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अमेरिका ने कम की वर्क परमिट की अवधि, हजारों भारतीय पेशवरों पर पड़ेगा इसका असर

ये बदलाव सीधे तौर पर कई कैटेगरी पर असर डालते हैं, जिनका भारतीय नागरिक बड़ी संख्या में उपयोग करते हैं, जैसे कि रोजगार-आधारित ग्रीन कार्ड के आवेदक और वे एच-1बी कर्मचारी जिनकी प्रक्रिया चल रही है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

अमेरिका के इमिग्रेशन सिस्टम में एक बड़ा बदलाव करते हुए यूएस सिटीजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआईएस) ने यह घोषणा की है कि अब  एम्प्लॉयमेंट ऑथराइजेशन डॉक्यूमेंट्स यानी ईएडी की अधिकतम वैधता अवधि घटा दी जाएगी। इस फैसले का असर लाखों भारतीय पेशेवरों और उनके परिवारों पर पड़ेगा। एजेंसी का कहना है कि यह बदलाव सुरक्षा जांच को मजबूत करने और संभावित जोखिमों का पता लगाने के लिए जरूरी है।

यूएससीआईएस ने कहा कि नई नीति से अमेरिका में काम करने की अनुमति मांगने वाले लोगों की बार-बार जांच हो सकेगी, जिससे धोखाधड़ी रोकी जा सके और ऐसे व्यक्तियों की पहचान की जा सके जिनके इरादे हानिकारक हों, ताकि उन्हें देश से हटाने की प्रक्रिया शुरू की जा सके।

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डायरेक्टर जोसेफ एडलो ने इस फैसले को पब्लिक सेफ्टी की चिंताओं से जोड़ा। उन्होंने कहा कि रोजगार-अनुमति अवधि कम करने से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि जो लोग अमेरिका में काम करना चाहते हैं, वे सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा न बनें और देश-विरोधी विचारधाराओं को न बढ़ाएं।

उन्होंने हाल ही की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि वॉशिंगटन में नेशनल गार्ड के सैनिकों पर हमला करने वाला व्यक्ति पिछले प्रशासन द्वारा देश में आने दिया गया था। इस घटना के बाद यह और जरूरी हो गया है कि विदेशी नागरिकों की बार-बार जांच हो।

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ये बदलाव सीधे तौर पर कई कैटेगरी पर असर डालते हैं, जिनका भारतीय नागरिक बड़ी संख्या में उपयोग करते हैं, जैसे कि रोजगार-आधारित ग्रीन कार्ड के आवेदक और वे एच-1बी कर्मचारी जिनकी प्रक्रिया चल रही है।

अब नई नीति के अनुसार शरणार्थियों, आश्रय मांगने वालों, हटाने की प्रक्रिया से राहत पाने वालों और ग्रीन कार्ड आवेदन (आईएनए 245) करने वालों को दिए जाने वाले ईएडी पहले पांच साल के लिए मान्य होते थे, लेकिन अब ये केवल 18 महीने के लिए मान्य होंगे।

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पॉलिसी अलर्ट में कहा गया है कि यह नियम 5 दिसंबर, 2025 को या उसके बाद लंबित या दायर किए गए सभी आवेदनों पर लागू होता है।

पहले से ही वर्षों से ग्रीन कार्ड की लंबी प्रतीक्षा झेल रहे भारतीय आवेदकों के लिए यह बदलाव नई चिंता पैदा कर सकता है। बहुत से भारतीय लंबे समय तक नौकरी जारी रखने के लिए लंबे समय वाले ईएडी और एडवांस पैरोल दस्तावेजों पर निर्भर रहते हैं। भारतीय प्रवासी समुदाय अमेरिका में रोजगार-आधारित वीजा के सबसे बड़े लाभार्थी हैं। वे इस बदलाव से सबसे अधिक प्रभावित होंगे।

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