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कोरोना से दुनिया भर की अर्थव्यवस्था चौपट, सलाह के लिए IMF ने गठित की एक टीम, रघुराम राजन भी इसमें शामिल

12 अर्थशास्त्री आईएमएफ प्रमुख को कोरोना संकट से बिगड़ी अर्थव्यवस्था की चुनौतियों से निपटने से जुड़े सुझाव देंगे। इसके साथ ही दुनिया भर में हो रहे बदलावों और नीतिगत मुद्दों की समीक्षा करने के बाद अपनी राय देंगे।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

कोरोना वायरस महामारी ने भारत समेत पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया है। दुनिया भर के देश इस महामारी से लड़ने के साथ अपनी अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने में जुटे हुए हैं। इस बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने इस चुनौती से निपटने के लिए बड़ा कदम उठाया है। आईएमएफ ने एक बाहरी सलाहकार समूह का गठन किया है। खास बात यह है कि आईएमएफ ने 12 अर्थशास्त्रियों के इस समूह में भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को भी शामिल किया है।

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अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि आरबीआई के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन के अलावा 11 दूसरे अर्थशास्त्रियों को बाहरी सलाहकार समूह के सदस्य के रूप में चुना गया है। रघुराम राजन के अलावा इस समूह में मैसचुएट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी की प्रफेसर क्रिस्टीन फोर्ब्स, संयुक्त राष्ट्र के पूर्व डिप्टी महासचिव लॉर्ड मार्क मलोक ब्राउन, सिंगापुर के वरिष्ठ मंत्री तारमण षणमुगरत्नम और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री केविन रुड को भी शामिल किया गया है।

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12 अर्थशास्त्री आईएमएफ प्रमुख को कोरोना संकट से बिगड़ी अर्थव्यवस्था की चुनौतियों से निपटने से जुड़े सुझाव देंगे। इसके साथ ही दुनिया भर में हो रहे बदलावों और नीतिगत मुद्दों की समीक्षा करने के बाद अपनी राय देंगे। आईएमएफ प्रमुख जॉर्जीवा ने कहा कि कोरोना संकट की वजह से पैदा हुई चुनौतियों से पहले ही उसके सदस्य देश तेजी से बदलते विश्व और मुश्किल नीतिगत मुद्दों का सामना कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ऐसे मुश्किल हालात से निपटने के लिए मजबूत कदम उठाने की आवश्यकता है।

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जॉर्जीवा ने कहा कि हमें आईएमएफ के अंदरूनी स्रोतों के साथ ही बाहरी स्रोतों से भी गुणवत्तायुक्त राय और विशेषज्ञता की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि इस दिशा में अपनी सेवा प्रदान करने के लिए उच्च नीतिगत अनुभव वाले लोगों से लेकर बाजार और निजी क्षेत्र के विशेषज्ञ सहमत हुए हैं।

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आईएमएफ के बाहरी सलाहकार समूह में शामिल रघुराम राजन तीन साल के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रह चुके हैं। रघुराम राजन फिलहाल शिकागो विश्वविद्यालय में एक प्रोफेसर के तौर पर काम कर रहे हैं। आरबीआई गवर्नर के तौर पर रघुराम राजन का कार्यकाल सितंबर, 2016 में खत्म हुआ था। उनके बाद उर्जित पटेल को आरबीआई का गर्वनर बनाया गया था। उर्जित पटेल के कार्यकाल के दौरान ही केंद्र की मोदी सरकार ने नोटबंदी का फैसला लिया था।

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