भारत समेत पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का कहर जारी है। अमेरिका में सबसे ज्यादा बुरा हाल है। यहां पर 24 घंटे के भीतर 2502 लोगों की मौत हो गई है। अमेरिका में अभी तक कोरोना वायरस की चपेट में 10 लाख 38 हजार 45 लोग आ चुके हैं और मृतकों की संख्या भी 60 हजार तक जा पहुंची है, जो अन्य किसी भी देश से अधिक हैं।
Published: undefined
न्यूयार्क टाइम्स आदि की रिपोर्ट है कि 18 जनवरी को अमेरिका में प्रथम मामले की पुष्टि के बाद अमेरिकी स्वास्थ्य और सार्वजनिक सेवा मंत्री एलेक्स एजार ने व्हाइट हाउस को महामारी के खतरे के बारे में सूचित किया, लेकिन राष्ट्रपति ट्रम्प ने इसे अनदेखा किया। फरवरी माह की शुरू में राष्ट्रपति ट्रम्प ने यह अनुमान लगाया था कि महामारी अप्रैल तक खत्म हो जाएगी।
Published: undefined
फरवरी के अंत तक अमेरिका में केवल चार हजार लोगों का वायरस परीक्षण किया गया। लेकिन 13 मार्च को जब अमेरिका में आपातकाल घोषित किया गया तब तक महामारी की रोकथाम करने के लिए सबसे अच्छा मौका हाथ से निकल चुका था। महामारी पूरे देश में फैलने लगी।
दूसरी तरफ अमेरिका में चिकित्सा सामग्रियों की आपूर्ति पर्याप्त नहीं है। विभिन्न स्टेट में सार्वजनिक चिकित्सा व्यवस्थाएं महामारी को रोकने में असमर्थ रहीं। कुछ चिकित्सा कर्मियों को सुरक्षा कपड़े भी प्राप्त नहीं हुए। इसके अलावा अमेरिकी सरकार ने सक्रियता से महामारी को रोकने के बजाये दूसरे के सिर पर दोष मढ़ने की कोशिश की। राष्ट्रपति ट्रम्प ने जनवरी में चीन में महामारी रोकथाम कार्यों की प्रशंसा की थी। लेकिन आज उन्होंने चीन के खिलाफ महामारी को छिपाने की आलोचना की। 14 अप्रैल को ट्रम्प ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को वित्तीय सहायता बन्द करने की घोषणा की और महामारी की सूचना साझा करने आदि सवालों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की आलोचना की।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined