गाजा पट्टी में विस्थापित लोगों को आश्रय देने वाले एक स्कूल और एक नागरिक सुरक्षा केंद्र को निशाना बनाकर किए गए दो इजरायली हवाई हमलों में कम से कम 25 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई। गाजा स्थित स्वास्थ्य प्राधिकरण के एक अधिकारी मारवान अल-हम्स ने बताया कि रविवार को खान यूनिस में विस्थापित लोगों के एक स्कूल पर इजरायली एयर स्ट्राइक में लगभग 21 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई। दर्जनों अन्य घायल हो गए, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे। यह स्कूल नियर ईस्ट में फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र रिलीफ एंड वर्क एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) से जुड़ा है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, इस हमले पर इजरायली सेना की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई। सूत्रों ने बताया कि मध्य गाजा में नुसेरात शरणार्थी शिविर के मध्य में एक आपातकालीन चौकी को निशाना बनाकर एक एयर स्ट्राइक की गई। इसमें एक पत्रकार सहित नागरिक सुरक्षा के चार सदस्यों की मौत हो गई। गाजा में नागरिक सुरक्षा के प्रवक्ता महमूद बसल ने इजरायल पर नागरिक सुरक्षा दलों पर 'जघन्य अपराध' करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, "पीड़ित अपने मानवीय और राष्ट्रीय कर्तव्यों का पालन कर रहे थे।" फिलिस्तीनी पत्रकार सिंडिकेट ने एक बयान में कहा कि मृतकों में अहमद अल-लौह नाम का एक पत्रकार भी शामिल है, जो कतर के अल जजीरा टीवी के लिए फोटोग्राफर के तौर पर काम करता था। हालांकि, इजरायली सेना ने उस पर गाजा में इस्लामिक जिहाद आंदोलन का एक सैन्य संचालक होने का आरोप लगाया। इज़रायली सेना ने एक बयान में कहा कि उसकी एयर फोर्स ने नुसेरात शिविर में एक साइट को निशाना बनाया, जिसका इस्तेमाल 'आतंकवादियों' द्वारा आईडीएफ के खिलाफ हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने के लिए किया जाता था।
7 अक्टूबर 2023 इजरायल में हमास के बड़े हमले के जवाब में यहूदी राष्ट्र ने फिलिस्तीनी ग्रुप के कब्जे वाली गाजा पट्टी में सैन्य अभियान शुरू किया था। हमास के हमले में करीब 1200 लोग मारे गए थे जबकि 250 से अधिक लोगों को बंधक बनाया गया था। इजरायली हमलों ने गाजा में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है और हजारों फिलिस्तीनियों की मौत हुई है। गाजा स्थित स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को एक बयान में कहा कि गाजा पट्टी में जारी इजरायली हमलों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या बढ़कर 44,976 हो गई है।
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पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सोमवार को अलग-अलग घटनाओं में एक पोलियो कर्मी और एक पुलिस कांस्टेबल की गोली मारकर हत्या कर दी गई। देश में सोमवार से कड़ी सुरक्षा के बीच हफ्ते भर चलने वाला पोलियो उन्मूलन अभियान शुरू हुआ। अभियान के पहले ही दिन अज्ञात हमलावरों ने बन्नू जिले में एक पोलियो कर्मी की गोली मारकर हत्या कर दी।काला खेल मस्ती खान में इस घटना को अंजाम देने के बाद हमलावर भाग गए। पुलिस ने बताया कि पोलियो कर्मी अपनी ड्यूटी पर जा रहा था, तभी उस पर हमला हुआ।
करक जिले में एक अलग घटना में, पोलियो कर्मियों की एक टीम की सुरक्षा में तैनात कांस्टेबल इश्तियाक अहमद की अज्ञात मोटरसाइकिल सवारों लोगों द्वारा की गई गोलीबारी में मौत हो गई। खैबर पख्तूनख्वा के गवर्नर फैसल करीम कुंडी और मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर ने प्रांत में पोलियो टीमों पर हमलों की निंदा की। पाकिस्तान में सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच हफ्ते भर चलने वाला पोलियो उन्मूलन अभियान शुरू किया गया ताकि अपंग कर देने वाली इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई सुनिश्चित की जा सके। इस वर्ष पोलियो के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है तथा अब तक 63 मामले सामने आए हैं।
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यूक्रेनी सेना ने रूस के पश्चिमी कुर्स्क सीमा क्षेत्र में रूसी सैनिकों के साथ मारे गए दर्जनों उत्तर कोरियाई सैनिकों की तस्वीरें और फुटेज जारी की हैं। यह जानकारी एक यूक्रेनी मीडिया ने दी। योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, यूक्रेन्स्का प्रावदा ने रविवार को एक ड्रोन यूनिट से प्राप्त जानकारी का हवाला देते हुए बताया कि जिन सैनिकों के शव बर्फ में दिखाई दे रहे थे, उनकी मौत शनिवार को यूक्रेन की सीमा से लगे रूसी क्षेत्र में हमलों के दौरान हुई थी। आउटलेट ने कहा, "मडियार चैनल ने कहा कि यह एक संयुक्त कोशिश है और इसमें - 414वीं मानवरहित स्ट्राइक एविएशन सिस्टम रेजिमेंट, महुरा ब्रिगेड, 95वीं एयर असॉल्ट ब्रिगेड, 36वीं सेपरेट मरीन ब्रिगेड, फर्स्ट टैंक ब्रिगेड और 17वीं टैंक ब्रिगेड के एफपीवी (फर्स्ट पर्सन व्यू) ड्रोन पायलट शामिल हैं।" ड्रोन यूनिट के टेलीग्राम चैनल पर शेयर की गई पोस्ट के विवरण की तुरंत पुष्टि नहीं की जा सकी।
इससे पहले शनिवार को, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि रूस उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती को फ्रंट लाइन के अन्य हिस्सों में भी बढ़ा सकता है। जेलेंस्की ने एक संबोधन में कहा, "हमारे पास पहले से ही जानकारी है कि रूस ने अपने हमलों में उत्तर कोरियाई सैनिकों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। वे काफी संख्या में शामिल हैं।" यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा, "रूस ने उत्तर कोरियाई सैनिकों को संयुक्त इकाइयों में शामिल किया है। इनका इस्तेमाल कुर्स्क क्षेत्र में ऑपरेशन के लिए किया जा रहा है। अभी तक, केवल वहीं...लेकिन हमारे पास ऐसी जानकारी है जो बताती है कि उनका उपयोग फ्रंट लाइन के अन्य हिस्सों में भी किया जा सकता है।" दक्षिण कोरिया और अमेरिका उत्तर कोरिया पर रूस में हजारों सैनिक भेजने का आरोप लगाते आए हैं। पिछले महीने खबर आई थी कि किम जोंग उन ने उत्तर कोरिया के दौरे पर रूस के रक्षा मंत्री के साथ बैठक की थी। बताया जाता है कि मीटिंग के दौरान किम ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध प्रयासों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया था।
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रूस के विदेश मंत्रालय ने बताया कि रूस ने सीरिया की राजधानी दमिश्क से अपने कुछ राजनयिकों को निकाल लिया है, जबकि उसका दूतावास अभी भी काम कर रहा है। मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा कि राजनयिकों को सीरिया के खमीमिम एयरबेस से रूसी एयरोस्पेस फोर्सेज की उड़ान से मॉस्को ले जाया गया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, उड़ान में बेलारूस और उत्तर कोरिया के राजनयिक भी सवार थे। मंत्रालय के संकट स्थिति विभाग ने टेलीग्राम पर कहा कि 15 दिसंबर को दमिश्क में रूसी (राजनयिक) प्रतिनिधित्व के कुछ कर्मियों की वापसी सीरिया में हमीमिम एयरबेस से रूसी वायु सेना की एक विशेष उड़ान द्वारा की गई। मंत्रालय ने अनुसार विमान मॉस्को के निकट हवाई अड्डे पर पहुंचा, लेकिन उसमें कितने लोग सवार थे, यह नहीं बताया। टेलीग्राम पर प्रकाशित प्रेस वक्तव्य में कहा गया है कि दमिश्क में रूसी दूतावास अभी भी काम कर रहा है।
11 दिनों की आक्रामकता के बाद, इस्लामिक समूह हयात तहरीर अल-शाम एचटीएस) द्वारा नेतृत्व किए गए एक विद्रोही गठबंधन ने असद को सत्ता से हटा दिया, जो अपने परिवार के साथ रूस भाग गए। असद का सत्ता से पतन मॉस्को के लिए एक बड़ा झटका था, क्योंकि रूस और ईरान पूर्व सीरियाई राष्ट्रपति के मुख्य सहयोगी थे और 2015 से सीरिया में सैन्य हस्तक्षेप कर रहे थे। सीरिया में रूस के दो सैन्य ठिकानों– तर्तूस नौसैनिक अड्डा और हमीमिम सैन्य हवाई क्षेत्र – का भविष्य अब अनिश्चित है। ये स्थल रूस के लिए मध्य पूर्व, भूमध्य सागर क्षेत्र और अफ्रीका तक अपने प्रभाव को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
बुधवार को एक क्रेमलिन प्रवक्ता ने कहा कि मॉस्को सीरिया में नए अधिकारियों के संपर्क में है और ठिकानों के भविष्य को लेकर चर्चा कर रहा है। ब्रिटिश सरकार ने सीरियाई विद्रोही समूह हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के साथ राजनयिक संपर्क स्थापित किया है, जो अब अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद से सत्ता छीनकर देश पर नियंत्रण कर चुके हैं। ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैम्मी ने इस विकास की पुष्टि करते हुए कहा कि एचटीएस अभी भी एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है, लेकिन ब्रिटेन राजनयिक संपर्क बना सकता है और हम ऐसा करते हैं जैसा कि आप उम्मीद करेंगे। इससे पहले, शनिवार को अमेरिका ने भी यह पुष्टि की कि उसने एचटीएस विद्रोही समूह के साथ प्रत्यक्ष संपर्क किया है, जो विद्रोहियों के उभार का नेतृत्व कर रहा है और अब दमिश्क और अधिकांश सीरिया पर नियंत्रण रखता है। अमेरिका के विदेश सचिव एंटनी ब्लिंकन ने इसे स्वीकार किया।
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इजरायली लड़ाकू विमानों ने सोमवार तड़के सीरिया में पूर्व सैन्य शस्त्रागारों (हथियारों के खेप) को निशाना बनाकर कई हवाई हमले किए। ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने बताया कि हाल ही में ज़ामा के पास बटालियन 107 में मिसाइल ठिकानों और ग्रामीण टार्टस में हथियारों के गोदामों पर हमला किया गया। इससे पहले रविवार शाम, एक इजरायली जेट ने कथित तौर पर पूर्वी सीरिया में डेयर अल-ज़ौर सैन्य हवाई अड्डे पर रडार इंस्टॉलेशन पर हमला किया। इजरायली विमानों ने ग्रामीण दमिश्क में पहाड़ों में खोदे गए पूर्व गोला-बारूद डिपो को निशाना बनाया, जिससे कई शक्तिशाली विस्फोट हुए। इसमें किसी के हताहत होने की कोई रिपोर्ट नहीं है।
बता दें ये हमले इजरायल द्वारा 8 दिसंबर को शुरू एक सैन्य अभियान का हिस्सा हैं। इसमें सीरिया के पूर्व नेतृत्व से जुड़ी किसी भी शेष सैन्य क्षमता को निशाना बनाया जा रहा है, क्योंकि देश के नए अधिकारी देश की सुरक्षा स्थिति को स्थिर करने के लिए काम कर रहे हैं। इससे पहले विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के नेता अहमद अल-शरा ने दमिश्क में सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गीर पेडरसन के साथ बैठक की। स्थानीय अल-वतन ऑनलाइन समाचार आउटलेट के एक बयान के मुताबिक दोनों के बीच राजनीतिक परिवर्तन पर चर्चा हुई।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, अल-शरा ने कहा कि सीरिया के राजनीतिक परिवर्तन के संबंध में 2015 में अपनाए गए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2254 को अब देश की वर्तमान वास्तविकताओं के मुताबिक अपडेट करने की जरूरत है। उन्होंने सीरिया के नए नेतृत्व और उभरती परिस्थितियों के साथ तालमेल बैठाते हुए एक 'नया नजरिया' अपनाने की अपील की। अल-शरा को अबू मोहम्मद अल-जुलानी के नाम से भी जाना जाता है। बैठक के दौरान, अल-शरा ने सीरियाई नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने, देश की क्षेत्रीय एकता को बहाल करने, पुनर्निर्माण और आर्थिक विकास का रास्ता बनाने क लिए 'तेज और प्रभावी' सहयोग के महत्व पर प्रकाश डाला। एचटीएस नेता ने शरणार्थियों की वापसी के लिए सुरक्षित माहौल बनाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए 'बड़ी सावधानी' के साथ काम किया जा रहा है और विशेष टीमों इसकी निगरानी कर रही हैं।
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