बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और सुरक्षा बलों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। आरोप है कि अवामी लीग के राज में लोगों को जबरन गायब कराया गया था, जिसमें उनका हाथ था। इससे पहले, आईसीटी के अभियोजन पक्ष ने हसीना और उनके सुरक्षा एवं रक्षा सलाहकार, तारिक अहमद सिद्दीकी के खिलाफ दो औपचारिक आरोप पत्र दायर किए थे।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, एक औपचारिक आरोप पत्र में हसीना, तारिक और रैपिड एक्शन बटालियन के पूर्व शीर्ष अधिकारियों सहित 15 अन्य लोगों पर टास्क फोर्स फॉर इंट्रोगेशन (टीएफआई) सेल से लोगों को जबरन गायब कराने और यातना देने के पांच आरोप लगाए गए हैं।
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बांग्लादेश के प्रमुख बंगाली दैनिक, जुगांतर की रिपोर्ट के अनुसार, एक अन्य औपचारिक आरोप पत्र में हसीना और तारिक सहित 13 लोगों के खिलाफ संयुक्त पूछताछ सेल (जेआईसी) में कथित तौर पर जबरन गायब करने और यातना देने के पांच आरोप दायर किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, इस मामले में लेफ्टिनेंट जनरल और मेजर जनरल सहित, खुफिया बल महानिदेशालय (डीजीएफआई) के कई पूर्व अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं।
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पिछले साल जुलाई में हुए प्रदर्शनों के दौरान रामपुरा हत्याकांड में कथित संलिप्तता के लिए बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल रेडवान अहमद और तीन अन्य के खिलाफ भी औपचारिक आरोप पत्र दायर किए गए थे। ये ताजा घटनाक्रम मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत अवामी लीग के नेताओं और पार्टी समर्थकों पर चल रही कार्रवाई के बीच सामने आया है।
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इससे पहले मंगलवार को, स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, आईसीटी की जांच एजेंसी ने जुलाई में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान मानवता के विरुद्ध अपराधों के कथित आरोपों को लेकर एक राजनीतिक दल के रूप में अवामी लीग की औपचारिक जांच शुरू की। इस घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए, न्यायाधिकरण के मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि एक जांच अधिकारी की नियुक्ति पहले ही कर दी गई है।
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यह घोषणा 5 अक्टूबर को एक प्रेस वार्ता के दौरान मुख्य अभियोजक की उस टिप्पणी के बाद की गई है, जिसमें उन्होंने अवामी लीग की औपचारिक जांच शुरू होने का संकेत दिया था। विश्लेषकों का मानना है कि यह घटनाक्रम यूनुस शासन द्वारा किया जा रहा एक बड़ा राजनीतिक प्रतिशोध है। अगस्त 2024 में पूर्व प्रधानमंत्री हसीना के पद से हटने के बाद, उनके पार्टी सदस्यों और उनके कार्यकाल में कार्यरत अधिकारियों के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए थे।
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