कोरोना वायरस, जिसे अब आधिकारिक रूप से कोविड-19 के रूप में जाना जाता है, चीन में 1,300 से अधिक लोगों की जान ले चुका है। इस बीच शोधकर्ताओं ने खुलासा किया है कि सभी हवाई अड्डों पर अगर सही तरीके से हाथों की स्वच्छता पर ध्यान दिया जाए तो इस संभावित महामारी के जोखिम को 24 से 69 फीसदी तक कम किया जा सकता है। जर्नल रिस्क एनालिसिस में प्रकाशित अध्ययन में दुनिया भर के हवाई अड्डों पर रोग शमन रणनीतियों को लागू करने के प्रभाव का विश्लेषण किया गया है।
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साइप्रस एवं मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) विश्वविद्यालय से अध्ययन के प्रमुख लेखक क्रिस्टोस निकोलाइड्स ने कहा, "हवाई अड्डे और हवाई जहाज अत्यधिक संक्रामक होते हैं, क्योंकि वे बड़ी आबादी के साथ सीमित क्षेत्र में होते हैं। विषाणु शारीरिक तरल पदार्थ के माध्यम से फैलते हैं, इसलिए इसकी रोकथाम के लिए प्रमुख परिवहन केंद्रों पर हाथ साफ रखना महत्वपूर्ण है।"
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इसके लिए शोधकर्ताओं ने ऐसे 10 महत्वपूर्ण हवाई अड्डों और वैश्विक हवाई-परिवहन नेटवर्क की पहचान की और पाया कि अगर हाथ धोने पर ध्यान दिया जाए तो इस महामारी के जोखिम को 37 फीसदी तक कम किया जा सकता है।
इन हवाई अड्डों में लंदन हीथ्रो, लॉस एंजिल्स इंटरनेशनल, जॉन एफ. कैनेडी, चार्ल्स डी गॉल, दुबई इंटरनेशनल, फ्रैंकफर्ट, हांगकांग इंटरनेशनल, बीजिंग कैपिटल, सैन फ्रांसिस्को और एम्स्टर्डम शिफोल शामिल हैं।
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अध्ययन से पता चलता है कि अगर हाथ धोने की प्रक्रिया को आजमाया जाए तो वायरस के प्रसार को कम करने में एक महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।
ये दस हवाई अड्डे महज ऐसे स्थान नहीं हैं, जहां यात्रियों की बड़ी संख्या होती है, बल्कि ये हवाई अड्डे दुनिया के सभी हिस्सों और गंतव्यों को आपस में जोड़ते भी हैं।
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हवाई अड्डों में कई जगहें अत्यधिक दूषित होती हैं, जिनका इस्तेमाल विभिन्न यात्री करते हैं। इनमें स्वयं-सेवा चेक-इन स्क्रीन, गेट बेंच आर्मरेस्ट, वॉटर फाउनटेन बटन, दरवाजों के हैंडल, सीट और ट्रे टेबल आदि शामिल हैं।
विश्लेषण बताते हैं कि वर्तमान में हर पांच में से एक ही व्यक्ति हर समय अपने हाथों को साफ रखता है।
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