
अमेरिका की संघीय सरकार शटडाउन के कारण बुधवार को 36वें दिन भी ठप रही जो देश के इतिहास में अब तक के सबसे लंबे शटडाउन का रिकॉर्ड है। कांग्रेस द्वारा बजट को मंजूरी नहीं दिये जाने की वजह से संघीय कार्यक्रमों में कटौती, उड़ान में देरी और देश भर में संघीय कर्मचारियों का वेतन भुगतान ठप पड़ गया है और इससे लाखों अमेरिकियों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई सरकारी दफ्तरों के दरवाजे बंद हैं, कर्मचारी घरों में बैठे हैं और सड़कों पर खामोशी छाई है।
36 दिन से जारी इस लंबे शटडाउन का असर अब आम अमेरिकी नागरिकों तक पहुंचने लगा है। हजारों सरकारी कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। इस संकट के बीच परिवहन मंत्री ने चेतावनी दी है कि अगर यही हाल रहा, तो अमेरिका के कुछ हवाई क्षेत्र बंद करने पड़ सकते हैं। इस समय करीब 13,000 हवाई यातायात नियंत्रक बिना वेतन के ड्यूटी कर रहे हैं, जिससे उड़ानों के परिचालन पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
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विवाद की जड़ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा डेमोक्रेट्स के साथ उनकी मांगों पर बातचीत करने से इनकार करना है। विपक्षी डेमोक्रेट पार्टी स्वास्थ्य बीमा सब्सिडी को समाप्त करने की ट्रंप की योजना को ठंडे बस्ते में डालने की मांग कर रही है, वहीं ट्रंप शासन इस योजना को पास कराना चाहता है। ऐसे में डेमोक्रेट्स ने जब तक मांग पूरी नहीं होगी है कांग्रेस (संसद) में सरकार के बजट को समर्थन देने से इनकार कर दिया है। इसी कारण देश को अभूतपूर्व शटडाउन का सामना करना पड़ रहा है।
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यह गतिरोध शुरू हुआ 1 अक्टूबर से, जब अमेरिकी कांग्रेस यानी संसद नए वित्तीय समझौते पर सहमति नहीं बना सकी। विपक्षी डेमोक्रेट्स और सत्तारूढ़ रिपब्लिकन पार्टी के बीच टकराव ऐसा बढ़ा कि सरकारी फंडिंग अटक गई। इसका नतीजा हुआ के सरकारी कामकाज रुक गया। अब दोनों पार्टियां अपनी-अपनी मांगों पर अड़ी हैं और दोनों में समझौते की कोई उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है। इस बीच लाखों सरकारी कर्मचारी या तो बिना वेतन के काम कर रहे हैं या फिर घरों में मजबूर होकर बैठे हैं।
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अमेरिका में उत्पन्न हुए इस विवाद की जड़ स्वास्थ्य बीमा और सरकारी खर्च है। डेमोक्रेटिक पार्टी चाहती है कि आम लोगों के लिए स्वास्थ्य बीमा पर सब्सिडी बढ़ाई जाए और ट्रंप शासन द्वारा की गई कटौतियों को वापस लिया जाए। वहीं रिपब्लिकन पार्टी का कहना है कि ऐसा करने से सरकारी खर्च बढ़ेगा और अन्य योजनाएं प्रभावित होंगी। कई दौर की बैठकों और मतदान के बावजूद समाधान नहीं निकला। हाल में हुए मतदान में विधेयक को 55 वोट मिले, जबकि पास होने के लिए 60 वोटों की जरूरत थी।
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शटडाउन तब होता है जब सरकार के पास अपने खर्च चलाने के लिए पैसे नहीं होते। अमेरिकी संविधान के अनुसार, हर साल सरकार को सरकारी विभागों के खर्च के लिए संसद से व्यय विधेयक पारित कराना होता है। अगर यह विधेयक पारित नहीं होता, तो सरकार के पास खर्च करने का कानूनी अधिकार नहीं रह जाता। नतीजतन कई सेवाएं, सरकारी दफ्तर, सरकारी एजेंसियां और सार्वजनिक सुविधाएं बंद करनी पड़ती हैं।
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अमेरिका में शटडाउन और सरकारी कामकाज ठप होना कोई नई बात नहीं है। 1980 के बाद से अब तक 15 बार ऐसा हो चुका है। कभी एक दिन तो कभी पांच दिन, लेकिन 2018 में डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान यह सिलसिला 35 दिनों तक चला था, जो रिकॉर्ड था। उस समय मैक्सिको की सीमा पर सुरक्षा दीवार के लिए धन मुहैया कराने को लेकर गतिरोध बना था। उससे पहले बिल क्लिंटन के शासन में 1995 में 21 दिन तक और बराक ओबामा के दौर में 2013 में 16 दिन तक सरकार ठप रही थी। लेकिन इस बार का शटडाउन इन सबको पीछे छोड़ चुका है।
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