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दुनिया की खबरें: ट्रंप की चेतावनी के बीच ईरान पर इजराइल के हमले बढ़े और इजरायल का समर्थन करने पर भड़का ईरान

ट्रंप ने कनाडा में जारी जी-7 शिखर सम्मेलन को बीच में ही छोड़कर वाशिंगटन रवाना होने से पहले सोमवार रात को एक संदेश में लिखा, ‘‘ ईरान परमाणु हथियार नहीं रख सकता।’’ उन्होंने अपने संदेश में कहा,‘‘सभी को तेहरान तत्काल खाली कर देना चाहिए।’’

फोटो: PTI
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इजराइल ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकाने पर अचानक हमला करने के पांच दिन बाद तेहरान पर अपने हवाई हमले तेज कर दिये हैं। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राजधानी तेहरान के निवासियों को शहर खाली करने की चेतावनी दी।

ट्रंप ने कनाडा में जारी जी-7 शिखर सम्मेलन को बीच में ही छोड़कर वाशिंगटन रवाना होने से पहले सोमवार रात को एक संदेश में लिखा, ‘‘ ईरान परमाणु हथियार नहीं रख सकता।’’ उन्होंने अपने संदेश में कहा,‘‘सभी को तेहरान तत्काल खाली कर देना चाहिए।’’

बाद में ट्रंप ने इस बात से इनकार किया कि वह संघर्ष विराम पर काम करने के लिए जल्दबाज़ी में लौटे हैं। वाशिंगटन लौटते समय एयर फोर्स वन में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा, "मैं संघर्ष विराम की तरफ नहीं देख रहा हूं। हम उससे भी बेहतर चीज की तरफ देख रहे हैं।"

हालांकि, उन्होंने इस बारे में विस्तार से कोई जानकारी नहीं दी।

‘एयर फोर्स वन’ में सवार पत्रकारों ने ट्रंप से पूछा कि उन्होंने तेहरान को खाली करने का अनुरोध क्यों किया, इस पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मैं बस यही चाहता हूं कि लोग सुरक्षित रहें।’’

इससे पहले, इजराइली सैन्य बलों ने तेहरान के एक मध्यवर्ती इलाके के लगभग 3,30,000 निवासियों से इलाके को खाली करने की अपील की थी। तेहरान पश्चिम एशिया के सबसे बड़े शहरों में से एक है और वहां तकरीबन एक करोड़ लोग रहते हैं, जो इजराइल की कुल आबादी के बराबर है। ईरान और इजराइल के बीच संघर्ष शुरू होने के बाद से ही तेहरान में लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं।

इजराइल का कहना है कि ईरान के शीर्ष सैन्य अधिकारियों, परमाणु वैज्ञानिकों, यूरेनियम संवर्धन स्थलों और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम पर उसका व्यापक हमला ईरान को परमाणु हथियार बनाने के और करीब आने से रोकने के लिए ज़रूरी है। शुक्रवार से अब तक हुए हमलों में कम से कम 224 लोग मारे गए हैं।

ईरान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए इजराइल पर 370 से ज़्यादा मिसाइलें और सैकड़ों ड्रोन दागे हैं। इन हमलों में अब तक इजराइल में 24 लोग मारे गए हैं और 500 से ज़्यादा घायल हुए हैं। इस बीच, इजराइली सेना ने कहा कि मंगलवार को फिर से मिसाइलें छोड़ी गईं और उत्तरी इजराइल में विस्फोटों की आवाज सुनी गयी।

उधर, ईरान की राजधानी में दुकानें बंद हैं और गैस के लिए कतारें लगी हैं।

तेहरान का मुख्य इलाका मंगलवार सुबह से ही खाली होने लगा और कई दुकानें बंद रहीं। शहर का प्राचीन ‘ग्रैंड बाज़ार’ भी बंद रहा। ऐसा पहले सिर्फ़ सरकार विरोधी प्रदर्शनों या कोरोना वायरस महामारी के चरम पर रहने के दौरान ही हुआ था।

तेहरान से पश्चिम की ओर जाने वाली सड़कों पर यातायात जाम की स्थिति देखी गई। कई लोग कैस्पियन सागर क्षेत्र की ओर जाते दिखाई दिए। तेहरान में पेट्रोल पंपों पर भी लंबी कतारें देखी गईं।

संघर्ष जारी रहने के बीच प्राधिकारियों ने चिकित्सकों और नर्स की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। ईरान सरकार के अधिकारी लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि सब कुछ नियंत्रण में है और उन्होंने जनता को इस संबंध में कोई दिशा-निर्देश नहीं दिया कि उन्हें क्या करना चाहिए।

इस बीच, इजराइली सेना ने तेहरान पर हमले में ईरान के शीर्ष जनरल अली शादमानी को मारने का दावा किया है। लेकिन ईरान ने जनरल की हत्या पर तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की है। जनरल शादमानी को हाल ही में अर्द्धसैन्य बल रिवॉल्यूशनरी गार्ड का हिस्सा खातम अल-अनबिया केंद्रीय मुख्यालय का प्रमुख नियुक्त किया गया था।

इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष तेज होने के मद्देनजर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कनाडा में जारी जी-7 शिखर सम्मेलन से एक दिन पहले रवाना हो गए।

शिखर सम्मेलन से रवाना होने से पहले ट्रंप ने अन्य नेताओं के साथ एक संयुक्त बयान में कहा, ‘‘ईरान परमाणु हथियार नहीं रख सकता’’ और उन्होंने ‘‘गाजा में संघर्ष विराम समेत पश्चिम एशिया में तनाव कम करने’’ का आह्वान किया।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने पत्रकारों से कहा कि इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष विराम पर बातचीत जारी है, लेकिन सोशल मीडिया पर अपनी टिप्पणियों में ट्रंप ने इस बात को खारिज किया है।

ट्रंप ने लिखा, ‘‘मैक्रों ने गलती से कहा है कि मैंने इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष विराम पर काम करने के लिए कनाडा में जी7 शिखर सम्मेलन से समय से पहले विदा ली है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘गलत, उन्हें अंदाजा नहीं है कि मैं वाशिंगटन क्यों जा रहा हूं लेकिन इसका निश्चित रूप से संघर्ष विराम से कोई लेना-देना नहीं है। यह उससे कहीं बड़ी बात है।’’

इस बीच, अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ राष्ट्रपति तथा उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम से मुलाकात करने के लिए व्हाइट हाउस पहुंचे।

हेगसेथ ने यह नहीं बताया कि बैठक क्यों हो रही है, लेकिन उन्होंने सोमवार देर रात ‘फॉक्स न्यूज’ को बताया कि ये गतिविधियां ‘‘यह सुनिश्चित करने के लिए हो रही है कि हमारे लोग सुरक्षित रहें।’’

ट्रंप ने कहा कि वह कूटनीतिक वार्ता छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस तथा विशेष दूत स्टीव विटकॉफ को ईरानी नेताओं से मुलाकात करने के लिए भेज सकते हैं।

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हमने ईरान के एक और उच्च पदस्थ जनरल को मार गिराया: इजराइल

इजराइल ने मंगलवार को दावा किया कि उसने ईरानी सैन्य कमान को तबाह करने के बाद उसके एक और उच्च पदस्थ जनरल को मार गिराया।

इजराइली सेना ने कहा कि उसने जनरल अली शादमानी को मार गिराया है, जिन्हें हाल ही में खातम अल-अनबिया केंद्रीय मुख्यालय का प्रमुख नियुक्त किया गया था।

ईरान ने शादमानी की मौत की तत्काल पुष्टि नहीं की है। शादमानी ईरान के अर्धसैनिक बल रिवोल्यूशनरी गार्ड में जनरल थे।

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चीन में पटाखा कारखाने में विस्फोट से नौ लोगों की मौत, 26 अन्य घायल

मध्य चीन में एक पटाखा कारखाने में भीषण विस्फोट होने से नौ लोगों की मौत हो गई और 26 अन्य घायल हो गए।

आधिकारिक मीडिया ने मंगलवार को बताया कि यह विस्फोट सोमवार को हुनान प्रांत के लिनली काउंटी में हुआ।

सरकारी मीडिया मंचों पर प्रसारित वीडियो में कारखाना स्थल पर भीषण विस्फोट और धुएं का गुबार उठते दिखा। विस्फोट से आस-पास की इमारतों को काफी नुकसान पहुंचा और लोग गिरते मलबे से बचने के वास्ते छिपने के लिए भागते नजर आए।

सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, फिलहाल खोज एवं बचाव अभियान जारी है तथा दुर्घटना के कारण का पता लगाने के लिए एक जांच दल गठित किया गया है।

चीन के आपातकालीन प्रबंधन मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि उसने घटनास्थल पर बचाव प्रयासों का मार्गदर्शन करने के लिए एक टीम भेजी है।

मंत्रालय ने संबंधित अधिकारियों से विस्फोट से प्रभावित सभी व्यक्तियों की तुरंत पहचान करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि कोई दूसरी दुर्घटना न हो।

मंत्रालय ने कहा कि विस्फोट के कारणों का जल्द से जल्द पता लगाने और जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने के प्रयास किए जाने चाहिए।

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इजरायल का समर्थन करने पर भड़का ईरान, कहा- जी7 के नेताओं ने आक्रामकता को नजरअंदाज किया

ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बकाई ने इजराइल का समर्थन करने के लिए जी7 नेताओं की आलोचना की। उन्होंने मंगलवार को कहा कि जी7 नेताओं के संयुक्त बयान ने इजरायल की ‘खुली आक्रामकता’ को नजरअंदाज किया है, जिसमें ईरान की ‘शांतिपूर्ण परमाणु संरचनाओं’ पर गैरकानूनी हमले, रिहायशी इलाकों पर अंधाधुंध निशाना साधना और ईरानी नागरिकों की हत्या शामिल है।

कनाडा के कनानास्किस में चल रहे जी7 शिखर सम्मेलन के बाद जारी बयान में नेताओं ने ईरान को क्षेत्रीय अस्थिरता और आतंक का ‘मुख्य स्रोत’ बताया। उन्होंने कहा कि ईरान को कभी परमाणु हथियार विकसित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और सभी पक्षों को तनाव कम करने की दिशा में बढ़ना चाहिए, जिसमें गाजा में युद्धविराम शामिल है।

हालांकि, इस्माइल बकाई ने दावा किया कि इजरायल ने बिना उकसावे के ईरान के खिलाफ आक्रामक युद्ध शुरू किया और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 2(4) का उल्लंघन करते हुए उसकी परमाणु साइटों पर हमला किया, जो शांतिपूर्ण परमाणु सुविधाओं पर बल प्रयोग या धमकी को रोकता है।

ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, "जी7 के सदस्य देशों, खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के तीन स्थायी सदस्यों को संयुक्त राष्ट्र के एक सदस्य के खिलाफ इस आक्रामक कार्रवाई के लिए अपनी कानूनी और नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए।"

पोस्ट में आगे कहा गया, "इजरायल का ईरान पर युद्ध संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के लिए हानिकारक है। यह परमाणु अप्रसार व्यवस्था और गैर-परमाणु राज्यों को ऐसे हमलों से कानूनी सुरक्षा प्रदान करने के सिद्धांतों पर अभूतपूर्व हमला है।"

बकाई के अनुसार, इजरायल के साथ चल रहे संघर्ष में सैकड़ों निर्दोष लोगों की हत्या की गई है। ईरानी सार्वजनिक और सरकारी सुविधाएं और लोगों के घर बर्बाद हो गए हैं। अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को निशाना बनाया गया है।

ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बकाई ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और इसके सदस्य देशों को संयुक्त राष्ट्र के उद्देश्य को विफल नहीं करना चाहिए।

उन्होंने कहा, "यूएनएससी को अपनी प्राथमिक जिम्मेदारी निभाते हुए तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और आक्रामक इजरायल को और अत्याचार करने से रोकना चाहिए। क्षेत्रीय स्थिरता के लिए इजरायल की आक्रामकता को तुरंत रोकना और अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन के लिए उसकी जवाबदेही जरूरी है।"

बकाई ने जी7 देशों के संयुक्त बयान को ‘एकतरफा बयानबाजी’ करार देते हुए कहा कि जी7 को अपना बयान छोड़कर वास्तविक तनाव के स्रोत को संबोधित करना चाहिए, जो ‘इजरायल की आक्रामकता’ है।

इससे पहले, जी7 नेताओं ने इजरायल की सुरक्षा का समर्थन किया और ईरान के साथ बढ़ते तनाव के बीच इजरायल के आत्मरक्षा के अधिकार की पुष्टि की।

जी7 नेताओं के बयान में कहा, "हम जी7 के नेता, मध्य पूर्व में शांति और स्थिरता के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं। इस संदर्भ में हम पुष्टि करते हैं कि इजरायल को आत्मरक्षा का अधिकार है। हम इजरायल की सुरक्षा के लिए अपने समर्थन को दोहराते हैं। हम नागरिकों की सुरक्षा के महत्व को भी रेखांकित करते हैं।"

बयान में आगे कहा गया, "ईरान क्षेत्रीय अस्थिरता और आतंक का मुख्य स्रोत है। हम लगातार स्पष्ट करते रहे हैं कि ईरान को कभी परमाणु हथियार नहीं बनाने दिया जा सकता। हम आग्रह करते हैं कि ईरानी संकट का समाधान मध्य पूर्व में व्यापक तनाव कम करने की दिशा में ले जाए, जिसमें गाजा में युद्धविराम शामिल है।"

इजरायल-ईरान संघर्ष मंगलवार को अपने पांचवें दिन में प्रवेश कर गया, और दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। इजरायली सेना ने पुष्टि की है कि ईरान से कई मिसाइलें इजरायल की ओर दागी गईं, जिसके कारण हाइफा और उत्तरी इजरायल तथा गोलान हाइट्स में दर्जनों शहरों में हवाई हमले की सायरन बजने लगी।

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ईरान-इजरायल संघर्ष: दूतावास ने भारतीय छात्रों को तेहरान से निकाला

ईरान-इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर भारतीय दूतावास, तेहरान में मौजूद भारतीय छात्रों को शहर से बाहर निकाल चुका है। इसके साथ ही अन्य लोग, जिनके पास खुद का ट्रांसपोर्ट है, उन्हें भी शहर से बाहर जाने की सलाह दी गई है।

इसके साथ ही कुछ भारतीयों को आर्मेनिया की सीमा के माध्यम से ईरान छोड़ने में मदद की गई है। दूतावास हरसंभव सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से अपने लोगों के साथ लगातार संपर्क में बना हुआ है।

भारत ने ईरान में अपने नागरिकों और भारतीय मूल के लोगों (पीआईओ) से इलाके में बढ़ते तनाव के मद्देनजर तेहरान खाली करने को कहा है। इन लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने और दूतावास से संपर्क में रहने का निर्देश दिया गया है।

ईरान में भारतीय दूतावास ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "सभी भारतीय नागरिक और पीआईओ, जो अपने संसाधनों का उपयोग करके तेहरान से बाहर निकल सकते हैं, उन्हें शहर के बाहर सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह दी जाती है। सभी भारतीय नागरिक, जो तेहरान में हैं और दूतावास के संपर्क में नहीं हैं, उनसे अनुरोध है कि वे तुरंत तेहरान में भारतीय दूतावास से संपर्क करें और अपना स्थान और कॉन्टैक्ट नंबर दें। कृपया +989010144557, +989128109115, +989128109109 पर संपर्क करें।

पिछले पांच दिनों से इजराइल-ईरान के बीच संघर्ष जारी है। दोनों देशों के बीच शत्रुता बढ़ती ही जा रही है। ईरान की ओर से इजरायल पर कई मिसाइलें दागी गई हैं, जिससे हाइफा और उत्तरी इजरायल के दर्जनों शहरों और समुदायों के साथ-साथ कब्जे वाले गोलान हाइट्स में एयर रेड साइरन बजने लगे हैं। इसकी पुष्टि इजरायली सेना ने की है।

इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी लोगों से तेहरान खाली करने को कह चुके हैं।

ट्रंप ने मंगलवार को 'ट्रुथ' पर पोस्ट किया, "ईरान को उस समझौते पर हस्ताक्षर करना चाहिए था, जिस पर हस्ताक्षर करने के लिए मैंने उन्हें कहा था। यह कितनी शर्म की बात है। यह मानव जीवन की बर्बादी है। सीधे शब्दों में कहें तो, ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकते। मैंने इसे बार-बार कहा है! सभी को तुरंत तेहरान खाली कर देना चाहिए!"

अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी घोषणा की कि वह मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव के बीच स्थिति पर बारीकी से नजर रखने के लिए कनाडा में ग्रुप ऑफ 7 (G7) शिखर सम्मेलन की अपनी यात्रा को छोटा कर देंगे।

कनाडा के रॉकीज में आयोजित शिखर सम्मेलन में ट्रंप ने पत्रकारों से कहा, "मुझे जल्द से जल्द वापस लौटना होगा। मुझे स्पष्ट कारणों से जल्दी वापस आना होगा।"

इस बीच इजरायल की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी कंपनी बाजन ने घोषणा की है कि ईरानी मिसाइल हमले से हुए नुकसान के कारण हैफा पोर्ट पर इसकी सभी सुविधाएं पूरी तरह से बंद कर दी गई हैं।

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