पाकिस्तान और सऊदी अरब ने एक ‘रणनीतिक पारस्परिक रक्षा’ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके अनुसार उनमें से किसी भी देश पर किसी भी हमले को ‘दोनों के विरुद्ध आक्रमण’ माना जाएगा।
एक संयुक्त बयान के अनुसार, इस समझौते पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान ने बुधवार को पाकिस्तानी नेता की खाड़ी देश की एक दिवसीय यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए।
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यह समझौता कतर में हमास नेतृत्व पर इजराइली हमले के कुछ दिन बाद हुआ है, जो खाड़ी क्षेत्र में अमेरिका का एक प्रमुख सहयोगी है।
संयुक्त बयान के अनुसार, रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते में कहा गया है कि ‘‘किसी भी देश के विरुद्ध किसी भी आक्रमण को दोनों के विरुद्ध आक्रमण माना जाएगा।’’
इसमें आगे कहा गया है, ‘‘यह समझौता, जो दोनों देशों की अपनी सुरक्षा बढ़ाने और क्षेत्र तथा विश्व में सुरक्षा एवं शांति प्राप्त करने की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है, दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग के पहलुओं को विकसित करने और किसी भी आक्रमण के विरुद्ध संयुक्त प्रतिरोध को मजबूत करने का लक्ष्य रखता है।’’
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इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बृहस्पतिवार को नई दिल्ली में कहा कि भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर इस कदम के प्रभावों का अध्ययन करेगा।
पाकिस्तान-सऊदी संयुक्त वक्तव्य के अनुसार, यह समझौता सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच लगभग आठ दशक से चली आ रही ऐतिहासिक साझेदारी पर आधारित है, और यह भाईचारे और इस्लामी एकजुटता के बंधनों के साथ-साथ दोनों देशों के बीच साझा रणनीतिक हितों और घनिष्ठ रक्षा सहयोग पर आधारित है।
दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और रणनीतिक संबंधों और साझा हितों के कई विषयों की भी समीक्षा की।
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सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में, शरीफ ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी बातचीत में ‘‘विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई, क्षेत्रीय चुनौतियों की समीक्षा की गई और द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाया गया’’।
शरीफ ने यह भी कहा कि वह सऊदी क्राउन प्रिंस के ‘‘लगातार समर्थन और दोनों देशों के बीच सऊदी निवेश, व्यापार और व्यावसायिक संबंधों को बढ़ाने में उनकी गहरी रुचि’’ को बहुत महत्व देते हैं।
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शरीफ की सऊदी यात्रा से पहले, विदेश कार्यालय ने कहा था कि पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच ऐतिहासिक संबंध हैं, जो साझा आस्था, मूल्यों और आपसी विश्वास पर आधारित हैं। इसमें कहा गया कि यह यात्रा दोनों नेताओं को इस अनूठी साझेदारी को मजबूत करने और दोनों देशों के लोगों के लाभ के लिए सहयोग के नए रास्ते तलाशने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगी।
यह शरीफ की एक सप्ताह के भीतर खाड़ी क्षेत्र की तीसरी यात्रा थी। इससे पहले उन्होंने बृहस्पतिवार और सोमवार को कतर का दो बार दौरा किया था, ताकि खाड़ी देश में इजराइल के हमले के बाद दोहा के साथ एकजुटता व्यक्त की जा सके और इस मुद्दे पर अरब-इस्लामी देशों की एक आपात बैठक में भाग लिया जा सके।
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