कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक नीतियों पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने दावा किया कि बीते एक दशक में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लिए गए पाँच बड़े फैसलों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को पूरी तरह तबाह कर दिया है और इसके लिए किसी अन्य को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। जयराम रमेश ने अपनी पोस्ट में लिखा, “नोटबंदी ने देश की विकास की रफ्तार को पूरी तरह पटरी से उतार दिया और करोड़ों भारतीयों की आजीविका बर्बाद कर दी।” उन्होंने नोटबंदी को आर्थिक आत्मघात करार देते हुए कहा कि यह एक ऐसा झटका था, जिससे लघु और मध्यम उद्योग अभी तक उबर नहीं पाए हैं।
इसके साथ ही उन्होंने वस्तु एवं सेवा कर (GST) की भी कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “बुनियादी रूप से दोषपूर्ण जीएसटी – जो न तो गुड है और न सिंपल – ने देशभर के हजारों व्यवसायों पर कहर बरपाया है। केवल बड़ी कंपनियाँ ही इसकी भारी अनुपालन लागत वहन कर पाई हैं।”
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जयराम रमेश ने दावा किया कि चीन से रिकॉर्ड स्तर पर आयात के कारण देशभर में लाखों MSMEs को अपने दरवाज़े बंद करने पड़े हैं। उन्होंने कहा कि केवल गुजरात में ही स्टेनलेस स्टील उद्योग से जुड़ी एक-तिहाई MSMEs बंद हो चुकी हैं।
निजी निवेश की गिरती गति को भी उन्होंने गंभीर मुद्दा बताया और आरोप लगाया कि भारतीय उद्योगपति तेजी से विदेशों की नागरिकता ले रहे हैं। उन्होंने लिखा, “राजनीतिक प्रतिशोध, उगाही आधारित छापामारी और मोदानी के बढ़ते प्रभाव ने अर्थव्यवस्था से विश्वास समाप्त कर दिया है।”
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उन्होंने यह भी कहा कि बीते दशक में अधिकांश भारतीयों की मजदूरी ठहर गई है और घरेलू बचत में भारी गिरावट दर्ज हुई है, जबकि घरेलू कर्ज लगातार बढ़ा है। उनका कहना है कि निजी उपभोग ठप है, जबकि भोग-विलास का उपभोग जारी है, जो आर्थिक असमानता के बढ़ने का संकेत है। जयराम ने तंज कसते हुए कहा, “मोदी सरकार और उसके समर्थक एक काल्पनिक दुनिया में जी रहे हैं। वे देश की वास्तविक आर्थिक स्थिति को स्वीकार करने से कतरा रहे हैं।”
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