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सीरिया में विद्रोही गुटों ने सैनिकों के लिए आम माफी का किया ऐलान, सुरक्षा की गारंटी का भी दिया भरोसा

सरकारी समाचार एजेंसी एसएएनए के हवाले से सिन्हुआ एजेंसी ने बताया कि इस माफी को सैन्य कर्मियों को फिर से इकट्ठा करने के व्यापक सुलह प्रयासों के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है। ये वो सैनिक हैं, जो बशर अल-असद की सरकार के पतन के दौरान पकड़े गए या भाग गए थे।

सीरिया में विद्रोही गुटों ने सैनिकों के लिए आम माफी का किया ऐलान, सुरक्षा की गारंटी का भी दिया भरोसा
सीरिया में विद्रोही गुटों ने सैनिकों के लिए आम माफी का किया ऐलान, सुरक्षा की गारंटी का भी दिया भरोसा फोटोः IANS

सीरिया के विद्रोही गुटों ने अनिवार्य सेवा में भर्ती किए गए सभी सैन्य कर्मियों के लिए आम माफी की घोषणा की है। एक बयान में, विद्रोही गुटों के सैन्य अभियान विभाग ने ऐलान किया कि हम अनिवार्य सेवा के तहत सभी सैन्य कर्मियों को माफी देते हैं। उन्हें सुरक्षा की गारंटी दी जाती है, और उनके खिलाफ किसी भी तरह की आक्रामकता वर्जित है।"

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सरकारी समाचार एजेंसी एसएएनए के हवाले से सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया कि इस माफी को सैन्य कर्मियों को फिर से इकट्ठा करने के व्यापक सुलह प्रयासों के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है। ये वो सैनिक हैं, जो बशर अल-असद की सरकार के पतन के दौरान पकड़े गए या भाग गए थे। माफी या इसके प्रभाव के बारे में आगे की जानकारी तुरंत स्पष्ट नहीं की गई।

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बता दें कि विद्रोही गुटों ने रविवार को सीरियाई राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया था जिसके बाद राष्ट्रपति बशर अल असद परिवार के साथ देश छोड़ कर भाग गए। असद ने फिलहाल रूस में शरण ली हुई है। इस बीच अमेरिका, इजरायल और ईरान समेत तमाम देशों की निगाहें सीरिया पर काबिज हो चुके विद्रोही गुटों के अगले कदम पर टिकी हुई हैं।

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59 वर्षीय बशर अल-असद ने 2000 में अपने पिता हाफिज अल-असद की मृत्यु के बाद सत्ता संभाली थी। असद रूस, ईरान और लेबनान के हिजबुल्लाह की मदद से वर्षों तक विद्रोही गुटों का सफलतापूर्व मुकाबला करते रहे। लेकिन पिछले दिनों अचानक सक्रिय हुए विद्रोही गुटों ने सीरियाई राष्ट्रपति के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी क्योंकि असद के तीनों सहयोगी- रूस, हिजबुल्लाह और ईरान खुद के संघर्षों में उलझे हुए थे।

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