में हुआ क्या था। हमने लड़की के पिता को भी गिरफ्तार कर लिया है, क्योंकि हमें लगता है कि उसने अपहरण में अहम भूमिका निभाई है।'
पुलिस अध्यक्ष का कहना है कि, हो सकता है राजनीतिक फायदा उठाने के मकसद से ये अपहरण कराया गया हो। फिलहाल पुलिस तीनों से पूछताछ कर रही है।
बटव्याल करीब पांच महीने पहले तृणमूल कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए था। तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने से पहले बटव्याल माकपा की जिला कमेटी का सदस्य था। उसकी बेटी के अपहरण के बाद लाभपुर में तनाव की स्थिति बन गई थी। प्रदर्शनकारियों ने तीन दिन से सूरी-कटवा रोड जाम कर रखा था। शनिवार को एक भीड़ ने तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय विधायक मनिरुल इस्लाम की गाड़ी पर हमला किया और उन्हें खदेड़ दिया, जिसकी वजह से उन्हें स्थानीय पुलिस थाने में शरण लेनी पड़ी। पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा। भाजपा के जिला नेतृत्व ने आरोप लगाया था कि इस अपहरण के पीछे ‘तृणमूल कांग्रेस समर्थित गुंडों' का हाथ है।
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