हालात

गुजरात के अहमदाबाद में आज ढहाए जाएंगे 2.5 हजार मकान, 75 बुलडोजर और 150 डंपर तैनात, कड़ी की गई सुरक्षा

प्रशासन ने इससे पहले 29 और 30 अप्रैल को पहले चरण में करीब 3 हजार मकानों पर बुलडोजर चलाया था।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

गुजरात के अहमदाबाद में प्रशासन आज से बड़ी कार्रवाई शुरू करने जा रहा है। प्रशासन के मुताबिक, यह कार्रवाई अवैध निर्माण के खिलाफ आज से शुरू की जाएगी। प्रशासन के अनुसार, शहर के चंदोला तालाब इलाके में दूसरे चरण के तहत करीब 2.5 हजार अवैध मकानों को गिराया जाएगा। पहले चरण में इलाके के करीब 3 हजार मकानों पर बुलडोजर चलाए गए थे। प्रशासन द्वारा की जाने वाली यह कार्रवाई कितनी बड़ी है, इस बात का अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि मकानों को ढहाने के लिए 75 बुलडोजर और 150 डंपर तैनात किए गए हैं। वहीं, सुरक्षा के लिए 8 हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।

प्रशासन ने इससे पहले 29 और 30 अप्रैल को पहले चरण में करीब 3 हजार मकानों पर बुलडोजर चलाया था। आरोप है कि इन मकानों में ज्यादातर अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के थे।

Published: undefined

गुजरात पुलिस ने पिछले कुछ हफ्तों में कथित तौर पर हजारों अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है कि इनमें बड़ी संख्या में अहमदाबाद में बांग्लादेशी रह रहे थे। प्रशासन का कहना है कि चंदोला लेक इलाके में चल रही इस कार्रवाई का मकसद अवैध कब्जों को हटाना है।

Published: undefined

कहा जाता है कि चंदोला लेक का इलाका लंबे समय से अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों का गढ़ बना हुआ था। आरोपों के मुताबिक, इस इलाके में अवैध कब्जे की शुरुआत 1970-80 के दशक में हुई थी, जब यहां बड़ी संख्या में प्रवासी बस्तियां बसाई गईं। 2002 में एक NGO ने इस क्षेत्र में सियासत नगर नाम से बस्ती बसाई थी। प्रशासन के मुताबिक, इस इलाके में लोगों ने बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण किए, जिनमें कई अवैध बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल हैं।

Published: undefined

गुजरात हाईकोर्ट में गया था ये पूरा मामला

गुजरात हाईकोर्ट अहमदाबाद के चंदोला झील क्षेत्र में बड़े पैमाने पर चलाए जा रहे मकान ढहाने के अभियान पर रोक लगाने से 29 अप्रैल को इनकार कर दिया था। चंदोला झील के 18 निवासियों के एक समूह ने राज्य सरकार द्वारा बिना किसी नोटिस के अतिक्रमण हटाने के अभियान को ‘अनुचित, अवैध और मनमाना’ बताते हुए चुनौती दी थी।

याचिकाकर्ताओं के वकील आनंद याज्ञनिक ने बताया कि न्यायमूर्ति मौना भट्ट ने यह देखते हुए ध्वस्तीकरण अभियान पर रोक लगाने से इनकार कर दिया कि याचिकाकर्ताओं के आवास जल निकाय के किनारे पर हैं और भूमि राजस्व संहिता की धारा 37 के अनुसार, ऐसी संरचनाओं को सरकार गिरा सकती है।

अदालत ने कहा कि चूंकि याचिकाकर्ता ‘अवैध अतिक्रमणकारी’ हैं, इसलिए उन्हें ध्वस्तीकरण से राहत नहीं दी जा सकती।

साथ ही, अदालत ने कहा कि यदि कोई याचिकाकर्ता सरकार की 2010 और 2013 की पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन नीतियों के अंतर्गत आता है, तो वे अहमदाबाद नगर निगम को विचार के लिए एक अभ्यावेदन दे सकते हैं।

चंदोला झील के निवासियों ने इस आधार पर ‘अवैध ध्वस्तीकरण’ पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी कि उन्हें बेदखली और ध्वस्तीकरण के लिए कोई नोटिस जारी नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि वे पिछले 6 दशकों से इस क्षेत्र में रह रहे हैं, तथा 1970 के दशक में उत्तर प्रदेश, बिहार व पश्चिम बंगाल से अहमदाबाद आकर बसे थे।

याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि उनके पास राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और आधार कार्ड जैसे सभी आवश्यक दस्तावेज हैं तथा बांग्लादेशी नागरिक होने के संदेह में उनके परिवार के सदस्यों को हिरासत में लेना अवैध है।

याचिकाकर्ताओं ने याचिका में दावा किया कि उन्हें तोड़फोड़ अभियान शुरू करने के बारे में कोई नोटिस नहीं दिया गया, बल्कि केवल मौखिक रूप से सूचित किया गया। उन्होंने कहा कि उन्हें वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराए बिना ऐसी कार्रवाई करना कानून के विरुद्ध है।

याचिकाकर्ताओं ने कहा कि इस अभियान को अंजाम देने के लिए, याचिकाकर्ताओं की राष्ट्रीयता के बारे में एक ‘झूठी व कपटपूर्ण कहानी’ बनाई गई कि वे बांग्लादेशी हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए उनके परिवार के कुछ सदस्यों को हिरासत में लिया गया था। 

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined